हमारे आयोजन

10 वां अंतर्राष्ट्रीय सोशल मीडिया मैत्री सम्मेलन भूटान में आयोजित।




‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ एवं सामाजिक संस्था 'हम सब साथ साथ हैं' के संयुक्त तत्वावधान में भूटान में 16-22 सितम्बर, 2023 को ‘10 वां अंतर्राष्ट्रीय सोशल मीडिया सम्मेलन’ भूटान के फुन्त्सोलिंग, थिंपु और पारो शहरों में आयोजित किया गया, जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों के 50 तथा भूटान के 15 स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया। इस सांस्कृतिक यात्रा में हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से श्री सुधाकर पाठक, श्री विनोद पाराशर और श्री रामसिंह मेहता ने अपनी भागेदारी की। अलग - अलग शहरों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के साथ ही उन स्थानों पर काव्य गोष्ठियों, परिचर्चा और विमर्श सत्र का आयोजन हुआ। 20 सितम्बर, 2023 को सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के विभिन्न शहरों से पधारे कलाकारों व भूटान के स्थानीय कलाकारों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें गायन, नृत्य, भाषण, योग, अभिनय व बाँसुरी वादन शामिल रहा । इस अवसर पर सभी सहभागी कलाकारों को सम्मानित भी किया गया ।

राजभाषा पखवाड़े के अवसर पर सांस्कृतिक समारोह का आयोजन

हिन्दी पखवाड़े के अवसर पर ‘इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र’ एवं ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ के संयुक्त तत्त्वावधान में दो दिवसीय (26-27 सितम्बर, 2023) सांस्कृतिक समारोह सफलतापूर्वक आयोजित हुआ । कार्यक्रम का उद्घाटन 26 सितम्बर, 2023 को सांस्कृतिक कार्यक्रम के पहले दिन संगीत एवं नाटक विभाग के कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न प्रांतों के लोक नृत्यों को प्रस्तुत किया गया । सांस्कृतिक समारोह के दूसरे दिन विशिष्ट अतिथि के रूप में जेल सुधारक एवं मीडियाकर्मी डॉ. वर्तिका नंदा, डॉ. जीतराम भट्ट एवं श्री सुधीर लाल, प्रभारी, कलानिधि, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र मंचासीन थे । कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति थी । लखनऊ से पधारे बाँसुरी वादक श्री मुकेश कुमार ‘मधुर’ की बाँसुरी वादन ने सभागार में उपस्थित सभी को मंत्रमुग्ध किया । डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, जसोला विहार के छात्रों ने देशभक्तिपूर्ण सामूहिक गीत प्रस्तुत किया तो अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल, दिलशाद गार्डन के छात्रों ने साइबर क्राइम पर केंद्रित नुक्कड़ नाटक और माउंट कार्मेल स्कूल, द्वारका के छात्रों ने पर्यावरण पर केन्द्रित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन सहभागिता करने वाले विद्यालयों, छात्रों, शिक्षकों एवं कवियों को पुरस्कार वितरण एवं सम्मान अर्पण करके किया गया । छात्रों को सम्मान स्वरूप नकद पुरस्कार राशि, सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह एवं मेडल्स भेंट किए गए ।


‘हिन्दुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान’ एवं ‘गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल’ पुस्तक का लोकार्पण





‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ द्वारा रविवार, 5 नवम्बर, 2023 को एन.डी. तिवारी भवन, आई.टी.ओ के सभागार में ‘हिन्दुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान’ एवं ‘गुलदस्ता-ए- ग़ज़ल’ ( साझा ग़ज़ल संग्रह) पुस्तक का लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन हुआ । मंचासीन अतिथियों में मशहूर उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी, श्री देवेंद्र मांझी और डॉ. केशव मोहन पांडेय उपस्थित थे । हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी ने अपने स्वागत वक्तव्य में मंचासीन अतिथियों सहित सभी आमंत्रित अतिथियों का आभार ज्ञापित किया । इस योजना हेतु अखिल भारतीय स्तर पर साहित्य की ग़ज़ल विधा पर प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई थी, जिसमें लगभग 175 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। एक लम्बी प्रक्रिया द्वारा 175 ग़ज़लकारों में से 50 ग़ज़लकारों का चयन और उनमें से एक सर्वश्रेष्ठ ग़ज़लकार का चयन किया गया है । सर्वश्रेष्ठ ग़ज़लकार के रूप में निर्णायक द्वारा मेरठ, उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ ग़ज़लकर श्री ब्रृज राज किशोर ‘राहगीर’ को चुना गया । इस योजना के अंतर्गत चयनित 50 ग़ज़लकारों के बेहतरीन 2/2 ग़ज़लों को संकलित किया गया है, जिसे ‘गुलदस्ता-ए-ग़ज़ल’ के नाम से प्रकाशित किया गया है। श्री बृजराज किशोर ‘राहगीर’ को हिन्दुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान - 2023 से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें शाल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, पुस्तक’'गुलदस्ता-ए- ग़ज़ल’ की प्रति तथा नगद सम्मान राशि भेंट की गई । अन्य चयनित सभी ग़ज़लकारों को भी स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर सभी ग़ज़लकारों ने अपनी एक-एक प्रतिनिधि ग़ज़ल का पाठ भी किया ।

‘भारतीय भाषा दिवस’ पर भव्य 'भारतीय भाषा उत्सव' का आयोजन।

‘इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र' एवं ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘भारतीय भाषा दिवस’ के उपलक्ष्य में बुधवार, 6 दिसम्बर, 2023 को तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में ‘भारतीय भाषा उत्सव’ के अंतर्गत भारतीय भाषाओं के ‘मेधावी छात्र एवं भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह’ का भव्य आयोजन हुआ । सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राष्ट्रपति माननीय राम नाथ कोविन्द जी तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी जी की गरिमामयी उपस्थित थी । विशिष्ट अतिथियों के रूप में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानन्द जोशी जी, डॉ. अजीत कुमार जी, निदेशक (रा.भा.) इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक मंचासीन थे । चार सत्रों में विभाजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में भारतीय भाषाओं के मेधावी छात्रों और भाषा शिक्षकों को देखकर मुझे अत्यंत गौरव की अनुभूति हो रही है। उन्होंने भारतीय भाषा उत्सव आयोजित करने के लिए दोनों संस्थाओं को बधाई दी । दूसरे सत्र में 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में भारतीय भाषाओं में 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले दिल्ली एवं गुरुग्राम के प्रतिष्ठित 268 विद्यालयों 8166 मेधावी छात्रों को ‘भाषा दूत सम्मान’, शत प्रतिशत (100%) अंक प्राप्त करने वाले 145 मेधावी छात्रों को ‘भाषा रत्न सम्मान’ एवं 9 भारतीय भाषाओं (हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, सिन्धी और उर्दू) के 742 भाषा शिक्षकों को ‘भाषा गौरव शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में नई दिल्ली नगर निगम के उपाध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, विशिष्ट अतिथियों के रूप में शिक्षाविद एवं जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नंदा, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश नाथ झा, राजभाषा, गृह मंत्रालय के उप संपादक डॉ. धनेश द्विवेदी, शिक्षाविद एवं लेखक डॉ. पवन विजय, डॉक्टर जीतराम भट्ट, निदेशक, डा.गो.गि.ला.शा प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, दिल्ली, डॉ. नमिता राकेश, श्री किशोर श्रीवास्तव, श्री अनिल जोशी, पूर्व उपाध्यक्ष केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल उपस्थित थे ।


काव्य संध्या "आजादी के तराने" आयोजित



रविवार, 13 अगस्त, 2023: देशभक्ति से ओत-प्रोत "आजादी के तराने" - काव्य संध्या हिंदुस्तानी भाषा अकादमी एवं 'हम सब साथ-साथ' के संयुक्त तत्वावधान में सैक्टर-7, रोहिणी में आयोजित हुई। मां सरस्वती की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवलन के उपरांत राष्ट्रगान के साथ वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जय सिंह आर्य की अध्यक्षता एवं प्रसिद्ध कवि विनय विनम्र की उपस्थिति में दिल्ली-एनसीआर से आमंत्रित पैंतीस से अधिक कवि-कवियित्रियों ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इस काव्य संध्या में अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष सुधाकर पाठक, विजय शर्मा, विनोद पाराशर, सुशील भारती ने गरिमापूर्ण उपस्थिति दर्ज की। उक्त साहित्य सम्मेलन का मंच संचालन किशोर श्रीवास्तव ने किया। इसी अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका हिन्दुस्तानी भाषा भारती के नवीनतम अंक का विधिवत विमोचन भी किया गया। अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने 2015 से लेकर वर्तमान तक अकादमी की यात्रा तथा भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी एवं किरोड़ीमल महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविद्यालय) के संयुक्त तत्वावधान में 'मातृभाषा महोत्सव' संपन्न।

मंगलवार, 21 फरवरी 2023- 'अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस' के अवसर हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' एवं किरोड़ीमल महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय 'मातृभाषा महोत्सव' का भव्य आयोजन किया गया। चार सत्रों में आयोजित में अनेक महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा विद्वानों ने सहभागिता की। "मातृभाषा' के उन्नयन के माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण" विषयक पर केंद्रित परिचर्चा के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर के. पी. सिंह, निदेशक गांधी भवन, दिल्ली विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर निरंजन कुमार, अधिष्ठाता योजना एवं मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम, दिल्ली विश्वविद्यालय तथा किरोड़ीमल महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश खट्टर ने अपने-अपने सारगर्भित विचार रखे। दूसरे सत्र विभिन्न महाविद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं के मध्य एक वक्तव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे केंद्रीय हिंदी निदेशालय के सहायक निदेशक डॉक्टर दीपक पांडे, डॉ नूतन पांडे,आधुनिक भारतीय भाषा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वेंकट रमय्या गंपा (तेलगु भाषा) तथा प्रोफेसर उमा देवी (तमिल भाषा) तथा हिंदू महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार राय ने भी अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में ' बहुभाषी कविता पाठ' का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अपनी कविताएं पढ़ी। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में पुरस्कार विजेता छात्र-छात्राओं को मेडल व स्मृति तथा काव्य पाठ में सभी सहभागी छात्र-छात्राओं व कवियों को मेडल वह प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।।


दिल्ली के शिक्षकों के लिए ‘लघुकथा वाचन प्रतियोगिता’ का आयोजन सम्पन्न।



रविवार, 22 जनवरी, 2023 को हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा अकादमी के रोहिणी स्थित सभाकक्ष में दिल्ली प्रदेश के शिक्षकों के लिए ‘लघुकथा वाचन प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता में प्रतिष्ठित विद्यालयों के लगभग 30 शिक्षकों ने प्रतिभागिता की । मुख्य अतिथि के रूप में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के पूर्व अध्यक्ष, प्रो. अवनीश कुमार, विशिष्ट अतिथि एवं निर्णायक मण्डल के रूप में सुविख्यात साहित्यकार श्री विवेक मिश्र एवं सुश्री वन्दना गुप्ता, लेखिका एवं समीक्षक तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी मंचासीन थे । दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यापर्ण के बाद कार्यक्रम को विधिवत रूप से शुरू किया गया।

निर्णायक मण्डल द्वारा प्रस्तुति के आधार पर श्री सतीश खनगवाल, सर्वोदय बाल विद्यालय, ए-ब्लॉक, विकासपुरी को प्रथम स्थान, श्रीमती करुणा बागची, दिल्ली पब्लिक स्कूल, इंदिरापुरम को द्वितीय स्थान तथा सुश्री सुनीता चढ्ढा, मॉटर डे स्कूल को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ । विजेताओं को नकद राशि एवं स्मृति चिन्ह तथा सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।

हिंदी पखवाड़े के अवसर पर सांस्कृतिक समारोह का आयोजन ।

बुधवार, 28 सितम्बर, 2022 को हिंदुस्तानी भाषा अकादमी एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के द्वारा सम्वेत सभागार में हिंदी पखवाड़े के अवसर पर सांस्कृतिक समारोह का भव्य आयोजन किया गया। दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा प्रस्तुत एकल भाव नृत्य, सामूहिक नृत्य नाटिका, सामूहिक गीत प्रस्तुति, पर्यावरण संरक्षण पर लघु नाटिका, हिंदी की दुर्दशा पर नुक्कड़ नाटक सहित कई मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह में गीत एवं नाटक विभाग, भारत सरकार के कलाकारों द्वारा भारतवर्ष के विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुति ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सुविख्यात कलाकार एवं बहुमुखी प्रतिभा संपन्न श्री किशोर श्रीवास्तव ने इस पूरे समारोह का रुचिकर ढंग से सफल संचालन किया। कला केंद्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस समारोह को बहुत पसंद किया। इस अवसर पर कला केंद्र के निदेशक श्री अजीत कुमार ने हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के इस प्रयास की प्रशंसा की।


एक दिवसीय ' भाषा महोत्सव' का आयोजन ।




शनिवार, 24 सितम्बर, 2022 को हिंदुस्तानी भाषा अकादमी एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सम्वेत सभागार में एक दिवसीय ‘भाषा महोत्सव’ का आयोजन सम्पन्न हुआ । चार सत्रों में आयोजित इस अद्भुत कार्यक्रम के उद्घाटन एवं परिचर्चा सत्र में डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी, सदस्य सचिव, श्री आनंद कुमार मिश्रा, उपायुक्त, दिल्ली पुलिस, श्री बालेंदु शर्मा दाधीच, निदेशक, माइक्रोसॉफ्ट, डॉ. लक्ष्मीशंकर बाजपेई, वरिष्ठ साहित्यकार, श्री अजीत कुमार, निदेशक एवं प्रभारी, राजभाषा, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र एवं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक मंचासीन थे । दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना से शुभारम्भ हुए इस समारोह में अपने स्वागत वक्तव्य में श्री सुधाकर पाठक ने ‘भाषा महोत्सव’ की परिकल्पना, उद्देश्य और इसकी पूरी प्रक्रिया की विवेचना की । उन्होंने कहा कि साहित्यिक एवं शैक्षिक जगत में यह एक अनूठा प्रयोग है, जिसके माध्यम से हम विश्वविद्यालय स्तर पर नई पीढ़ी को अपनी भाषा से जोड़ने का बाल प्रयास कर रहे हैं। अपने आधार वक्तव्य में डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी ने कहा कि युवाओं के बीच भाषा महोत्सव जैसे आयोजन का होना भविष्य की संभावनाओं की खोज है । हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की इस पहल को अनुकरणीय बताते हुए उन्होंने भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार और संवर्धन के क्षेत्र में हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की प्रतिबद्धता की प्रंशसा की । डॉ. लक्ष्मीशंकर बाजपेई ने ‘भाषा, साहित्य, संस्कृति और युवा’ विषय पर, बालेंदु शर्मा दाधीच ने ‘प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर हिंदी’ तथा आनंद कुमार मिश्रा ने ‘युवाओं के व्यक्तित्व निर्माण और रोजगार में हिन्दी की भूमिका’ विषय पर अपने सारगर्भित उद्बोधन से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र (भाषण प्रतियोगिता एवं पुरस्कार वितरण सत्र) में मंचासीन विशिष्ट अतिथियों के रूप में श्री दीपक दुबे, अध्यक्ष यू.पी.कल्चरल फोरम, डॉ. धनेश द्विवेदी, उप संपादक, राजभाषा, गृह मंत्रालय, डॉ. जीतराम भट्ट, सचिव, हिंदी अकादमी, श्री सुधाकर पाठक, अध्यक्ष, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी उपस्थित थे । निर्णायक मण्डल के रूप में डॉ. ज्योत्सना शर्मा, संपादक, राज्यसभा सचिवालय, डॉ. हेमा द्विवेदी, शिक्षाविद्, डॉ. रामकिशोर यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय उपस्थित थे । अन्तर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता के प्राथमिक चरण के अंतर्गत चयनित 30 श्रेष्ठ वक्ताओं के बीच हुए अन्तिम चरण की भाषण प्रतियोगित में सुश्री विशाखा, कालिंदी कॉलेज को प्रथम स्थान, श्री अभ्युदय कुमार मिश्र, आत्म राम सनातन धर्म महाविद्यालय को द्वितीय स्थान और श्री मनीष कुमार झा, आई. एम. एस. लॉ कॉलेज, नोएडा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ । विजेताओं को क्रमश: नकद पुरस्कार राशि 3100/-, 2100/-, 1100/- के साथ प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ भेंट किए गए । 4 से 10 श्रेणी में आने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह तथा शेष 20 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं मैडल देकर सम्मानित किया गया। प्राथमिक चरण की प्रतियोगिता में प्रतिभागिता करने वाले सभी छात्रों को सहभागिता प्रमाण-पत्र दिए गए ।

दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन महाविद्यालयों में आयोजित हुई अंतर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता ।

इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्त्वावधान में एक दिवसीय ‘भाषा महोत्सव’ के प्राथमिक चरण के अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन अलग-अलग केन्द्रों में अंतर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । अंतर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता के लिए श्याम लाल कॉलेज, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स और श्री वेंकटेश्वर कॉलेज को केन्द्र बनाया गया था जिसके लिए 40 महाविद्यालयों से 100 से अधिक पंजीकृत प्रतिभागियों की प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थी । इस योजना के तहत प्रथम आयोजन शुक्रवार, 9 सितम्बर, 2022 को श्याम लाल कॉलेज में सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम में हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, हिन्दुस्तानी भाषा भारती (त्रैमासिक पत्रिका) के प्रबन्ध संपादक श्री विजय कुमार शर्मा, निर्णायक की भूमिका में डॉ. सुधा शर्मा 'पुष्प' एवं डॉ.रमेश कुमार बर्नवाल मंचासीन थे । इसी तरह द्वितीय आयोजन शनिवार, 10 सितम्बर, 2022 को श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्रो. डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’ने कॉलेज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसकी वर्तमान प्रतिष्ठा से अवगत कराया। निर्णायक की भूमिका में श्री राज कुमार महतो, राजभाषा अधिकारी, भारत पेट्रोलियम एवं डॉ. अभय जैन उपस्थित थे । अपने सम्बोधन में श्री सुधाकर पाठक ने मिडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में हिन्दी की स्थिति, वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी की उपस्थिति, समाज में आम बोलचाल के रूप में हिन्दी का बदलता स्वरूप, हिन्दी का रोमनीकरण, विकसित अर्थव्यस्था कही जाने वाली देशों की भाषा, भारतीय भाषाएँ और संस्कृति जैसे गंभीर विषयों को रेखांकित किया। ‘अंतर-महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता’ का तृतीय (अंतिम) आयोजन शनिवार, 17 सितम्बर, 2022 को श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय सभागार में सम्पन्न हुआ । मंचासीन अतिथियों में हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, हिन्दुस्तानी भाषा भारती के प्रबन्ध संपादक श्री विजय शर्मा, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रोफेसर डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य श्री विनोद पाराशर तथा निर्णायक की भूमिका में डॉ. नमिता पांडेय, डॉ. कुलभूषण शर्मा एवं डॉ. अरविंद कुमार मीना उपस्थित थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. राम किशोर यादव ने की । इस पूरे कार्यक्रम आयोजन की मुख्य भूमिका में हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. मुकुल शर्मा जी थे जिन्होंने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से कार्यक्रम संचालन भी किया । इस पूरी प्रक्रिया में विभिन्न कॉलेजों से आए हुए पंजीकृत प्रतिभागियों ने बड़े अनुशासन के साथ अपने-अपने चयनित विषयों पर ओजपूर्ण भाषण प्रस्तुत किए। तीनों केन्द्रों से निर्णायक मण्डल द्वारा कुल 30 (10+10+10) श्रेष्ठ वक्ताओं को निर्णायक चरण (फाइनल राउंड) के लिए चयनित किया गया ।





हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ द्वारा पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा का सम्मान समारोह।




शनिवार, 20 अगस्त, 2022 - नारायण दत्त तिवारी भवन, जवाहर लाल नेहरू विश्व युवा केंद्र, नई दिल्ली के सभागार में सुविख्यात हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा को सम्मानित किया गया । दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से शुभारम्भ हुए इस सम्मान समारोह में गीत ऋषिका सुश्री सीता सागर, गीतकार श्री गुरबीर राणा और हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी मंचासीन थे । कार्यक्रम के प्रारंभ में ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ पत्रिका की परामर्श संपादक एवं सलाहकार सुश्री सुरेखा शर्मा ने हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से अकादमी का परिचय दिया । सम्पादकीय सलाहकार डॉ. वनीता शर्मा ने सुरेन्द्र शर्मा जी का परिचय दिया । इस अवसर पर सम्पादकीय सलाहकार सुश्री गरिमा संजय एवं केंद्रीय कार्यसमिति की सदस्य डॉ. कविता कपूर द्वारा निर्मित सुरेन्द्र शर्मा जी के साहित्यिक जीवन पर केंद्रित वृत्त-चित्र की प्रस्तुति ने सभागार में उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया । अपने स्वागत वक्तव्य में श्री सुधाकर पाठक जी ने सुरेंद्र शर्मा जी के बहुआयामी व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि अधिकतर लोग उन्हें केवल एक हास्य कवि के रूप में ही जानते हैं, किन्तु उनकी सोच और चिंतन का दायरा बहुत बड़ा है । आध्यात्मिक और दार्शनिक चेत से युक्त संवेदनशील कवि होने के साथ वे एक अच्छे मित्र और सहज मनुष्य भी हैं । उन्होंने आगे कहा कि ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी । इतने लम्बे समय से लगातार अकादमी को उनकी बहुमूल्य सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है । विगत वर्षों में उनके मार्गदर्शन में अकादमी ने भाषाई क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण आयोजन भी किए हैं । अकादमी की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अकादमी परिवार अपने वरिष्ठ और बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें । इस सम्मान समारोह का उद्देश्य भी यही है । अकादमी के संपादक मंडल एवं केंद्रीय कार्यसमिति के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से शॉल, पुष्पगुच्छ, फूलमाला, पगड़ी, तुलसी का पौधा, श्रीकृष्ण की प्रतिमा एवं उपहार भेंट कर आदरणीय पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा जी को सम्मानित किया । दिल्ली-एनसीआर से पधारे हुए कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया । गीत ऋषिका सीता सागर के गीतों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ एवं ‘हम सब साथ साथ’ संस्था द्वारा ‘आज़ादी के असली मायने’ विषय पर परिचर्चा।

रविवार, 14 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ‘हिंदुस्तानी भाषा अकादमी’ एवं ‘हम सब साथ साथ’ संस्था द्वारा रोहिणी स्थित हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के सभागार में ‘आज़ादी के असली मायने’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से परिचर्चा को विधिवत रूप से शुभारंभ हुआ । मंचासीन अतिथियों में ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, ‘हम सब साथ साथ’ के संस्थापक श्री किशोर श्रीवास्तव, डॉ. अरविन्द त्यागी, व्यवसायी एवं साहित्यकार श्री राजीव तनेजा एवं श्रीमती संजू तनेजा (दम्पत्ति) उपस्थित थीं । आज़ादी के 75 वें वर्ष तक आते-आते भारतीय सन्दर्भ में आज़ादी की परिभाषा में कितना कुछ बदल गया है और लोगों ने आज़ादी के नाम पर किस तरह से आज़ादी का ही दुरुपयोग कर, दूसरों की आज़ादी का हनन किया है, जैसे ज्वलंत और गंभीर मुद्दों पर उपस्थित वक्ताओं ने विभिन्न संस्मरणों और कटु अनुभवों को साझा करते हुए वर्तमान परिस्थिति में आज़ादी के असली मायनों पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता की भूमिका का निर्वहन करते हुए श्री सुधाकर पाठक जी ने अपने उद्बोधन में देश की आज़ादी में अतुलनीय योगदान देने वाले असंख्य बलिदानियों, वीर-वीरांगनाओं और शहीदों की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए । उन्होंने इतिहास की पुस्तकों पर अलिखित वीर योद्धाओं के संघर्षों को भी स्मरण किया । डॉ. अरविंद त्यागी तथा किशोर श्रीवास्तव ने भी आयोजन के विषय पर चर्चा करते हुए अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए ।




‘प्राथमिक सदस्यों का सम्मान, काव्य पाठ एवं पुस्तक लोकार्पण’ का आयोजन ।



रविवार, 10 जुलाई, 2022 - अकादमी के सभाकक्ष में वर्ष 2022 के लिए चयनित प्राथमिक सदस्यों का सम्मान समारोह, काव्य पाठ एवं पुस्तक लोकार्पण का आयोजन संपन्न हुआ । समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ओम निश्चल ने की। हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि अकादमी के उद्देश्यों, योजनाओं एवं गतिविधियों के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं वृहत रूप में विस्तार करने के उद्देश्य से अकादमी ने अपनी एक महत्त्वकांक्षी योजना ‘नि:शुल्क सदस्यता अभियान’ चलाया था जिसके तहत अकादमी को देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थी । प्राप्त प्रविष्टियों में से कुल 151 लोगों को वर्ष 2022 के लिए प्राथमिक सदस्यों के रूप में अकादमी से जोड़ा गया । प्राथमिक सदस्यों में ऐसे लोगों को सम्मिलित किया गया है जो लम्बे समय से शिक्षा, साहित्य और समाज सेवा से जुड़े हुए हैं । उन्होंने आगे कहा कि हम कई वर्षों से बच्चों एवं भारतीय भाषाओं के शिक्षकों के लिए विभिन्न कार्यशालाएँ एवं सम्मान समारोह आयोजित करते आ रहे हैं और इसका विद्यालयों, अभिभावकों एवं छात्रों में गुणात्मक एवं सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा हैं । इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ के हरियाणवी विशेषांक के साथ संवेदनशील लेखिका सुश्री यति शर्मा की दो पुस्तकों का भी लोकार्पण भी किया गया । मुख्य अतिथि डॉ. सच्चिदानंद जोशी एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ओम निश्चल जी के हाथों से नए सदस्यों को परिचय पत्र, अंग वस्त्र एवं पुस्तक भेंट करके सम्मानित किया गया । अपने उद्बोधन में बोलते हुए डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी ने कहा कि एक अच्छा लेखक वो नहीं होता जो अपने अनुभवों को ज्यों का त्यों लिखे । एक अच्छा लेखक वो होता है जो अनुभवों को पहले माँझे और अपने विचारों को मथकर नए निचोड़ निकालते हुए लिखे । इस अवसर पर लेखिका सुश्री यति शर्मा, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के पूर्व अधिकारी एवं संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड विद्वान आचार्य विद्या प्रसाद मिश्र एवं पुस्तक के प्रकाशक डॉ. सत्यवीर सिंह ने भी अपने-अपने विचार रखे ।

गणतंत्र दिवस पर ' बाल काव्य प्रतियोगिता ' का आयोजन।

बुधवार, 26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर बाल काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में दिल्ली तथा एनसीआर के विद्यालयों के छात्रों ने भागीदारी की। इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में लेखिका डॉ. अनिता सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। इस प्रतियोगिता में सम्मिलित सभी प्रतिभागियों ने देशभक्तिपूर्ण रचनाओं के पाठ से सबका मन मोह लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान - खुशी शर्मा (एस के आर पब्लिक स्कूल, इंद्रपुरी दिल्ली), द्वितीय स्थान - शीनत ओबरॉय (इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल, द्वारका, दिल्ली), तृतीय स्थान - अंशुल शर्मा (अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल, दिलशाद गार्डन, दिल्ली), तृतीय स्थान (संयुक्त) - तन्वी गुप्ता, वेद व्यास डी ए वी स्कूल प्राप्त किया। सभी प्रतिभागियों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।


’व्यक्तित्व निर्माण में मातृभाषा का योगदान’ एवं काव्य पाठ का आयोजन


इस अवसर पर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लेखकों, साहित्यकारों और शिक्षकों ने सहभागिता की तथा उपरोक्त विषय पर प्रभावशाली अंदाज में अपने विचार रखे। इस अवसर पर काव्यपाठ का भी आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने मातृभाषा को केंद्र में रखते हुए रचनाओं का पाठ किया। अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि आने वाले समय में वही भाषाएं जीवित रहेंगी जिनका अपना समृद्ध साहित्य, लिपि और व्याकरण है और जो बोलने में सरल हैं, जो शिक्षा और रोजगार से जुड़ी हुई होंगी।।

नए पंजीकृत सदस्यों के स्वागत में ऑनलाइन ‘परिचय एवं अभिनन्दन समारोह’ हुआ सम्पन्न

‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ की महत्त्वकांक्षी योजना *‘नि:शुल्क वार्षिक सदस्यता अभियान’ के तहत रविवार, 27 फरवरी, 2022 को रोहिणी, दिल्ली स्थित अकादमी के सभाकक्ष में नए सदस्यों के स्वागत में ऑनलाइन ‘परिचय एवं अभिनन्दन समारोह’ सम्पन्न हुआ । ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ द्वारा वर्ष 2022 के लिए अखिल भारतीय स्तर पर नि:शुल्क वार्षिक सदस्यता हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई थी ।इस अभियान में 17 राज्यों के लोगों द्वारा अकादमी को प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई हैं जो लम्बे समय से शैक्षिक, साहित्यिक एवं समाज सेवा के क्षेत्रों में आबद्ध हैं और सक्रियता से कार्य कर रहे हैं । प्राप्त प्रविष्टियों में से वर्ष 2022 के लिए कुल 151 सदस्यों को पंजीकृत सदस्य के रूप में चयनित किया गया है । नए सदस्यों के स्वागत में आयोजित इस अभिनन्दन समारोह का दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ शुभारम्भ किया गया । हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के यशस्वी अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन में सर्वप्रथम नए सदस्यों को अकादमी के परिचय से अवगत कराया गया । तत्पश्चात अकादमी के केंद्रीय कार्यसमिति के पदाधिकारियों ने अपना परिचय देते हुए नए सदस्यों का अभिनन्दन किया तथा अकादमी से जुड़ने पर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की ।ह्न देकर सम्मानित किया गया।


दिल्ली प्रांत के शिक्षकों के लिए भारतीय भाषाओं पर केंद्रित भाषण-प्रतियोगिता-2022 का आयोजन ।


22 मई, 2022 (रविवार) 'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' की ओर से संस्था के रोहिणी (दिल्ली) सभागार में एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन की खास विशेषता यह रही कि सभी प्रतियोगी देश की राजधानी दिल्ली के सरकारी व निजी विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षक थे।इस प्रतियोगिता में कुल 25 शिक्षकों ने भाग लिया। कुछ शिक्षकों ने'व्यक्तित्व-निर्माण में मातृ-भाषा का योगदान' सहित कई अन्य संबंधित विषयों पर बड़े ही प्रभावी ढंग से अपने अपने विचार रखे। निर्णायक मंडल में हिंदी साहित्य व भाषा से जुड़े विद्वान थे-डॉ करुणा शर्मा, डॉ हेमा द्विवेदी व डॉ धनेश द्विवेदी। विद्वानों ने सर्व-सम्मति से 'जसपाल कौर पब्लिक स्कूल' शालीमार बाग की सुश्री राशि गुप्ता को प्रथम, राजकीय सह शिक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय, बिंदापुर की डॉ. सारिका शर्मा को द्वितीय तथा रामजस स्कूल, पूसा रोड की श्रीमती चंद्रवती को तृतीय पुरस्कार के लिए चुना। सभी पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार राशि, प्रतीक चिह्न व प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। अन्य सहभागी प्रतियोगियों को भी सहभागिता प्रमाण-पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदुस्तानी भाषा भारती' के नए अंक का लोकार्पण भी किया गया । पुरस्कारों व सहभागिता प्रमाण-पत्रों का वितरण-निर्णायक मंडल, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर रवि शर्मा, संस्था के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों श्री विजय शर्मा, श्रीमती सुरेखा शर्मा, श्री राजकुमार श्रेष्ठ डॉ सोनिया अरोड़ा, डॉ वनिता शर्मा के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थान की केंद्रीय कार्यसमिति में शामिल किये गये नये सदस्य श्री विनोद पाराशर, डॉ. करुणा शर्मा, डॉ. कविता कपूर व सुश्री जया टंडन को परिचय पत्र व संस्थान का प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह :


दिल्ली प्रदेश एवं गुरुग्राम (हरियाणा) के 150 विद्यालयों के 08 भारतीय भाषाओं के लगभग 350 भाषा शिक्षकों के सम्मान में आयोजित हुआ समारोह। *******

रविवार, 19 सितंबर, 2021 को हिंदी अकादमी, दिल्ली एवं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्त्वाधान में भारतीय भाषायों के शिक्षकों को सम्मानित किया गया। ज्ञात हो कि हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा पिछले पांच वर्षों से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में भारतीय भाषाओं में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। इसी के साथ ही इस कड़ी में इन मेधावी विद्यार्थियों के भाषा शिक्षकों को भी 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान' से सम्मानित किया जाता है। सेंट कोलंबो पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा के सभागार में हुए इस भव्य समारोह की अध्यक्षता सुविख्यात हास्य कवि एवं चिंतक पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने की। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बाहरी जिला, दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्री आनंद कुमार मिश्रा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. जीतराम भट्ट, सचिव, हिंदी अकादमी, दिल्ली तथा श्री चमनलाल शर्मा, चैयरमेन, सेंट कोलंबो पब्लिक स्कूल ने मंच की शोभा बढ़ाई। हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक के सानिध्य में हुए इस सम्मान समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सामूहिक राष्ट्रगान से हुआ। इस अवसर पर हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के 'संस्था गीत' 'आओ हिंदुस्तानी भाषा अकादमी से जुड़ जाएं' का विमोचन हुआ।

अतिथि के रूप में युवा पुलिस अधिकारी श्री आनंद कुमार मिश्रा ने कहा कि हमारी भाषाओं और हमारी संस्कृति की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इनको कोई नहीं मिटा सकता है। कोरोना प्रोटोकॉल के कारण सीमित संख्या में शिक्षकों को आमंत्रित किया गया था। इस समारोह ने कुल 208 शिक्षकों को 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान' से सम्मानित किया गया।


'पुस्तक लोकार्पण, परिचर्चा एवं लेखकों का सम्मान'


‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ की नि:शुल्क पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत अकादमी द्वारा प्रकाशित भाषा शिक्षकों के शोधपरक लेखों का संग्रह ‘प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में भारतीय भाषाओं के समक्ष चुनौतियां’ का रविवार, 8 अगस्त 2021 को अकादमी के सभा-कक्ष में लोकार्पण सम्पन्न हुआ । दीप प्रज्ज्वलन एवं सामूहिक राष्ट्रगान से कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया । समारोह मुख्य अतिथि के रूप में हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट एवं अध्यक्ष के रूप में भारतीय योग संस्थान के वरिष्ठ सलाहकार श्री शरत चंद अग्रवाल और अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। मंचासीन अतिथियों द्वारा पुस्तक एवं हिन्दुस्तानी भाषा भारती पत्रिका के नवीन अंक का लोकार्पण किया गया । अपने स्वागत वक्तव्य में श्री सुधाकर पाठक जी ने इस शोधपरक पुस्तक प्रकाशन की योजना, इसका उद्देश्य, चयन प्रक्रिया आदि के बारे में विस्तृत चर्चा की, साथ ही उपस्थित लेखकों को हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। इसी क्रम में मंचासीन अतिथियों द्वारा उपस्थित लेखकों (पुस्तक में सम्मिलित भाषा शिक्षकों) को सम्मानित किया गया । सम्मान स्वरूप लेखकों को पुस्तक की प्रति एवं स्मृति चिह्न भेंट किये गए । समारोह में उपस्थित भाषा शिक्षकों एवं लेखकों ने भी अपने उद्बोधन में शिक्षण से संबंधित अपने-अपने अनुभवों, समस्याओं एवं सुझावों को साझा किया।

काव्य प्रतिभा सम्मान समारोह- 2020 एवं काव्योत्सव :


हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के वर्षिक आयोजनों की श्रृंखला में इस वर्ष कोरोना काल के कारण यह आयोजन ई-प्लेटफार्म पर आयोजित हुआ। 14 सितम्बर, हिंदी दिवस के अवसर पर इस योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के अंतर्गत हिंदी पर केंद्रित सस्वर रचनाओं की वीडियो आमंत्रित की गईं। बड़ी संख्या में प्राप्त वीडियो में से श्रेष्ठ रचनाओं के चयन के लिए एक निर्णायक मंडल बनाया गया । इस निर्णायक मंडल में अकादमी के पदाधिकारियों सुश्री सुरेखा शर्मा, सुश्री सुषमा भंडारी एवं डॉ सोनिया अरोड़ा को सम्मलित किया गया । निर्णायकों द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ रचनाकार (राष्ट्रीय) तथा 'सर्वश्रेष्ठ रचनाकार (अंतराष्ट्रीय) के साथ अन्य श्रेष्ठ रचनाकारों का चयन किया गया।

आगामी रविवार, 4 अक्टूबर, 2020 को प्रातः 11 बजे ई-प्लेटफार्म पर ज़ूम एप्प के माध्यम से 'काव्य प्रतिभा सम्मान समारोह' का आयोजन किया गया । इसमें चयनित रचनाकारों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया और उनके काव्यपाठ का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर इस आयोजन से संबंधित एक वृतचित्र का प्रस्तुतिकरण भी किया गया।


अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर संगोष्ठी : मातृभाषा संरक्षण में महिलाओं की भूमिका'


हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक 'संगोष्ठी:मातृभाषा संरक्षण में महिलाओं की भूमिका' एवं 'काव्य पाठ का आयोजन 7 मार्च, 2021 को अकादमी के रोहिणी (दिल्ली) स्थित नए कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हाउस। इस महत्वपूर्ण परिचर्चा और काव्य पाठ में अकादमी के शिक्षक प्रकोष्ठ के सदस्यों और पदाधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे लेखकों और कवियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

समारोह का शुभारंभ श्रीमती प्रीति तोमर, विधायक, सुश्री मीनू त्रिपाठी, विख्यात कथाकार, सुश्री गरिमा संजय, लेखिका, डॉ. करुणा शर्मा सहित अकादमी की वरिष्ठ पदाधिकारियों सुश्री सुरेखा शर्मा, डॉ वनीता शर्मा, सरोज शर्मा, सुषमा भंडारी, सरिता गुप्ता, सीमा सिंह, इंदु यादव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके हुआ । इस अवसर पर अपने स्वागत वक्तव्य में अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने वक्तव्य में मातृभाषाओं पर आए खतरे पर चर्चा करते हुए नारीशक्ति को इसके संरक्षण कवअनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मातृभाषा ही है जो बच्चा अपनी माँ की लोरियों और उसके दूध के साथ सीखता है। अपनी मातृभाषाओं को बचाने की जिम्मेदारी हम सब की है। जब कोई एक भी भाषा मरती है तो उसके साथ एक पूरी सभ्यता और संस्कृति भी मर जाती है।

मुख्य अतिथि की ओर से उपस्थित नारीशक्ति को इस विशेष दिवस की शुभकामनाओं के साथ ही एक जुट होकर अपनी भाषाओं के लिए कार्य करने की बात कही गई। सुश्री मीनू त्रिपाठी ने भी अपने सारगर्भित वक्तव्य में भाषाओं के संरक्षण और हिंदी के पाठक वर्ग को बढ़ाने की बात कही। चर्चित लेखिका सुश्री गरिमा संजय ने किसी एक दिन को नारी के लिए संरक्षित करने और लिंग आधारित समाज पर प्रश्न को उठाया। उन्होंने कहा कि चाहे पुरुष हो या स्त्री सबके लिए सभी दिन होने चाहिए।

हिंदुस्तानी भाषा भारती पत्रिका के संयुक्त संपादक श्री राजकुमार श्रेष्ठ ने कम लेकिन बहुत सार्थक शब्दों में भाषाओं के संरक्षण की बात कही। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित कर्नल प्रवीण त्रिपाठी ने भी काव्यपाठ किया और शुभकामनाएं दीं। दिल्ली विश्विद्यालय की छात्रा सुश्री ममता कुमारी के काव्य पाठ को सबने खूब सराहा।

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह :


रविवार, 21 फरवरी, 2021 को *अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर अकादमी के नए भवन का पूजा एवं हवन के साथ विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अकादमी द्वारा मातृभाषा की गंभीरता को केन्द्र में रखते हुए एक महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी – मातृभाषा में शिक्षा एवं काव्यपाठ का आयोजन भी किया गया। अकादमी का दृढ़ संकल्प ही भारतीय भाषाओं का संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार करना रहा है तसर्थ अकादमी के लिए मातृभाषा दिवस पर इस तरह की परिचर्चा रखना और भी प्रासंगिक हो जाता है। किसी भी देश की उन्नति उस देश की शिक्षा नीति पर टिकी होती है। शिक्षा ही एकमात्र ऐसा शस्त्र है जो सभी समस्याओं का निदान करने में प्रभावी है। किन्तु यहाँ सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने नागरिकों को किस भाषा में शिक्षा प्रदान करें। विश्व के सभी भाषाविदों एवं शिक्षाविदों के अनुसार देश के नागरिकों को विदेशी भाषा में शिक्षा देना अप्राकृतिक माध्यम है। बाल-मनोवैज्ञानिकों का भी मत है कि बच्चों को उसकी मातृभाषा में शिक्षा देने से ही उसके मौलिक चिंतन का विकास संभव होता है। शिक्षा पर आधारित विभिन्न अनुसंधानों के रिपोर्टों में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि बच्चा जिस भाषा में अपनी माँ का दूध पीता है उसी भाषा में उसे शिक्षा दिया जाना चाहिए तभी बच्चे का सर्वांगीण विकास तीव्र रूप से होता है । मातृभाषा शिक्षा की संवेदनशीलता को केंद्र में रखते हुए भारत सरकार द्वारा देश की नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में शिक्षा देने के प्रावधान का उल्लेख है। हालांकि यह प्रावधान बिल्कुल नई है ऐसा कतई नहीं है, इससे पूर्व के सभी शिक्षा नीतियों में भी मातृभाषा में शिक्षा देने का प्रावधान रहा है किन्तु उन नीतियों का कहाँ तक अवलम्बन किया गया यह आप सभी भलि-भांति जानते हैं। यद्यपि देश की नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में शिक्षा देने के प्रावधान का हर्षानुभूति के साथ स्वागत तो किया ही गया साथ ही इनकी चुनौतियों पर भी मनन किया गया। अपने उद्बोधन में इन्हीं बातों को उठाते हुए हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक जी ने कहा कि 33 वर्षों के बाद देश में नई शिक्षा नीति का आना खुशी की बात है और उसमें भी मातृभाषा में शिक्षा देने के प्रावधान का स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है अतः सरकार के सामने अभी भाषाओं को लेकर, पाठ्यक्रमों के निर्माण को लेकर और कुशल शिक्षकों की मांग और आपूर्ति को लेकर आदि कई चुनौतियां हैं। इन सभी चुनौतियों को सरकार किस तरह से निवारण करेगी और कैसे प्रत्येक राज्यों में मातृभाषा में शिक्षा के प्रावधान को लागू करेगी यह सभी बातें अभी भविष्य के गर्भ में हैं। जिस दिन यह कागज़ी नीति न होकर कानून का रूप लेगी तब हमें अत्यधिक खुशी होगी। अवसर पर अकादमी के संपादक मण्डल के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।


राष्ट्रीय वेबिनार – बुंदेली भाषा, साहित्य, संस्कृति एवं लोक-कलाएँ


रविवार, 19 जुलाई, 2020: हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली एवं बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति, झाँसी के संयुक्त तत्वावधन में एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार, ‘बुंदेली भाषा, साहित्य, संस्कृति एवं लोक-कलाएँ’ का आयोजन सम्पन्न किया गया । इस आयोजन को विभिन्न विषय समेटे पाँच सत्रों में आयोजित किया गया। हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी के स्वागत वक्तव्य के साथ आयोजन का शुभारंभ हुआ।

इस आयोजन की परिकल्पना और उद्देश्यों के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करती है । अकादमी विभिन्न आयोजनों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, परिचर्चाओं, व्याख्यानमालाओं एवं सम्मान समारोहों के माध्यम से भारतीय भाषाओँ के उन्नयन के लिए कार्य करती है । अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ के प्रत्येक अंक में किसी एक भारतीय भाषा को विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया जाता है बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के वृहत क्षेत्र में फैला हुआ है इसके अलावा बड़ी संख्या में बुंदेली भाषी देश के अन्य भागों में भी रहते हैं । रोजगार, शिक्षार्जन, व्यपार-व्यवसाय, आर्थिक एवं अन्य सामाजिक कारणों से दिल्ली प्रदेश में भी बड़ी संख्या में बुंदेली भाषी लोग रहते हैं । पिछले वर्ष बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति ने झाँसी में तीन दिवसीय भव्य आयोजन किया था जिसकी अनुगूँज दूर-दूर तक पहुँची थी। इस तालाबंदी के समय का सदुपयोग करते हुए अकादमी ने यह निर्णय लिया कि युवाओं के समूह के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय स्तर पर वेबिनार किया जाए जिसका सकारात्मक संदेश पूरे बुंदेलखंड, दिल्ली प्रदेश और अन्य महानगरों तक पहुँचे । समान्यतया: हम अपनी पुरानी पीढ़ी से तो अपनी भाषा में बात करते हैं किन्तु अपनी नई पीढ़ी से अपनी भाषा पर बात नहीं करते जिससे हमारे बच्चे अपनी क्षेत्रीय भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति से कट रहे हैं । इसका दूरगामी परिणाम यह होगा कि हमारी क्षेत्रीय बोलियाँ एवं भाषाएँ संकटग्रस्त भाषाओं की सूची में चली जाएंगी और कालांतर में इनका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा अत: इन स्थितियों से बचने के लिए भी क्षेत्रीय भाषाओं का संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार किया जाना अत्यावश्यक है ।


प्रथम सत्र के विशिष्ट वक्ताओं के रूप में हिन्दी अकादमी, दिल्ली की पूर्व उपाध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित साहित्यकार आदरणीया श्रीमती मैत्रेयी पुष्पा, डॉ. के.बी.एल. पाण्डे एवं श्री बहादुर सिंह परमार उपस्थित थे। इस सत्र का विषय बुंदेली भाषा, साहित्य एवं संस्कृति : एक विमर्श था जिसका संचालन अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन हिन्दुस्तानी भाषा भारती पत्रिका के संयुक संपादक श्री राजकुमार श्रेष्ठ ने किया। द्वितीय सत्र का विषय भी पूर्ववत था जिसमें विशिष्ट वक्ताओं के रूप में लेखक एवं कथाकार श्री विवेक मिश्र, साहित्यकार सुश्री कीर्ति दीक्षित, सुश्री अंकिता जैन एवं श्री महेन्द्र कुमार तिवारी उपस्थित थे जिसका संचालन बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति की ओर से श्री अंशुल अग्रहरि ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की उप संपादक सुश्री सोनिया अरोड़ा ने किया।

इसी तरह तृतीय सत्र के विशिष्ट वक्ताओं में श्री आशीष सागर, श्री अरिंदम घोष, श्री लक्ष्मी नारायण एवं श्री जीशान अख़्तर उपस्थित थे जिसका विषय था- बुंदेलखंड में मीडिया की भूमिका। इस सत्र का संचालन बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति की ओर से श्री रोहित गुप्ता ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की सलाहकार श्रीमती सुरेखा शर्मा ने किया। चतुर्थ सत्र का विषय था - बुंदेली सिनेमा, रंगमंच एवं लोक-नाट्य : चुनौतियाँ एवं संभावनाएं I इस सत्र में विशिष्ट वक्ताओं के रूप में अकबर व आजम कादरी, किशोर श्रीवास्तव, विनोद मिश्र ‘सुरमनी’, आरिफ शहडोली, सुश्री गीतिका वेदिका एवं मु. नईम उपस्थित थे।

इस सत्र का संचालन बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति की ओर से श्री अभिनव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के प्रबंध संपादक श्री विजय कुमार शर्मा ने किया। इसी कड़ी में अंतिम सत्र के विशिष्ट वक्ताओं के रूप में डॉ. प्रदीप जैन, डॉ. चित्रगुप्त, डॉ. मनोज जैन एवं डॉ. अनिल अविश्रांत उपस्थित थे। इस पंचम सत्र का विषय था, बुंदेलखंड में पर्यटन- समस्याएं, संभावनाएं एवं सरकार की भूमिका, जिसका संचालन बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति की ओर से श्री आशुतोष ने किया तो वहीं धन्यवाद ज्ञापन एवं समापन बुंदेलखंड साहित्य महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री प्रताप गीताराज ने किया। बुंदेली भाषा, साहित्य, संस्कृति एवं लोक-कलाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार के लिए यह एक महत्वपूर्ण आयोजन था जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों, विद्वान वक्ताओं ने सकारात्मक एवं ओजस्वी मंतव्यों द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र के बारे में गहन विषयों को उठाया और वहाँ की समस्याओं, चुनौतियों, एवं अपार संभावनाओं को तार्किक, शोधपूर्ण एवं विश्लेषणात्मक रूप से प्रस्तुत किया।


वेबीनार: ‘भारतीय भाषाओं में विज्ञान लेखन: दशा और दिशा’


2 जुलाई, 2020 : विज्ञान प्रचार-प्रसार, वैश्विक हिंदी सम्मेलन, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय भाषाओँ में वैज्ञानिक लेखन: दशा और दिशा” विषय पर एक वैश्विक वेबीनार का आयोजन किया गया। विज्ञान लेखन आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है। अंग्रेजी और दूसरी विदेशी भाषाओं में तो वैज्ञानिक चिंतन को लेकर काफी कुछ पढ़ने को मिल जाता है लेकिन हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में इसका जबरदस्त अभाव है जिसकी वजह से दूर दराज के गांव और कस्बे में बैठे लोगों के साथ ही महानगरों में बैठे लोग भी समय सापेक्ष जानकारियों से वंचित रह जाते हैं।

इस वेबीनार में विज्ञान के जाने-माने लेखक श्री देवेंद्र मेवाड़ी ने विज्ञान को लेकर जो कुछ कहा उस में बहुत सी बातें सभी के लिए एकदम नई थीं। उनका यह कहना था कि जिस प्रकार एक वैज्ञानिक, वैज्ञानिक होते हुए भी ललित साहित्य लिख सकता है ठीक उसी प्रकार कोई साहित्यकार, चिंतक, लेखक तर्कशील बुद्धि पर तथ्यों का प्रयोग करते हुए विज्ञान लेखन कर सकता है। उन्होंने देश के कई बड़े साहित्यकारों के द्वारा विज्ञान लेखन की जानकारी भी दी‌। ज्ञात हो कि श्री मेवाड़ी न केवल एक विज्ञान लेखक हैं बल्कि विज्ञान के साथ ही साहित्य और सामाजिक विषयों पर भी उनकी दृष्टि बहुत पैनी और साफ़ भी है।

श्री मेवाड़ी के अलावा इस वेबीनार में वरिष्ठ विज्ञान पत्रकार प्रमोद भार्गव ने भी हिस्सा लिया। भार्गव मूलतः वैज्ञानिक नहीं हैं लेकिन विज्ञान के प्रति दिलचस्पी के चलते ही बचपन से विज्ञान की पुस्तकें पढ़ने का शौक था। यही शौक बाद में विज्ञानं लेखन में बदल गया I उनके अनुसार यही वजह है कि आज वैज्ञानिक न होते हुए भी विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर उनके लेख देश भर के विभिन्न समाचार पत्रों में निरंतर प्रकाशित होते हैं और ऐसे ही कई विषयों पर उनकी पुस्तकें भी आ चुकी हैं। सोशल मीडिया पर विज्ञान प्रचार प्रसार के अंतर्गत विविध सामग्री प्रस्तुत कर रहे श्री राहुल खटे द्वारा इस वेबीनार के आयोजन में प्रमुख भूमिका रही। इस आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों के अनेक महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे। डॉ. एम एल गुप्ता' आदित्य' ने बताया कि वैश्विक हिंदी सम्मेलन के माध्यम से किस प्रकार वैज्ञानिक साहित्य की जानकारी विद्यार्थियों और विश्वविद्यालयों तक पहुंचाई जा सकती है। हिंदुस्तानी भाषा अकादमी अध्यक्ष के श्री सुधाकर पाठक ने उनकी संस्था के माध्यम से हिंदी के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए किए जा रहे देशव्यापी प्रयासों की जानकारी दी, साथ ही संस्था के माध्यम से गठित भारतीय भाषाओं के संगठन 'शिक्षक प्रकोष्ठ' के विषय में भी बताया, जिसमें लगभग 600 शिक्षक जुड़े हुए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि अकादमी एक त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदुस्तानी भाषा भारती' का नियमित प्रकाशित कर रही है जिसका प्रत्येक अंक किसी एक भारतीय भाषा का विशेषांक होता है। पत्रिका में हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के लेख प्रकाशित होते है। श्री सुधाकर पाठक ने बताया कि अकादमी शीघ्र ही भाषा शिक्षकों के साथ-साथ अब विद्यालय स्तर के विज्ञान विषय के शिक्षकों को भी अकादमी की गतिविधियों में सम्मलित करने जा रही है, जिससे भारतीय भाषाओं में विज्ञान के पठन-पाठन पर कार्य किया जा सकेगा I अपनी तरह के इस विशिष्ट आयोजन को देश भर से महत्वपूर्ण प्रतिसाद मिला।

वेब संगोष्ठी – ‘नई शिक्षा नीति: एक विमर्श


9 अगस्त, 2020: पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज, हिंदी विभाग , वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, ‘नई शिक्षा नीति : एक विमर्श’ विषय पर ई-गोष्ठी आयोजित की गई । इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष श्री अवनीश कुमार जी उपस्थित थे । विशिष्ट वक्ताओं के रूप में श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक, डाक विभाग, लखनऊ परिक्षेत्र, डॉ. रवि शर्मा, प्रवक्ता श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, डॉ. धनेश द्विवेदी, उप संपादक, गृह मंत्रालय उपस्थित थे । इस महत्वपूर्ण परिचर्चा की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव जी ने की तो वहीं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक तथा पी. जी. डी. ए. वीकॉलेज (सांध्य) के प्राचार्य डॉ. रवीन्द्र कुमार गुप्ता का सान्निध्य रहा । इस ई-परिचर्चा के लिए 2200 से अधिक शिक्षकों, शोधार्थियों, लेखकों, साहित्यकारों आदि ने पंजीकरण किए थे । जूम एप के माध्यम से 500 प्रतिभागी इस आयोजन में जुड़े जिसे यू-ट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण किया गया । सर्वप्रथम हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी के द्वारा गोष्ठी को आयोजित करने का उद्देश्य स्पष्ट किया गया । विशिष्ट वक्ता के रूप में कृष्ण कुमार यादव जी ने अपना वक्तव्य दिया जिसमें उन्होंने नई शिक्षा नीति में नयापन खोजते हुए बहुत से तथ्यो से अवगत कराया जिसमें कि 3 से 18 वर्ष तक शिक्षा का अधिकार, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट जैसे शब्दों से परिचय कराया । लेकिन इसके साथ-साथ ही नीति के समक्ष चुनौतियों को स्पष्ट किया । संसाधनों की कमी नीति के सुचारू संचालन में बाधा साबित होगी इस पर भी ध्यान दिलाया । राहुल देव जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में नई शिक्षा नीति में नयापन होने की बात कही । साथ ही यह भी ध्यान दिलाया कि शिक्षा नीति में हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने पर कहीं भी जोर नहीं दिया गया है । इसके साथ ही इस तथ्य को भी उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाया जाता रहा है किंतु इस शिक्षा नीति में इसका खण्डन देखा जा सकता है । राहुल देव जी द्वारा आशंका जताई गई कि हिंदी को राष्ट्रभाषा ना बनाया जाना और हिंदी को 12 वीं कक्षा तक अनिवार्य ना बनाया जाना निजी विद्यालयों का दबाब भी हो सकता है क्योंकि सरकार निजी विद्यालयों को कुछ कहने की स्थिति में स्वयं को अभी भी नहीं पाती । अवनीश कुमार जी ने एक पीपीटी के माध्यम से बहुत ही सुंदर तरीके से नई शिक्षा नीति के सभी पहलुओं को विस्तार से समझाया । रवि शर्मा जी द्वारा स्पष्ट किया गया कि शिक्षा नीति में पुस्तकालयों को हर स्तर पर ( जिला स्तर हो या क्षेत्रीय स्तर ) पुस्तकालय खोले जाने की व्यवस्था एवं राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान खोले जाने पर भी नई शिक्षा नीति में जोर दिया गया है, इस पर सबका ध्यान दिलाया । डॉ. धनेश द्विवेदी जी ने भी नई शिक्षा नीति का स्वागत करते हुए बताया कि कोई भी बालक इस मात्र 22 संवैधानिक भाषाओं में से ही नहीं बल्कि अपनी मातृभाषा में भी शिक्षा ग्रहण कर सकेगा क्योंकि यह वैज्ञानिक सत्य है कि कोई भी बालक अपनी मातृभाषा में ठीक से समझ सकता है किसी अन्य भाषा में नहीं । अंत में डॉक्टर सोनिया अरोड़ा के द्वारा धन्यवाद दिया गया और पीजीडीएवी विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की गई और बताया कि कार्यक्रम में पंजीकृत सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र दिए जाएंगे ।

वेब संगोष्ठी: नई शिक्षा नीति : ‘विद्यालय स्तर पर भारतीय भाषाओं की दिशा व दशा’

रविवार, 16 अगस्त, 2020: किसी भी देश की उन्नति या अवनति उस देश की शिक्षा नीति पर आधारित होती है । नई शिक्षा नीति में सरकार द्वारा सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, विकास के लिए विद्यालयी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक भारतीय भाषाओं को शामिल किए जाने की सिफारिश की गयी है । विद्यालयी शिक्षा में त्रिभाषा सूत्र को लागू किया जाएगा । इसमें संस्कृत के साथ तीन अन्य भारतीय भाषाओं का विकल्प भी होगा । विदेशी भाषाओं की शिक्षा माध्यमिक स्तर से होगी । नई शिक्षा नीति में यह भी कहा गया है कि किसी पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी । इन्हीं समसामयिक मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा करने के लिए लेखक एवं सामाजिक विश्लेषक श्री रवि शुक्ला द्वारा रविवार, 16 अगस्त, 2020 को हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी लगायत अकादमी के अन्य पदाधिकारियों से ‘नई शिक्षा नीति : विद्यालय स्तर पर भारतीय भाषाओं की दिशा व दशा’ विषय पर एक ई-परिचर्चा का आयोजन किया गया । नई शिक्षा नीति में जो भारतीय भाषाओं को अधिक महत्त्व दिए जाने की बात की गयी है, क्या यह प्रावधान अब तक के भारतीय शिक्षा में चली आ रही अंग्रेजी के वर्चस्व को विस्थापित कर पाएगी ? इस सवाल के प्रत्युत्तर में आकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी ने बताया कि हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी नई शिक्षा नीति के प्राथमिक स्तर पर बच्चों को उनकी स्थानीय/क्षेत्रीय या मातृभाषा में शिक्षा देने के प्रावधान के प्रति आशान्वित है किन्तु अभी यह नीति केवल कागजी प्रावधान है; जब इसे कानूनी रूप दे दिया जाएगा तब एक भाषा सेवी संस्था होने के नाते हम इस पर अधिक गौरवान्वित होंगे । हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी अपने विभिन्न आयोजनों के माध्यम से लगातार इस विषय को उठाती आ रही है कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा दी जानी चाहिए ।

इस महत्त्वपूर्ण ई-परिचर्चा में अकादमी के पदाधिकारियों में विशेष रूप से ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ त्रैमासिक पत्रिका के प्रबंध संपादक, श्री विजय शर्मा, संयुक्त संपादक, श्री राजकुमार श्रेष्ठ, कथाकार एवं परामर्श संपादक, श्रीमती सुरेखा शर्मा, उप संपादक, श्रीमती सोनिया अरोड़ा, सम्पादकीय सलाहकार, डॉ. वनिता शर्मा और पत्रकार एवं उप संपादक, श्री पुलकित खन्ना उपस्थित थे । इस परिचर्चा को यू-ट्यूब लगायत विभिन्न सोसल मीडिया के माध्यमों में लाइव टेलीकास्ट किया गया जहाँ कई सौ लोगों ने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं एवं आशकाओं को रखा । इस ई-परिचर्चा का कुशल संयोजन श्री रवि शुक्ला ने किया जहाँ उन्होंने बहुत ही गंभीर प्रश्नों को रखा । यह इस तरह का पहला आयोजन था जहाँ केवल अकादमी के पदाधिकारियों को सम्मिलित किया गया तथा नई शिक्षा नीति के विभिन्न पक्षों पर सभी पदाधिकारियों ने अपने स्पष्ट और सारगर्भित विचार रखे ।


वेबिनार – भाषाओं के संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका


रविवार, 28 जून, 2020: हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा 'भाषाओं के संरक्षण में शिक्षकों की भूमिका' विषयक वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस वेब संगोष्ठी के विशिष्ट वक्ताओं के रूप में शिक्षाविद, लेखिका, समीक्षक एवं मीडिया विश्लेषक प्रो. कुमुद शर्मा, कवि, लेखक एवं प्रशासनिक सेवा अधिकारी (आईएएस) श्री राकेश मिश्र जी, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष श्री अवनीश कुमार तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक उपस्थित थे । हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दुस्तानी भाषा भारती' के संथाली भाषा पर केन्द्रित विशेषांक के लोकार्पण के साथ ही आयोजन का शुभारंभ किया गया । इस संगोष्ठी को दो सत्रों में आयोजित किया गया । प्रथम सत्र में विशिष्ट वक्ताओं ने भाषाओं के संरक्षण में शिक्षकों की रचनात्मक एवं महत्वपूर्ण भूमिका के संबंध में अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए वहीं दूसरे सत्र में प्रतिभागियों के लिए प्रश्नोत्तर सत्र रखा गया जिसमें वक्ताओं ने शिक्षकों की जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों का तर्कपूर्ण उत्तर दिया । भारतीय भाषाओं के संरक्षण के विषय में चर्चा करते हुए प्रो. कुमुद शर्मा ने अपने मंतव्य में कहा कि भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में एक ऐसी अवधारणा को विकसित किया जा रहा है जिसमें एक ही विश्वभाषा होगी, एक ही विश्व मानव होगा और एक ही विश्व संस्कृति होगी । इस तरह पूरे विश्व को एक ही संस्कृति के खांचे में ढाला जाएगा और यह माना जा रहा है कि वो विश्व भाषा अंग्रेजी ही होगी । जब एक ही विश्व मानव होगा तब यह तय कर पाना मुश्किल होगा कि कौन भारत का है, कौन यूरोप के किस देश का है ? इस भूमंडलीकरण के चक्र में अंग्रेजी के वर्चस्व से कहीं हमारी भारतीय भाषाओं का क्षरण न हो इसलिए हमें भारतीय भाषाओं के संरक्षण की चिंता करनी चाहिए । भाषा के संरक्षण में एक भाषा शिक्षक की क्या भूमिका होनी चाहिए ? भाषा संरक्षण की ज़िम्मेदारी जब शिक्षक पर आती है तो उसको क्या करना चाहिए और उसका व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जब हम एक शिक्षक की नजरिये से भाषा संरक्षण की बात करते हैं तो यह भी देखना होगा कि वो भाषा का शिक्षण कैसे करता है ? जब आप भाषा शिक्षण से जुड़ते हैं तभी आप भाषा संरक्षण की बात कर सकते हैं ।

वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष श्री अनवीश कुमार ने कहा कि साहित्य से हमारी भाषाएँ समृद्ध होती हैं किन्तु यह देखना होगा कि हमारी भाषाओं में कितना तकनीकी साहित्य और वैज्ञानिक साहित्य लिखा जा रहा है तथा कितना अन्य भाषाओं का अनुवाद हमारी भाषाओं में हो रहा है और हमारी भाषाओं का अनुवाद अन्य भाषाओं में हो रहा है । जब तक हम अपनी भाषाओं को तकनीक और विज्ञान से नहीं जोड़ते, हम भाषाओं के संरक्षण में पीछे रह जाएंगे । इसी तरह साहित्य एवं मीडिया से लम्बे समय से जुड़े तथा ऑल इंडिया रेडियो, राँची में कार्यरत श्री सुनील बादल ने संथाली भाषा की वर्तमान स्थिति के बारे में बहुत ही गंभीर मुद्दे को उठाया।

मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह हिन्दी का भविष्य '

इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सहयोग से हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा बुधवार, 4 मार्च 2020 को इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के विशाल प्रांगण में दिल्ली प्रदेश के भारतीय भाषाओं के मेधावी छात्रों एवं उनके भाषा शिक्षकों के सम्मान में 'मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह' का आयोजन सम्पन्न हुआ। समारोह में दिल्ली प्रदेश के 115 विद्यालयों के 3500 छात्र, 350 भाषा शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों, साहित्यकारों, विद्वत जनों एवं पत्रकारों की गरिमामयी उपस्थिति रही ।

समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी उपस्थित थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हँसराज कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा शर्मा ने समारोह की अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में हिंदी अकादमी, दिल्ली के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट, फिजी दूतावास के परामर्शदाता श्री नीलेश रोनिल कुमार तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक जी मंचासीन थे ।

मंचासीन अतिथियों द्वारा 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में हिन्दी एवं संस्कृत विषय में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 49 मेधावी छात्रों को 'भाषा रत्न सम्मान' से विभूषित किया गया, शेष छात्रों को जिन्होंने भारतीय भाषाओं (हिन्दी, संस्कृत, पंजाबी, बंगाली, उर्दू, गुजराती आदि) में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये थे उन्हें 'भाषा दूत सम्मान' से सम्मानित किया गया। सर्वाधिक प्रविष्टियाँ भेजने पर कुलाची हँसराज मॉडल स्कूल, अशोक विहार, दिल्ली को 'भाषा प्रहरी सम्मान' से सम्मानित किया गया।

‘भाषा गौरव शिक्षक सम्मान’ एवं 'सर्व भाषा काव्योत्सव' सम्पन्न :-

दिसम्बर, 2019: गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली।

दिल्ली प्रदेश के 115 विद्यालयों के 300 भाषा शिक्षकों को किया गया सम्मानित । हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार, 25 दिसम्बर 2019 को गाँधी शांति प्रतिष्ठान, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, दिल्ली में ‘भाषा गौरव शिक्षक सम्मान’ एवं सर्व भाषा काव्योत्सव का आयोजन सम्पन्न हुआ । ‘भाषा गौरव शिक्षक सम्मान’ हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा भाषा शिक्षकों को दिया जाने वाला वार्षिक सम्मान है ।

दीप प्रज्वलन एवं सामूहिक राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ। यह आयोजन दो सत्रों में किया गया । उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सुविख्यात साहित्यकार आ0 चित्रा मुद्गगल जी तथा अन्य मंचासीन अतिथियों में विशिष्ट अतिथि वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय हिन्दी नेदेशालय, दिल्ली के निदेशक प्रो. अवनीश कुमार, शिक्षाविद, पत्रकार एवं जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नन्दा, संस्कृत के विद्वान और हिंदी अकादमी के सचिव डॉ जीतराम भट्ट एवं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक उपस्थित थे ।

समारोह के द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में अंतराष्ट्रीय सहयोग परिषद के मानद निदेशक श्री नारयण कुमार, डॉ दीपक पाण्डेय, डॉ. नूतन पाण्डेय, सुश्री नीना सहर, सुश्री कीर्ति दीक्षित, कर्नल प्रवीण त्रिपाठी मंचासीन थे ।

इस सम्मान समारोह में दिल्ली प्रदेश के निजी, सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त 115 विद्यालयों के 300 भाषा शिक्षकों को सम्मानित किया गया । इन भाषा शिक्षकों के विद्यार्थियों ने वर्ष 2018-19 के 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में भारतीय भाषाओं (हिन्दी/ संस्कृत/ पंजाबी/ उर्दू/ बंगाली/ गुजराती आदि) में 90% से अधिक अंक प्राप्त कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था । इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा काव्य पाठ भी किया गया ।

विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह' एवं परिचर्चा ' हिंगलिश और हिन्दी का भविष्य '

रविवार, 5 जनवरी 2020 को विश्व पुस्तक मेला, प्रगति मैदान, सेमीनार हॉल में किया गया। सामूहिक राष्ट्रगान के बाद समारोह को विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया। समारोह की अध्यक्षता मंचासीन विशिष्ट अतिथि प्रो. रमा शर्मा, प्राचार्या, हँसराज महाविद्यालय ने की। अन्य अतिथियों में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष, श्री दिनेश तिवारी, प्रवासी संसार, पत्रिका के संपादक, डॉ. राकेश पाण्डेय, नॉर्वे से प्रकाशित होने वाली हिन्दी पत्रिका दर्पण के संपादक, सुरेश चंद्र शुक्ल तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक मंचासीन थे।

सामान्यतया भाषा की जो समस्या है वो आम जनमानस तक पहुंच ही नहीं पाती। आम जन समुदाय भाषा जैसी संवेदनशील विषय पर इतने गंभीर भी नहीं है क्योंकि उनकी आधारभूत आवश्यकता के भीतर रोजी-रोटी प्राथमिकता के साथ आगे आती है। किन्तु वे यह भूल जाते हैं कि उनकी रोजी-रोटी की जो भाषा है वह धीरे-धीरे उनकी ज़ुबानों से ही विस्थापित होकर अन्य भाषा पर रूपांतरित हो रही है। उनकी रोजी-रोटी की भाषा उनसे छिन ली गयी है है। उनकी भाषा के मूल को विकृत किया जा रहा है फिर भी वह इन सबसे अनभिज्ञ है। किन्तु एक सामाजिक और भाषाई संस्था होने के नाते अकादमी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह समाज के विद्वत जनों, साहित्कारों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, भाषाविदों एवं शिक्षकों को एक ही मंच पर संग्रहित कर इस विषय पर विमर्श करे। यही इस परिचर्चा का उद्देश्य है । क्या युवाओं में बढ़ते हिंगलिश के प्रचलन से भविष्य की हिन्दी का स्वरूप निर्धारित किया जा सकता है ? हिंगलिश से हिन्दी की मौलिकता को कितना संकट है ? ऐसे विचारणीय प्रश्नों को सम्बोधित करते हुए मंचासीन अतिथियों ने अपने-अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।

परिचर्चा के बाद अतिथियों द्वारा गुरुग्राम के भाषा शिक्षकों को 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान' से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उपस्थित सभी शिक्षकों को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिह्न भेंट किए गए।

ज्ञात हों कि ‘हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी’ द्वारा अपनी वार्षिक सम्मान योजना के अंतर्गत शनिवार, 7 सितम्बर 2019 को ‘स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल’ के सभागार में गुरुग्राम (हरियाणा) के 30 विद्यालयों के 870 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया था । हिन्दी विषय में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 31 मेधावी छात्रों को ‘भाषा रत्न सम्मान’, 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को ‘भाषा दूत सम्मान’ तथा सर्वाधिक प्रविष्टियाँ भेजने पर ‘ डी.पी.एस.जी. स्कूल, गुरुग्राम ’ को ‘भाषा प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया था ।

भाषा गौरव शिक्षक सम्मान, मेधावी छात्र सम्मान की ही दूसरी कड़ी है ।

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी - ‘गाँधी : शिक्षा, संस्कृति और भारतीय भाषाएँ’ का आयोजन सम्पन्न ।

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिन्दी अध्ययनशाला एवं गाँधी अध्ययन केन्द्र तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में महात्मा गाँधी के 150 वीं जयंती वर्ष के अवसर पर द्वि-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी - ‘गाँधी : शिक्षा, संस्कृति और भारतीय भाषाएँ’ का 21 सितम्बर 2019 को वाग्देवी भवन स्थित राष्ट्रभाषा सभागार में शुभारंभ किया गया । उदघाटन सत्र की अध्यक्षता के रूप में कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा, विशिष्ट अतिथियों के रूप में हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुक्ता, प्रवासी संसार पत्रिका के संपादक एवं लेखक डॉ. राकेश पाण्डेय, विक्रम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा, हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष, सुधाकर पाठक, मुख्य समन्वयक, प्रो. गीता नायक एवं प्रो. प्रेमलता चुटैल मंचासीन थे । विशिष्ट अतिथि के रूप में अपना वक्तव्य देते हुए डॉ. राकेश पाण्डेय ने कहा कि गाँधी जी भाषा और संस्कृति को लेकर बहुत सजग थे । विदेश में रहते हुए भी उन्होने चार भाषाओं में अखबारों का प्रकाशन किया । भारतीय भाषाएँ और संस्कृति को लेकर वह कटिबद्ध थे और इसके प्रचार-प्रसार के लिए सदैव तत्पर रहे । गाँधी जी के प्रयासों द्वारा ही विदेशों में स्थापित आश्रमों में भारतीय भाषाएँ और संस्कृति की पढ़ाई होती थी । विशिष्ट अतिथि डॉ. मुक्ता ने कहा कि गाँधी जी समानता के पक्षधर थे और इसी उदेश्य के साथ उन्होने साम्राज्यवाद के विरुद्ध बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी । भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में गाँधी जी ने प्रमुख भूमिका निभाई थी । अंतत: उनके अथक योगदान से देश स्वतंत्र हुआ ।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अकादमी का परिचय देते हुए अकादमी के उद्देश्यों और गतिविधियों को सभागार में उपस्थित प्रबुद्ध एवं विद्वत जनों से साझा किया । उन्होने कहा कि अकादमी भारतीय भाषाओं के संवर्द्धन और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित स्ववित्तपोषित संस्था है । अकादमी का उद्देश्य मंच, माला, माइक, कविता, गोष्ठी, चुट्कुलेबाज या फूहड़ता का आयोजन करना नहीं है बल्कि जमीनी स्तर से ही भाषा के संरक्षण, संवर्द्धन और प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करना है । अकादमी का मानना है कि विद्यार्थी भाषा की जड़ें हैं और शिक्षक विद्यालय और विद्यार्थियों के बीच एक मजबूत सेतू का काम करता है । यदि भाषा को बचाना है तो पत्तों पर पानी डालने से नहीं बल्कि जड़ों को सींचना होगा । इस अवसर पर हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ का भी लोकार्पण किया गया ।

कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि वाक् अथवा वाणी देवी का रूप है और इस दृष्टि से सभी भाषाएँ देवी हैं । भारत एक वैविध्यपूर्ण देश है । यहाँ भिन्न-भिन्न भाषा और संस्कृति के लोग रहते हैं । भाषा और संस्कृति की यह विविध सौन्दर्य भिन्न-भिन्न रंग और सुवास लिए पुष्पों की माला है और हिन्दी इन सभी भाषाओं को पिरोने का काम करती है । प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहां कि गाँधी जी का शैक्षिक और सांस्कृतिक चिंतन व्यापक मानवीयता के आधार पर खड़ा है । संस्कृति और धर्म के गहन अर्थ और भाव को लेकर जीने वाला उनके जैसा कोई अन्य व्यक्तित्व दिखाई नहीं देता जो संकीर्ण धारणा रखे बिना आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक परिवर्तन पर इसका उपयोग करता हो । भव्य राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के 10 राज्यों से अधिक शोधार्थी सम्मिलित थे ।

दूसरे दिन की संगोष्ठी को तीन सत्रों में विभाजित किया गया था । प्रथम सत्र की अध्यक्षता हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की सलाहकार एवं साहित्यकार श्रीमती सुरेखा शर्मा ने की ।

हिंदी अकादमी, दिल्ली का सम्मान अर्पण समारोह आयोजित

हिंदी अकादमी का 'शलाका सम्मान श्री विश्वनाथ त्रिपाठी और 'विशिष्ट योगदान सम्मान' श्री सुधाकर पाठक को और शिखर सम्मान आ0 शीला झुनझुनवाला को

हिन्दी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 का सम्मान अर्पण समारोह सोमवार, 30 सितम्बर, 2019 को कमानी सभागार, मंडी हाउस में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में माननीय उप मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार, श्री मनीष सिसोदिया जी के साथ हिन्दी अकादमी के उपाध्यक्ष एवं विख्यात हास्य कवि, पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा जी, हिन्दी अकादमी के सचिव श्री जीतराम भट्ट जी एवं शलाका सम्मान से सम्मानित डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी जी मंचासीन थे। दीप प्रज्ज्वलन के बाद सम्मान समारोह को विधिवत रूप से आरम्भ किया गया। हिन्दी अकादमी के प्रतिष्ठित 'शलाका सम्मान' से डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी जी को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें पुष्पगुच्छ, शॉल, ताम्रपत्र, सम्मान पत्र एवं पाँच लाख के सम्मान राशि भेंट की गई। सुश्री शीला झुनझुनवाला को शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया ।

हिन्दी भाषा के संवर्द्धन और प्रचार-प्रसार के लिए उत्कृष्ट कार्य करने पर हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक को 'विशिष्ट योगदान सम्मान' से सम्मानित किया गया। माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री मनीष सिसोदिया के हाथों उन्हें पुष्पगुच्छ, शॉल, ताम्रपत्र, सम्मान पत्र एवं एक लाख की सम्मान राशि भेंट की गई। समारोह में श्री माणिक वर्मा को काव्य सम्मान, डॉ. श्योराज सिंह बेचैन को गध्य विधा सम्मान, डॉ. यतीश अग्रवाल को ज्ञान-प्रौद्योगिकी सम्मान, डॉ. घमंडी लाल अग्रवाल को बाल साहित्य सम्मान, प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी को नाटक सम्मान, श्री वरुण ग्रोवर को हास्य-व्यंगय सम्मान, श्री हरजेन्द्र चौधरी को अनुवाद सम्मान, श्री सुप्रिय प्रसाद को पत्रकारिता सम्मान (इलेक्ट्रॉनिक), श्री सलिल चतुर्वेदी को हिन्दी सेवा सम्मान एवं डॉ. पृथ्वी सिंह (गढ़वाली) को सहभाषा सम्मान से सम्मानित किया गया। सभी को सम्मान स्वरूप पुष्प गुच्छ, शॉल, ताम्रपत्र, सम्मान पत्र और एक-एक लाख की सम्मान राशि भेंट की गयी।

सम्मान अर्पण के समय सभागार लगातार तालियों से गुंजायमान रहा। विभिन्न क्षेत्र के बुद्धिजीवियों, विद्वतजनों, शिक्षक वर्ग, साहित्यकार, रंगकर्मी, भाषाप्रेमी, पत्रकार एवं युवा लेखकों से सभागार शोभायमान था।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा गुरुग्राम में हिंदी भाषा के 870 मेधावी छात्रों और 100 शिक्षकों का सम्मान

वर्ष 2018-19 की परीक्षा में हिंदी विषय में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 870 छात्रों 'भाषा दूत' , हिन्दी विषय में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 31 मेधावी छात्र ‘भाषा रत्न सम्मान -2019’ से विभूषित हुए ।

सर्वाधिक प्रविष्टि भेजने के लिए डी.पी.एस.जी. स्कूल, पालमविहार, गुरुग्राम को ‘भाषा प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया ।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा अपने वार्षिक सम्मान योजना के क्रम में शनिवार, 7 सितंबर, 2019 को स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में गुरुग्राम (हरियाणा) के 30 विद्यालयों के 870 मेधावी छात्रों एवं 100 से अधिक शिक्षकों को सम्मानित किया गया । दीप प्रज्ज्व्लन और सामूहिक राष्ट्रगान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

इस भव्य सम्मान समारोह में मंचासीन अतिथियों के रूप में हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पूर्णमल गौड़, हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक, डॉ. मुक्ता, स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल की निदेशक, श्रीमती सुधा गोयल, प्राचार्य डॉ. संजय सचदेव, नगर निगम पार्षद श्री आर.एस. राठी, शिक्षाविद श्रीमती आशा शर्मा एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक मंचासीन थे।

अपने स्वागत उद्बोधन में अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष का सम्मान समारोह विशेष उपलब्धिमूलक और सुखद रहा है । पिछले वर्ष यह सम्मान समारोह 30 सितंबर 2018 को गुरुग्राम के राजकीय महिला महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया था जहाँ 450 छात्र-छात्राओं और उनके हिन्दी विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया था । इस वर्ष मेधावी छात्रों की संख्या बढ़कर लगभग 870 हो गयी है जिसमें 31 ऐसे छात्र हैं जिन्होंने हिन्दी विषय में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं । पिछले वर्ष शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले केवल 3 छात्र ही थे । इतना ही नहीं इस वर्ष जब हमने विद्यालयों की प्रविष्टियों को पिछले वर्ष की प्रविष्टियों से तुलना की तो हमने पाया कि प्रत्येक विद्यालयों में भी हिन्दी विषय में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है । अकादमी को इस बात की खुशी हो रही है कि हमारे श्रम और प्रोत्साहन का सकारात्मक संदेश विद्यालयों, छात्रों और अभिभावकों तक पहुँच रहा है । यदि भाषा को बचाना है तो हमें जड़ों को सींचना होगा और भाषा की जड़ें विद्यालय हैं । यदि विद्यालयी स्तर से ही छात्रों में हिन्दी के प्रति सम्मान की भावना अभिप्रेरित की जाएगी तभी हिन्दी का प्रचार-प्रसार और संरक्षण हो पाएगा । आज जिस तरह से छात्रों और युवा वर्ग में हिन्दी भाषा को लेकर जो उदासीनता है, उसे जड़ से खत्म करने की आवश्यकता है ।

हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. पूर्णमल गौड़ ने अपने वक्तव्य में ‘भाषा रत्न सम्मान’ से सम्मानित 31 मेधावी छात्रों को हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से भी सम्मानित करने की घोषणा की जिसका उपस्थित छात्रों ने जोरदार तालियों से स्वागत किया गया ।

अपने हिन्दी शिक्षकों के साथ अपने-अपने विद्यालयों की वर्दी में उपस्थ्ति छात्रों से सभागार शोभायमान और उनके हिंदी के उदघोषों से गुंजायमान था । पृष्ठभूमि पर बज रहे हिन्दी भाषा के गीतों ने सभागार के वातावरण को हिन्दीमय बनाए रखा ।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी एवं दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा, भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह एवं काव्योत्सव।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी एवं दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधन में रविवार, 21 जुलाई 2019 को अमीर खुसरो सभागार, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली में नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा, भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह एवं काव्योत्सव सम्पन्न हुआ। दो सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रबुद्ध शिक्षाविदों, विख्यात वक्ताओं, विषय विशेषज्ञों, विभिन्न संचार माध्यमों के पत्रकारों, जाने-माने साहित्यकारों, दिल्ली प्रदेश के 150 विद्यालयों के हिन्दी भाषा के शिक्षकों सहित गुरुग्राम, गाज़ियाबाद तथा नोएडा से भी कई विद्वत जनों की उपस्थिति रही ।

के. कस्तुरीरंगन की समिति ने माननीय मानव संसाधन मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी को नई शिक्षा नीति-2019 का प्रारूप सौंपने के बाद दिल्ली प्रदेश में शायद ही इतने समृद्ध मंच पर किसी संस्था ने इस पर गंभीर परिचर्चा का आयोजन किया हो । यह परिचर्चा विभिन्न कारणों से महत्वपूर्ण रहा । इस परिचर्चा में प्रश्नोत्तर सत्र भी रखा गया था जहाँ विभिन्न विद्यालयों के भाषा शिक्षकों ने विशिष्ट वक्ताओं के सामने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं को रखा और वहीं विषय विशेषज्ञ वक्ताओं ने उन पर विस्तृत रूप से चर्चा की । मानव संसाधन मंत्रालय ने 31 जुलाई तक नई शिक्षा नीति पर विभिन्न शैक्षिक संस्थानों, बुद्धिजीवियों, विचारकों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से अपने सुझाव देने के लिए कहा है अत : अकादमी ने भी अपने सुझाव पत्र भेजने हेतु उपस्थित सभी अतिथियों से हस्ताक्षर भी लिए । इस परिचर्चा सत्र में विशिष्ट वक्ताओं के रूप में वरिष्ठ पत्रकार तथा भारतीय भाषाओं के संवर्द्धन के पक्षधर श्री राहुल देव, सुविख्यात हास्य कवि एवं हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, लेखिका, पत्रकार एवं जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नन्दा, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष तथा केंद्रीय हिन्दी निदेशालय, दिल्ली के निदेशक श्री अवनीश कुमार, उ. प्र. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रो. विशेष कुमार गुप्ता, शिक्षाविद, लेखिका एवं हिन्दी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय की निदेशक प्रो. कुमुद शर्मा, पत्रकार एवं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष श्री दिनेश तिवारी तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर अपने-अपने वक्तव्य दिये ।

आयोजन के काव्योत्सव सत्र में विशिष्ट अतिथियों के रूप में आकाशवाणी के पूर्व निदेशक एवं साहित्यकार, डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. बी.एल. गौड़, विख्यात व्यंग्यकार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के संपादक डॉ. लालित्य ललित, कवियत्री सुश्री कमला सिंह ज़ीनत, शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. हरीश अरोड़ा, शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’, राजभाषा, गृह मंत्रालय के उप संपादक, डॉ. धनेश द्विवेदी तथा शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. रमेश तिवारी उपस्थित थे । इस सत्र में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी-अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का काव्यपाठ किया । विशिष्ट अतिथियों ने भी अपनी कविताओं और ग़ज़लों से सभागार को गुंजायमान बनाए रखा । काव्योत्सव सत्र में नन्हें बाल कवि जश्न महाला आकर्षण का केंद्र रहा । बाल कवि जश्न ने अपनी कविता एवं प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। इस अवसर पर दिल्ली के 150 हिंदी भाषा के शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया ।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के प्रतिनिधि मंडल ने सूरीनाम गणराज्य की राजदूत महामहिम सुश्री आशना कन्हाई जी से की शिष्टाचार भेंट

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के एक प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार, 10 जुलाई, 2019 को सूरीनाम गणराज्य की राजदूत महामहिम सुश्री आशना कन्हाई जी से शिष्टाचार भेंट की । अकादमी के पदाधिकारियों ने राजदूत महोदय को पुष्प गुच्छ, पत्रिकाएँ और अकादमी के प्रकाशन की कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें भेंट कर उनका स्वागत किया । इसी तरह महामहिम राजदूत ने भी सूरीनाम साहित्य की एक महत्वपूर्ण पुस्तक अकादमी को उपहार स्वरूप भेंट की । भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे तीन देशों की राजदूत जैसे अति गरिमामयी और अति जिम्मेदार पद पर आसीन आ0 आशना कन्हाई जी से बहुत ही शांत और मैत्रीपूर्ण वातावरण में लगभग 2 घंटे तक के विषयों पर विस्तृत बातचीत हुई । इस अवसर पर उनका एक साक्षात्कार भी लिया गया जिसे अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका ‘हिन्दुस्तानी भाषा भारती’ के आगामी अंक में प्रकाशित किया जाएगा । महामहिम राजदूत ने अपनी शिक्षा-दीक्षा, जीविका, पारिवारिक पृष्ठभूमि और साहित्यिक रुझान आदि विषयों की जानकारी को हमसे साझा किया साथ ही सूरीनाम गणराज्य की भाषा, संस्कृति, साहित्य तथा लोक जीवन से संबंधित गंभीर विषयों के बारे में भी हमें विस्तृत रूप से बताया । हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने दोनों देशों के सुमधुर संबंधों में और भी प्रगाढ़ता लाने के लिए अनुवाद साहित्य को बढ़ावा देने की बात कही जिससे दोनों देशों की साहित्यिक, सांस्कृतिक और भाषायी गतिविधियों के आदान-प्रदान में उल्लेखनीय योगदान दिया जा सके । इस योजना पर महामहिम राजदूत ने बहुत ही सकारात्मक विचार रखा और भविष्य में अकादमी के साथ मिलकर भाषा, साहित्य और संस्कृति के विषय में सहकार्य करने की बात रखी । महामहिम राजदूत आशना कन्हाई जी ने हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के कार्य को बहुत ही सराहा और अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की ।

इस अवसर पर अकादमी के प्रतिनिधि मंडल में अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर सहित सर्वश्री विजय शर्मा, राजकुमार श्रेष्ठ और पुलकित खन्ना उपस्थित थे ।

फिजी गणराज्य के राजदूत महामहिम श्री योगेश पुंजा जी को धन्यवाद ज्ञापन:

अकादमी द्वारा आयोजित 'मेधावी छात्र एवं शिक्षक समारोह' के मुख्य अतिथि फिजी गणराज्य के राजदूत महामहिम योगेश पुंजा जी का आभार व्यक्त करने के लिए दूतावास स्थित उनके कार्यालय में बहुत ही आत्मीय वातावरण में उनसे भेंट हुई । अकादमी के प्रतिनिधि मंडल में अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, वरिष्ठ पदाधिकारी श्री विजय कुमार शर्मा, श्री विजय कुमार राय और भारतीय योग संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री शरत चंद्र अग्रवाल जी सम्मलित थे। इस अवसर पर राजदूत महोदय को अकादमी की ओर से स्मृति चिन्ह और अकादमी से प्रकाशित पुस्तकें भेंट की गईं । राजदूत महोदय की ओर से हमें हिंदी भाषा में प्रकाशित फिजी गणराज्य के संविधान की प्रति भी भेंट की गई ।

राजदूत महोदय ने अकादमी द्वारा हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के संवर्धन और संरक्षण के प्रयासों को बहुत सराहा । उन्होंने समारोह को अद्वितीय बताया और उसमें सम्मलित होने पर अपनी प्रसन्नता हमसे साझा की। महामहिम ने हमें बताया कि उन्होंने इस भव्य आयोजन की चर्चा अपने कई अन्य कार्यक्रमों के मंचों और भारतीय अधिकारियों से भी । उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि अकादमी एक निजी संस्था है और अपने आयोजन बिना किसी सरकारी या अन्य सहयोग से करती है।

राजदूत महोदय ने अपनी ओर से और फिजी गणराज्य की ओर से अकादमी को पूर्ण सहयोग भरोसा दिलाया और कार्यक्रमों में सहभागिता की बात भी की।

नेपाल के नवनियुक्त राजदूत महामहिम श्री नीलाम्बर आचार्य महोदय से अकादमी के प्रतिनिधि मंडल की शिष्टाचार भेंट:-

नेपाल सरकार द्वारा भारत के लिए नव नियुक्त राजदूत महामहिम श्री नीलांबर आचार्य जी से दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के प्रतिनिधि मण्डल ने शिष्टाचार भेंट की । अकादमी की ओर से पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया गया एवं अकादमी के प्रकाशन की कुछ पुस्तकें भेंट की गईं । अकादमी की ओर से इस प्रतिनिधि मण्डल में अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, श्री विजय शर्मा, श्री राजकुमार श्रेष्ठ और सुश्री सोनिया अरोड़ा सम्मालित थे । बहुत ही आत्मीय वातवरण में हुई इस भेंट में महामहिम महोदय ने दोनों देशों की भाषा, कला, साहित्य, संस्कृति एवं लोक जीवन से संबन्धित जानकारियां साझा की । उन्होने कहा कि साहित्य ही एक ऐसा माध्यम है जो दो भिन्न भाषा और संस्कृति को आपस में जोड़े रखता है । वहीं अकादमी के अध्यक्ष ने कहा कि अनुवाद साहित्य दो भिन्न देश, भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के लिए सेतु का काम करता है ।

महामहिम महोदय ने नेपाल की सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं सवैधानिक विषयों पर भी चर्चा की और कहा कि नेपाल और भारत परापूर्व काल से ही बहुत निकट रहें हैं, तो इस दिशा में कोई भी ठहराव नहीं आना चाहिए बल्कि निरंतर साहित्यिक समरसता और प्रवाह होता रहना चाहिए । इस शिष्टाचार भेंट को मूर्त रूप देने में नेपाल दूतावास के सांस्कृतिक सलाहकार श्री होम प्रसाद लुइंटेल जी ने विशेष सहयोग दिया और इस बैठक में पूरे समय उपस्थित रहे ।

कई भाषाओं के ज्ञाता, कानूनविद, नेपाल के संविधान निर्माण कमेटी के अध्यक्ष एवं नेपाल सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित करने वाले महामहिम महोदय ने भाषा के प्रति अकादमी की निष्ठा और कार्यों को बहुत सराहा और अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की । उन्होने दोनों देशों के सम्बन्धों में प्रगाढ़ता लाने के उद्देश्य से साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजन के संबंध मे चर्चा की और भविष्य में दोनों देशों में इस तरह के आयोजनों में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया ।

अकादमी की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक सम्पन्न

दिनांक 07 जुलाई 2019 को दिल्ली हिन्दी साहित्य परिषद, आर.के. आश्रम, दिल्ली में 'हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी' की केंद्रीय कार्य समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक समपन्न हुई। इस बैठक में अकादमी द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दुस्तानी भाषा भारती' के नियमित प्रकाशन व्यवस्था, सदस्यता और सम्पादन मंडल पर चर्चा हुई साथ ही 21 जुलाई, 2019 को दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के साथ संयुक्त आयोजन 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह' एवं 'काव्योत्सव' के संबंध में कार्यक्रम के उद्देश्य, रणनीति और सदस्यों की भूमिका के संदर्भ में भी सुझाव लिए गए । इसके अतिरिक्त अकादमी के आगामी आयोजन 'मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह' , गुरुग्राम के आयोजन तथा दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों में होने वाले आयोजन पर भी विस्तृत चर्चा की गयी।

इस अवसर पर हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के कुछ वरिष्ठ और पुराने सदस्यों के साथ कुछ नए और विशेष आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे जिनमें मुख्य रूप से अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, कार्यकारी संपादक, डॉ. रमेश तिवारी, सुश्री सीमा सिंह,सर्वश्री विजय शर्मा, भुपिंदर सेठी, हामिद खान, राजकुमार श्रेष्ठ, पुलकित खन्ना , सुश्री शकुंतला मित्तल, सुश्री सुषमा भण्डारी, सुश्री आभा पालीवाल, सुश्री अलका तंवर और सुश्री नीतू पांचाल उपस्थित थे।

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद पटेल से भेंट :-

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माननीय श्री प्रहलाद पटेल जी से उनके निवास पर हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की और मंत्री बनने पर बधाई दी :

वर्तमान सरकार में मध्यप्रदेश के दमोह से सांसद आदरणीय श्री प्रहलाद पटेल जी देश के नए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बनाये गए हैं I दर्शन शास्त्र और कानून के छात्र रहे श्री पटेल की छबि एक जमीनी, जुझारू और जोशीले नेता की है I युवा संगठन से अपनी राजनीति शुरू करने वाले श्री पटेल का लम्बा राजनीतिक अनुभव है I कई बार सांसद, विभिन्न समितियों और पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे श्री प्रहलाद पटेल अटल जी की सरकार में मंत्री का पद सुशोभित कर चुके हैं I हमें विश्वास है कि भारतीय संस्‍कृति और भाषा के संरक्षण, ग्रामीण क्षेत्रों, किसानों और खेलों के विकास के प्रति पूर्णत: समर्पित नए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री देश की आशाओं पर पूर्णतः खरे उतरेंगे ।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी से आपका पुराना जुड़ाव है और आप अकादमी की कार्यशैली से भली-भांति परिचित हैं I आपने अकादमी के कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारकर समारोह की शोभा भी बढाई है और हमें समय-समय पर अपने बहुमूल्य मार्गदर्शन से लाभान्वित भी किया है I अकादमी के प्रतिनिधिमंडल सर्वश्री सुधाकर पाठक, अध्यक्ष, हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी, विजय कुमार शर्मा, भूपेन्द्र सेठी, राजकुमार श्रेष्ठ, पुलकित खन्ना ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर माननीय मंत्री जी से दिल्ली स्थिति उनके निवास पर भेंट की और पुष्पगुच्छ भेंट किये I हम आशान्वित है कि आदरणीय प्रहलाद पटेल जी के मंत्री बनने से अकादमी के भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को नई दिशा मिलेगी ।

'मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह' सम्पन्न:10वीं कक्षा में हिंदी भाषा में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले दिल्ली के लगभग 150 विद्यालयों के 1725 छात्र और 300 शिक्षक हुए सम्मानित। इनमें 100% अंक प्राप्त करने वाले 32 छात्र भी सम्मलित। सर्वाधिक प्रिविष्टियों के लिए बाल भारती पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा, दिल्ली को मिला 'भाषा रत्न-2018' सम्मान

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा हिंदी भाषा के 'मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह' का आयोजन 3 फरवरी , 2019 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के प्रांगण में सम्पन्न हुआ।

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से इस अदभुत और अद्वितीय आयोजन में दिल्ली प्रदेश के लगभग 150 विद्यालयों के 1725 छात्रों सहित उनके हिन्दी शिक्षकों का भी सम्मानित किया गया।

10 वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा में हिन्दी विषय में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 32 मेधावी छात्रों को 'भाषा प्रहरी सम्मान-2018' से अलंकृत किया गया। जिन बच्चों ने 90 प्रतिशत या उससे भी अधिक अंक प्राप्त किये हैं उन्हें 'भाषा दूत सम्मान -2018 से नवाजा गया साथ ही उनके हिन्दी शिक्षकों को 'भाषा गौरव शिक्षक सम्मान' से सम्मानित किया गया।

10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में किसी एक विद्यालय के सर्वाधिक (109) विद्यार्थियों द्वारा हिन्दी भाषा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर 'बाल भारती पब्लिक स्कूल', पीतमपुरा,दिल्ली को 'भाषा रत्न सम्मान-2018 से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'राष्ट्र निर्माण में हिंदी की भूमिका' का लोकार्पण भी हुआ ।

दीप प्रज्ज्वलन और सामूहिक राष्ट्रगान से शुभारंभ हुए इस कार्यक्रम में बच्चों ने हिंदी भाषा के सामूहिक गान की प्रस्तुति भी दी। पृष्ठभूमि पर बज रहे हिंदी भाषा के गीतों ने समारोह को और भी शोभायमान बनाये रखा।

इस भव्य सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि फिजी गणराज्य के राजदूत महामहिम योगेश पुंजा जी थे। वहीं विशिष्ट अतिथियों में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के निदेशक, श्री अवनीश कुमार, श्री शरत चंद्र अग्रवाल, सदस्य केंद्रीय समिति, भारतीय योग संस्थान हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा के उपाध्यक्ष, डॉ. कमल किशोर गोयनका, विख्यात साहित्यकार डॉ. वेद प्रसाद वैदिक, विख्यात कवि डॉ. अशोक चक्रधर, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार बी. एल. गौड़, राजभाषा विभाग के डॉ. धनेश द्विवेदी, डॉ मुक्ता, पूर्व निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के कार्यकारी संपादक, डॉ. रमेश तिवारी, इंदिरा गांधी कला केंद्र के निदेशक (प्रकाशन) श्री अनिल कुमार सिन्हा, सलाहकार श्री आर के द्विवेदी, सुश्री यति शर्मा, निदेशक(प्रसाशन) मंचासीन थे।

किसी सरकारी/गैर सरकारी संस्था द्वारा हिन्दी भाषा और उसमें भी विद्यार्थियों के लिए इतना बड़ा आयोजन शायद ही कभी हुआ हो। मंचासीन अतिथियों ने इस अभूतपूर्व आयोजन की मुक्त कंठ से प्रसंशा की। बच्चों, अभिभावकों एवं शिक्षकों ने इसे खूब सराहा। इस अवसर पर सम्मानित होकर सभी छात्र एवं उनके शिक्षक स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।

विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली विश्व हिंदी दिवस पर पुस्तक लोकार्पण समारोह एवं संगोष्ठी :हिंदी समाचार माध्यमों में भाषा की स्थिति

प्रगति मैदान, नई दिल्ली ।

दिनांक 10 जनवरी 2019 को विश्व पुस्तक मेले के सेमिनार भवन में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी विषय: हिंदी समाचार माध्यमों में भाषा की स्थिति का आयोजन किया गया । इस अवसर पर हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा प्रकाशित डॉ. बीना राघव की पुस्तक ' काव्य के सप्तरंग' का लोकार्पण भी संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मुक्ता, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व निदेशिका हरियाणा साहित्य अकादमी ने की। मुख्य अतिथि डॉ सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव- इंदिरा गाँधी कला केंद्र एवं प्रो. अवनीश कुमार, अध्यक्ष वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, विज्ञान लेखिका शुभ्रता मिश्रा (गोआ), वरिष्ठ साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल और हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन थे।

वक्ताओं ने समाचार-पत्रों और इलैक्ट्रोनिक मीडिया में हिंदी के समुचित प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि किसी और भाषा में अन्य भाष़ाओं के शब्द नहीं मिलाए जाते तो फिर हिंदी में ही क्यों? भाषा की शुद्धता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सभी वक्ताओं ने एक स्वर से हिंदी समाचार पत्रों में अंग्रेजी के वाक्यशों और शब्दों और रोमन लिपि में के प्रयोग पर कड़ी आपत्ति दर्ज की, साथ ही भविष्य में इसके लिए उचित रणनीति बनाने की बात भी कही।

विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली पुस्तक लोकार्पण एवं काव्योत्सव सम्पन्न:- विचार गोष्ठी:शिक्षा का माध्यम और संस्कृति

8 जनवरी 2019 को विश्व पुस्तक मेले, प्रगति मैदान, नयी दिल्ली मेंं हॉल नं. आठ के सेमिनार भवन में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के सौजन्य से दो पुस्तकों का लोकार्पण एवं संगोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। डॉ. रवि शर्मा के निबंध संग्रह 'चिंतन के साहित्यक रंग' और सोनिया प्रियदर्शिनी के कहानी संग्रह 'चॉकलेटी चेहरे' का विमोचन डॉ. बी. एल. गौड़ जी की अध्यक्षता में, डॉ हरी सिंह पाल, श्री सुधाकर पाठक और श्री परमानंद पांचाल जी के कर-कमलों द्वारा हुआ। सुश्री वीणा अग्रवाल के सरस्वती वंदना गायन और अतिथिजनों के शॉल और स्तवक से स्वागत अभिनंदन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सोनिया जी और रवि शर्मा जी ने अपने लेखन कला-कौशल और पुस्तकों के बारे में विचार रखे। डॉ. हरि सिंह पाल ने बताया कि डॉ रवि जी की पुस्तक हिंदी की महान विभूतियों यथा रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि पर शोधपरक निबंध हैं जो स्नातक और शोधार्थियों के लिए बहुत उपयोगी हैं। सुधाकर पाठक जी ने शिक्षण का माध्यम और संस्कृति विषय पर बोलते हुए कहा कि भाषा अपने परिवेश को व्यक्त करती है। जो जिस परिवेश का होता है, वहाँ वही भाषा लागू होनी चाहिए तभी समुचित विकास संभव है। अपनी संस्कृति को अपनी भाषा से ही भली-भाँति जाना जा सकता है। अभिज्ञान शाकुंतलम अंग्रेजी में पढ़ाया जाए तो अधकचरा ज्ञान ही पल्ले पड़ेगा।

इस अवसर पर गुड़गाँव और दिल्ली से आए कवि-कवयित्रियों ने काव्यपाठ भी किया।

मेधावी छात्र एवम् शिक्षक सम्मान समारोह - शारजाह

शारजाह (यू ए ई) में डी पी एस, शारजाह में हिंदी विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी हुए सम्मानित। अकादमी की ओर से उनकी हिंदी की शिक्षिका डॉ आरती गोयल को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र आदि से सम्मानित किया गया और उनके कक्षा के 23 छात्रों के भाषा दूत सम्मान पत्र और पदक भेंट किए गए । अकादमी के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री विजय कुमार शर्मा ने शारजाह में एक समारोह में यह सम्मान दिया।

उसके बाद स्कूल में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें प्रधानाचार्या और मैनेजमेंट की ओर से भी छात्रों और शिक्षकों का इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया ।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, कलानिधि विभाग, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी से प्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण समारोह।

दिनांक 8 दिसंबर 2018 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, कलानिधि विभाग पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें भारत और नेपाल का सुंदर मैत्री सम्मिलन देखने को मिला। अवसर था- नेपाली युवा कवि एवम् अनुवादक श्री राजकुमार श्रेष्ठ द्वारा सुधाकर पाठक जी की पुस्तक 'जिंदगी कुछ यूं ही ' का नेपाली अनुवाद 'जिंदगी केही यस्तै ' और वरिष्ठ कथाकार सुरेखा जी की सद्य

प्रकाशित 'प्रतिनिधि कहानियाँ' का लोकार्पण समारोह। इस भव्य आयोजन में हिंदुस्तानी भाषा भारती पत्रिका के नवीनतम नेपाली विशेषांक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मॉरीशस गणराज्य के राजदूत श्री जगदीश्वर गोवर्धन थे लेकिन मॉरीशस सरकार के मंत्री समूह के आगमन के कारण समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। उनके प्रतिनिधि के रूप में दूतावास के प्रथम सचिव श्री उमेश सुखमनी जी उपस्थित हुए। विशिष्ट अतिथियों में डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, श्री होम प्रसाद लुइटेल, सांस्कृतिक सलाहकार, नेपाल दूतावास और उमाकांत आचार्य थे। स्वागत वक्तव्य डॉ रमेश चन्द्र गौड़, विभागाध्यक्ष, कलानिधि ने दिया । नेपाल से 'हिमालिनी' पत्रिका की संपादिका और प्रसिद्ध कवयित्री सुश्री श्वेता जी और पत्रिका के अध्यक्ष श्री सच्चिदानंद मिश्रा भी उपस्थित थे।

पुस्तक लोकार्पण एवं परिचर्चा के इस शुभ अवसर पर अकादमी के सदस्यों सहित दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोयडा के शिक्षकगण, साहित्यिकारों के साथ-साथ नेपाल से भी काफी लोग पधारे।

मेधावी छात्र एवं शिक्षक सम्मान समारोह "गाज़ियाबाद"

गाज़ियाबाद के लगभग 350 हिन्दी भाषा के मेधावी छात्र और उनके शिक्षक हुए सम्मानित हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के वार्षिक आयोजनों की श्रंखला के अंतर्गत गाज़ियाबाद के 315 मेधावी छात्रों एवं उनके हिन्दी शिक्षकों का सम्मान आज दिनांक 28 अक्टूबर, 2018 को गाज़ियाबाद में स्थित हिन्दी भवन सभागार में हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी एवं हिन्दी भवन समिति, गाजियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में किया गया । कुल 315 विद्यार्थियों में से 4 विद्यार्थियों को ‘भाषा प्रहरी सम्मान’ दिया गया जिन्होंने दशवीं की बोर्ड परीक्षा में हिन्दी विषय में शत प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे । शेष विद्यार्थियों को ‘भाषा दूत सम्मान’ दिया गया जिन्होंने 90 और उससे अधिक अंक प्राप्त किये थे । भाषा प्रहरी सम्मान स्वरुप विद्यार्थियों को मंचासीन अतिथियों द्वारा सम्मान पत्र, पदक और नकद सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया । इसी तरह भाषा दूत सम्मान स्वरुप विद्यार्थियों को सम्मान पत्र और पदक दिए गए तथा उनके हिन्दी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया । अपने-अपने विद्यालयों के पोशाक में उपस्थित छात्रों, उनके हिन्दी विषय के शिक्षकों और अभिभावकों से खचाखच भरा हुआ सभागार बहुत ही आकर्षक और शोभायमान था ।

कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वल्लित करके की गई । उसके बाद सभागार में उपस्थित सभी लोगों द्वारा सामूहिक राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया । मंचासीन अतिथियों का हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के केन्द्रीय कार्यसमिति के पदाधिकारियों एवं शिक्षक प्रकोष्ठ, गाज़ियाबाद इकाई के पदाधिकारियों द्वारा शाल, पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया । कार्यक्रम में अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका‘हिदुस्तानी भाषा भारती’ के नवीन अंक का लोकार्पण भी किया गया ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद मंत्री, माननीय श्री अतुल गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब भी हिन्दी भाषा और हिन्दी के हित के लिए कोई भी कार्यक्रम का आयोजन गाज़ियाबाद में करना हो तो वह उसके लिए हमेशा तत्पर रहेंगे और उनका पूरा-पूरा सहयोग रहेगा । वहीँ हिन्दी भवन समिति, गाज़ियाबाद के महासचिव श्री योगेश गर्ग ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी भवन की स्थापना हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए ही हुई है इसलिए भवन समिति हमेशा ही हिन्दी से सम्बंधित कार्यक्रमों का हमेशा ही स्वागत करती है । विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन देश की जानी-मानी कवियत्री सीता सागर जी ने हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की गतिविधियों और उसके उद्देश्यों पर चर्चा की, साथ ही उन्होंने अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक की कार्यशैली और हिन्दी के प्रति समर्पण की प्रसंशा की । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मॉरिशस सरकार की कला एवं संस्कृति मंत्रालय के हिन्दी संगठन के अध्यक्ष माननीय श्री सुरेश रामबरन जी ने अकादमी की गतिविधियों को बहुत सराहा और उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी पहचान है । हम विश्व की कोई भी भाषा सीख लें और उसमें दक्षता हासिल कर लें तो भी हम हिन्दुस्तानी के रूप में ही पहचाने जायेंगे । भाषा के बदल जाने से हमारी पहचान नहीं बदलती । इसीलिए हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, जाने-माने पत्रकार, साहित्यकार और उद्योगपति बी. एल. गौड़ जी ने अकादमी के आगामी किसी भी कार्यक्रम पर अपना पूरा सहयोग देने का वायदा किया । श्री गौड़ ने कहा कि अकादमी के अध्यक्ष की हिन्दी की वर्तमान स्थिति पर पीड़ा महसूस कर पा रहा हूँ और उन्होंने कहा कि वह अकादमी को हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं I गाज़ियाबाद प्रकोष्ठ की ओर से डॉ तारा गुप्ता, सलाहकार द्वारा आये हुए अतिथिओं एवं अकादमी के केन्द्रीय समिति के सदस्यों का आभार वयक्त किया गया I

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि यदि हमें हिन्दी की असल में सेवा करनी है तो पत्तों की जगह जड़ों में पानी डालना होगा और यह जड़ें विभिन्न विद्यालयों में अध्ययन करने वाले हमारे छात्र ही हैं । वर्तमान शिक्षा नीति के कारण ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ दशकों बाद हिन्दी के पाठक और श्रोता ढूँढने से भी नहीं मिलेंगे I हिन्दी दिवस, हिन्दी पखवाडा, अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी संमेलन आदि के माध्यम से हिन्दी भाषा को लेकर हम जो भी कुछ देख-सुन रहे हैं उसे देख कर ऊपरी तौर पर अवश्य ऐसा लगता है कि हिन्दी बहुत फल-फूल रही है पर जमीनी सच्चाई यह है कि हिन्दी की जड़ें सूख रही हैं । जब तक हिन्दी भाषा को रोजगार से जोड़ा नहीं जाता तब तक हिन्दी निरीह होने को मजबूर है । उन्होंने सरकार की शिक्षा नीति, विद्यालय प्रशासन के रवैयों पर और देश में दिनोंदिन बढ़ रही हिन्दी की दुर्दशा पर अपनी चिंता जाहिर की । समारोह का समापन अकादमी की सलाहकार सुश्री सीमा सिंह के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ I इस भव्य आयोजन का कुशल और मोहक संचालन शिक्षक प्रकोष्ठ, गाज़ियाबाद की प्रभारी सुश्री कल्पना कौशिक द्वारा किया गया I

इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की केन्द्रीय समिति के सदस्य और शिक्षक प्रकोष्ठ, गाज़ियाबाद के पदाधिकारी उपस्थित थे जिनमें मुख्य सर्व श्री भूपेन्द्र सेठी, विजय कुमार शर्मा, हामिद खान, राजकुमार श्रेष्ठ, अमर नाथ गिरि, सुश्री सुषमा भंडारी, विदुषी शर्मा, वंदना शर्मा, नीरजा चतुर्वेदी, स्नेह भारती, नीलम शर्मा, सुशीला प्रसाद थे I कार्यक्रम सफल और सार्थक रहा तथा बच्चों और अध्यापकों के साथ साथ अभिभावकों में भी कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह देखा गया I

सार्क साहित्य सम्मेलन-2018 के प्रतिनिधि मंडल से भेंट

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के पदाधिकारियों सर्वश्री विजय कुमार शर्मा, श्री राजकुमार श्रेष्ठ, डॉ रमेश तिवारी, और अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के निदेशक तथा वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. अवनीश कुमार जी से आज 6 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में उनके कार्यालय में सार्क साहित्य सम्मेलन-2018 में पधारे हुए नेपाल के एक साहित्यिक प्रतिनिधि मंडल के साथ भेंट की।s

नेपाल के साहित्यिक प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से श्री भीष्म उप्रेती, श्री महेश पौडेल, श्री निमेश निखिल, सुश्री अनुपम रोशी, लगायत दार्जीलिंग निवासी मन प्रसाद सुब्बा, साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत, उपस्थित थे ।

नेपाल के प्रतिनिधि मंडल के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई और साथ ही हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दुस्तानी भाषा भारती' के नवीनतम अंक जो कि विश्व हिन्दी सम्मेलन (मॉरीशस) विशेषांक है, को भी भेंट किया गया।

प्रो. अवनीश कुमार जी ने पूरी आत्मीयता से विदेशी प्रतिनिधि मंडल एवं अकादमी के पदाधिकारियों का स्वागत किया तथा स्मृति चिह्न और आयोग की महत्त्वपूर्ण पुस्तकें भेंट की। प्रो. अवनीश जी ने नेपाली प्रतिनिधि मंडल और अकादमी के पदाधिकारियों को निदेशालय और आयोग के कार्यों और उद्देश्यों को विस्तार से समझाया । इस अवसर पर उनकी ओर से स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था थी, जिसमें प्रोफेसर साहब ने सभी के साथ भोजन किया ।

सार्क साहित्य सम्मेलन-2018 के प्रतिनिधि मंडल

आज दिनांक 6, अक्टूबर 2018 को दिल्ली में सार्क साहित्य सम्मेलन-2018 में पधारे हुए नेपाल के एक साहित्यिक प्रतिनिधि मंडल ने हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के पदाधिकारियों , सर्वश्री सुधाकर पाठक , अध्यक्ष, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी, डॉ. रमेश तिवारी, विजय शर्मा, एवं राजकुमार श्रेष्ठ से एक शिष्टाचार भेंट की। नेपाल के प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से श्री भीष्म उप्रेती, निदेशक, नेपाल राष्ट्र बैंक (केन्द्रीय बैंक), कवि एवं निबंधकार, श्री महेश पौडेल, सहायक प्रोफेसर, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, कवि, अनुवादक, उपन्यासकार और समालोचक, श्री निमेश निखिल, प्रवक्ता, मकवानपुर मल्टिपल कैंपस, कवि एवं संपादक, सुश्री अनुपम रोशी, कवियत्री एवं उपन्यासकार लगायत दार्जीलिंग निवासी मन प्रसाद सुब्बा, साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत, उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी विदेशी साहित्यकार अलग-अलग संस्थाओं के महत्त्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। प्रतिनिधि मंडल ने अकादमी के साथ मिलकर दिल्ली और नेपाल में साहित्यिक आयोजन की संभावनाओं पर चर्चा की।

प्रतिनिधि मंडल और अकादमी के पदाधिकारियों ने इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी से उनके कार्यालय में सौहादपूर्ण वातावरण में भेंट की तथा विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों व आगामी कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दुस्तानी भाषा भारती' का नवीनतम अंक जो कि विश्व हिन्दी सम्मेलन (मॉरीशस) विशेषांक है, का भी लोकार्पण किया गया।

डॉ. जोशी जी ने विदेशी अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। साथ ही अकादमी के पदाधिकारियों व नेपाली प्रतिनिधि मंडल ने कला केंद्र स्थित महात्मा गाँधी की चित्र प्रदर्शनी दीर्घा तथा राजा दीनदयाल गैलरी का अवलोकन किया। अतिथियों ने इन दोनों दीर्घाओं को बहुत पसंद किया ।

गांधी जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन

आज 2 अक्टूबर, 2018 को गाँधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय एवं वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग और हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के तत्वावधान में 'गाँधी के भाषा चिंतन में हिंदी ' विषय पर विचार संगोष्ठी एवं सरस काव्योत्सव का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली, एन सी आर के विभिन्न विद्यालयों के लगभग 125 हिंदी शिक्षक भी आमंत्रित थे। स्थान था- केंद्रीय हिंदी निदेशालय। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो अवनीश कुमार, अध्यक्ष, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, मुख्य अतिथि भाषाविद् और केंद्रीय हिंदी समिति के सदस्य प्रो. कृष्णकुमार गोस्वामी थे। कार्यक्रम का संयोजन एवम् संचालन हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक द्वारा किया गया । स्रोत वक्ताओं में प्रो. डॉ रमेश तिवारी, डॉ धनेश द्विवेदी, डॉ हरीश अरोड़ा, डॉ राकेश पांडेय, डॉ बी. एल. गौड़ थे। इस अवसर पर सरोज शर्मा जी, सविता चड्ढा जी, मुक्ता जी, हामिद खान जी, मंजीत कौर, विजय कुमार, विजय शर्मा, राजकुमार श्रेष्ठ, डॉ. बीना राघव, नरेंद्र सिंह निहार, डॉ. भावना शुक्ल, सरिता गुप्ता आदि साहित्यकार भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को दो सत्रों में विभक्त किया गया था। प्रथम सत्र में विचार संगोष्ठी में वक्ताओं ने गाँधी चिंतन में हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में रचनाशील शिक्षकों ने अपनी रचनाएँ सुनाईं जो हिंदी, गाँधी, देशभक्ति पर आधारित, सामाजिक तथा नारी विषयक थीं।

राजभाषा समिति के सदस्य श्री धनेश द्विवेदी जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अपनी भाषा को लागू करने की दृढ़तापूर्वक मानसिकता और इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। इसीलिए गाँधीजी ने कहा था-" हम सारा काम अपनी भाषा में कर सकते हैं, आवश्यकता केवल हिंदी के प्रयोग करने की है।विदेशी भाषा से बच्चों पर बेज़ा जोर पड़ता है। किसी और भाषा में अपने बच्चे को पढ़ाना मैं इसे देश का दुर्भाग्य समझता हूँ। सही मायने में कोई भी देश तब तक स्वतंत्र नहीं कहा जाएगा, जबतक वह अपनी भाषा में काम नहीं करता है। प्रसिद्ध व्यंग्यकार रमेश तिवारी जी ने कहा कि गाँधी जी देशवासियों से कहा करते थे -"हम तो अपनी भाषा में ही काम करेंगे, नहीं आती तो सीखना होगा।" भाषा भावाभिव्यक्ति का नाम है। गाँधी मूलतः गुजराती होते हुए भी राष्ट्रीय एकता को मद्देनज़र रखते हुए हिंदी को महत्व देते थे।

केंद्रीय हिंदी निदेशालय, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के निदेशक प्रो. अविनाश जी ने कहा कि गाँधी जी सबको एक सूत्र में बाँधने के लिए एक राष्ट्रभाषा का होना आवश्यक मानते थे। हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा हिंदी ही हो सकती है।

मेधावी छात्र और शिक्षक का सम्मान समारोह "शिक्षक प्रकोष्ठ-गुरुग्राम"

हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं को समर्पित संस्था 'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' ने आज 30 सितंबर 2018 को गुरुग्राम के राजकीय महिला महाविद्यालय के सभागार में हिंदी के मेधावी छात्र-छात्राओं और उनके शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदन, दीप-प्रज्वलन और राष्ट्रगान से हुआ। मुख्य अतिथि सांसद, प्रसिद्ध समाज सेवक एवं लेखक जो संसदीय राजभाषा समिति के संयोजक भी हैं, डॉ. (प्रो.) प्रसन्न कुमार 'पाटसाणी' थे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर स्टारैक्स यूनिवर्सिटी के उपकुलपति डॉ. अशोक दिवाकर, दैनिक जागरण समूह के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री बसंत राठौड़ जी , संसदीय राजभाषा समिति के सदस्य श्री धनेश द्विवेदीजी, हरियाणा साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशिका डॉ. मुक्ताजी और हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी थे।

इस समारोह में हरियाणा के गुरुग्राम और उसके आस-पास के 27 विद्यालयों के सी.बी.एस.ई. बोर्ड के 450 विद्यार्थियों और उनको हिंदी विषय पढ़ाने वाले 50 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इन बच्चों ने अपनी दसवीं की बोर्ड परीक्षा में हिंदी विषय में 90% से अधिक अंक प्राप्त किए थे जिन्हें अकादमी ने 'भाषा-दूत' सम्मान से नवाज़ा। 'भाषा प्रहरी' का विशेष सम्मान तीन विद्यालय के उन मेधावी छात्रों का मिला जिन्होंने हिंदी में 100 में 100 अंक प्राप्त अंक किए थे। सनसिटी विद्यालय से सहज गुप्ता , मानव रचना इंटरनेशनल विद्यालय की छात्रा सोनल अग्रवाल और सी. सी. ए. के छात्र सक्षम गुप्ता को ये पुरस्कार मिले जिसमें 1100 -1100 रुपये की धनराशि, स्मृति चिह्न, प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किए गए। पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थी सनसिटी स्कूल, मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल, सी.सी.ए., शिवनादर और डी. ए. वी. , 14 सैक्टर, बालभारती, डी. पी. एस., श्याम पब्लिक स्कूल, हैप्पी मॉडल स्कूल, चिरंजीव भारती स्कूल, पालम विहार आदि के थे ।

प्रोफेसर प्रसन्न कुमार पाटसाणी ने अपने वक्तव्य में कहा कि विदेशी भाषाओं के मोह में न पड़कर अपनी भाषा और संस्कृति का संरक्षण करना चाहिए। आज अपनी भाषा का गौरव बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। अकादमी इस दिशा में कारगर उपाय कर रही है। हिंदी शिक्षकों में और शिक्षार्थियों में अपनी भाषा का गौरव बढ़ा रही है। पाठक जी ने कहा कि अंग्रेजी का वर्चस्व ऐसे ही बढ़ता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हम अपनी संस्कृति भी खो बैठेंगे। संस्कृति की जड़ें जितनी गहरी होंगी...स्वाभिमान का वृक्ष भी उतना ही फलेगा-फूलेगा।

समारोह का स्वागत वक्तव्य अकादमी की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री सुरेखा शर्मा ने दिया । कार्यक्रम के अंत में शिक्षक प्रकोष्ठ, गुरुग्राम के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहर के बाल साहित्यिकारों और कवि-लेखकों के साथ अभिभावकों ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। प्रमुख साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल, मुकुल शर्मा, हरिंद्र यादव, कृष्णलता यादव, कृष्णा जैमिनी, सुनील शर्मा, कमलेश कौशिक, डॉ. सविता स्याल, किरन पांडेय, पूनम भल्ला, सुषमा भंडारी, पुष्पा जी आदि उपस्थित थे। हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की कार्यसमिति के सदस्य धनेश जी, हामिद जी , राजकुमार श्रेष्ठ, विजय शर्मा जी, विजय कुमार आदि भी आयोजन की सुंदरता और व्यवस्था सुदृढ़ करने पहुँचे।

11वें विश्व हिंदी सम्मेलन मॉरीशस

11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में विदेश मंत्रालय की ओर से सरकारी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हूं और 17 - 20 अगस्त मॉरीशस में प्रवास रहेगा । कल मॉरीशस और भारत सरकार की ओर से गंगा तालाब पर गंगा आरती में सम्मलित होने का अवसर मिला। भोले शंकर के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया । आज सुबह 9.30 से सम्मेलन का उद्घाटन सत्र है। मॉरीशस पहली बार आना हुआ । बहुत ही खूबसूरत देश है। विश्व हिंदी सचिवालय का मुख्यालय मॉरीशस में ही है और वह मुख्य प्रबंधक की भूमिका में है। भारत के लगभग हर प्रदेश से लेखक, साहित्यकार और हिंदी सेवी यहां पधारे हुए हैं। पूरे विश्व के लगभग 29 देश से हिंदी सेवी भी आए हुए हैं। 18-19-20 तीन दिन कई सत्रों में यह सम्मेलन चलेगा, जिसमें पिछले सम्मेलन से अब तक की प्रगति रिपोर्ट, आगामी योजनाएं और कई महत्वपूर्ण चर्चाएं होनी है। विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल होने का यह मेरा पहला अनुभव है और हिंदी से प्रेम करता हूं इसलिए इस सम्मेलन को लेकर बहुत उत्साहित और आशान्वित भी हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस सम्मेलन में कुछ ऐसी नीतियां बन सकें कि अपने देश में तो हिंदी के प्रति अच्छा वातावरण बने, युवाओं की भागीदारी बढ़ें और अंतराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी कि ख्याति पताका फहराए ।

शिक्षक प्रकोष्ठ-दिल्ली प्रदेश "विचार गोष्ठी"

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के 'शिक्षक प्रकोष्ठ'-दिल्ली प्रदेश ने कल 15 जुलाई, 2018 को गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, राजघाट, दिल्ली में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और उन्नयन की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए एक 'विचार गोष्ठी' का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि यह आयोजन 'शिक्षक प्रकोष्ठ-दिल्ली प्रदेश' की कार्यकारिणी के गठन और समिति के दायित्व निर्वहन के संबंध में था ।

अकादमी की ओर से 20 जून 2018 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, दिल्ली में 'राष्ट्र निर्माण में हिंदी की भूमिका' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ था जिसमें देश के मूर्धन्य विद्वानों ने प्रकोष्ठ के शिक्षक सदस्यों को संबोधित करते हुए अपने विचार रखे थे और इनका मार्गदर्शन किया था । इस अवसर पर शिक्षक प्रकोष्ठ की स्मारिका का लोकर्पण भी हुआ था। उस आयोजन के बाद इस विचार गोष्ठी का बहुत महत्व है।

इस विचार गोष्ठी में नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम सहित पूरी दिल्ली के विद्यालयों के बड़ी संख्या में भाषा शिक्षकों ने सक्रियता से भाग लिया ।

गोष्ठी में सम्मलित सभी शिक्षकों ने अपना परिचय, स्कूल में हिंदी की स्थिति और बहुमूल्य सुझाव दिए।

प्रदेश की कार्यसमिति में कुल 51 सदस्य मनोनीत हुए हैं, उनमें से प्रत्येक जिले के लिए एक प्रभारी मनोनीत करने का निर्णय लिया गया, जो अपने जिले में अन्य पदाधिकारियो के सहयोग से उस जिले के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों के हिंदी भाषा के अध्यापकों को प्रकोष्ठ से जोड़ने और उन विद्यालयों में हिंदी भाषा संबंधी कार्यों को करने का कार्य करेंगे जैसे विद्यार्थियों और शिक्षकों की कार्यशालाओ का आयोजन, हिंदी भाषा चयन में सहायता एवम् मार्गदर्शन, भाषण, वाद-विवाद, हिंदी की प्रश्नोत्तरी आदि ।

श्इस अवसर पर अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने ओजपूर्ण वक्तव्य में शिक्षकों को पूरे मन से हिंदी की सेवा में जुट जाने का आवाह्न किया।

उन्होंने कहा कि "हिंदी के लिए चुनौतियाँ बहुत बड़ी हैं, पर अगर मन में ठान लिया जाए तो कोई काम असंभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि यह सत्य नहीं है पर अगर यह कल्पना भी कर ली जाए कि पूरा समाज और दुनिया हिंदी के विरुद्ध है और इस पंडाल में बैठे लोग ही हिंदी प्रेमी और सेवी बचे हैं तो भी यह संख्या उस संख्या से बहुत बड़ी है जिन्होंने मुम्बई के एक पार्क में बैठकर पहली बार गुलाम देश को आज़ाद कराने का संकल्प लिया था। हमारा यह संकल्प आज़ाद भारत के संकल्प से बड़ा तो नहीं है? हम शिक्षक है, समाज के पथ प्रदर्शक हैं और सबसे बड़ी बात हिंदी भाषा से प्रेम करते हैं और पूर्ण रूप से जुड़े हुए हैं अतः अब हमें पूरी शक्ति के साथ इस संकल्प को पूर्ण करने में लग जाना चाहिए ।"

प्रकोष्ठ की सहसंयोजिका सुश्री सरिता गुप्ता के कुशल संचालन में हुए इस कार्यक्रम को सुश्री सविता चड्ढा, श्री अतुल प्रभाकर, डॉ रमेश तिवारी, सुश्री अनीता प्रभाकर ने अपने विचार रखे ।

अकादमी की ओर से वरिष्ठ पदाधिकारी सर्वश्री विजय कुमार शर्मा, भूपेंद्र सेठी, हामिद खान, राजकुमार श्रेष्ठ, सुश्री सरोज शर्मा, डॉ बीना राघव, सुश्री विदुषी शर्मा सम्मलित हुए और अपने विचार रखे ।

एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी :राष्ट्र निर्माण में हिंदी की भूमिका एवम् शिक्षक प्रकोष्ठ स्मारिका का लोकार्पण ।

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के सौजन्य से ,20 मई को नई दिल्ली में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'राष्ट्र निर्माण में हिंदी की भूमिका' आयोजित की गई। यह गोष्ठी सुबह १० बजे से संध्याकाल, छह बजे तक के चार सत्रों में हिंदी के विविध आयामों को समेटे हुई थी। इस सुअवसर पर देश के ख्यातिलब्ध वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे । समारोह का स्वागत वक्तव्य डोक सच्चिदानंद जोशी, सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने दिया । मुख्य विद्वत्जनों में अतिथि वक्ता इस प्रकार थे-

१. प्रो. गिरीश्वर मिश्र,
कुलपति, महात्मा गांधी अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा

२. श्री अतुल कोठारी
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली

३. श्री राहुल देव
वरिष्ठ पत्रकार

४. सुश्री निधि कुलपति,
एन डी टी वी

५. प्रो. अवनीश कुमार
निदेशक, केंद्रीय हिंदी निदेशालय एवम अध्यक्ष वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग

श्री सुधीश पचौरी,
सुविख्यात पत्रकार

२. श्री अतुल कोठारी
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली

२. श्री अतुल कोठारी
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली

७. डॉ प्रमोद तिवारी,
गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय

८. प्रो. नंद किशोर पांडेय
निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा

९. प्रो. राम मोहन पाठक,
हिंदी सेवी

११. डॉ अशोक चक्रधर
हिंदी के विद्वान, कवि, लेखक,निर्देशक, अभिनेता, नाटककर्मी ।

१२. डॉ वेद प्रताप वैदिक
वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी सेवी

१३. श्री अच्युतानंद मिश्र
पत्रकार एवम पूर्व कुलपति, माखन लाल चतुर्वेदी पत्रिकारिता बिश्वविद्यालय

१४. श्रीमती चित्रा मुदगल
वरिष्ठ कथा लेखिका एवं हिंदी सेवी

१५. पद्मश्री डॉ नरेंद्र कोहली,
सुविख्यात लेखक

१८. श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी
साहित्यकार एवं पूर्व अध्यक्ष, साहित्य अकादमी।

इस अवसर पर हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के शिक्षक प्रकोष्ठ की स्मारिका का लोकार्पण भी हुआ ।

वाराणसी व्यंग्य उत्सव -2018

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली और प्रगतिशील लेखक संघ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में 'वाराणसी व्यंग्योत्सव' - 2018' का बेहद शानदार आयोजन रामछाटपार शिल्प न्यास, सामने घाट, बीएचयू, वाराणसी के सभागार में दिनांक 19 मई 2018 को किया गया। यह आयोजन तीन सत्रों में सम्पन्न हुआ।इस आयोजन में देशभर से पधारे जाने-माने व्यंग्यकारों ने सक्रिय भागीदारी की।

आयोजन के प्रथम सत्र में डॉ. रमेश तिवारी द्वारा संपादित और हिंदी साहित्य निकेतन द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'व्यंग्य सप्तक' का लोकार्पण हुआ और पुस्तक पर चर्चा की गई।

वाराणसी व्यंग्योत्सव - 2018 के मुख्य आयोजक और हिंदुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने वक्तव्य द्वारा सभी उपस्थित विद्वानों, श्रोताओं का स्वागत किया। लोकार्पित पुस्तक के संपादक डॉ. रमेश तिवारी और सम्मिलित लेखकों को साधुवाद देते हुए आगे भी बेहतर लेखन के लिए शुभकामनाएं दीं। इन्होंने व्यंग्य के साथ-साथ भाषाओं पर ध्यान देने की बात पर जोर देते हुए यह चिन्ता व्यक्त की कि भाषाओं की दृढ़ता से ही साहित्य और उसकी विधाओं की दृढ़ता सम्भव हो सकती है।विशिष्ट वक्ताओं में डॉ. संतोष भदौरिया ने जोर देकर कहा कि व्यंग्य करना असहमत होना है।व्यंग्य आपकी पक्षधरता तय करता है। डॉ. प्रभाकर सिंह ने कहा कि व्यंग्य का लोक से गहरा रिश्ता होता है, इसीलिए व्यंग्य में लोक संवेदनाओं के स्वर परिलक्षित होते हैं। गाजियाबाद, उ.प्र. से पधारे वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री श्रवण कुमार उमर्लिया ने व्यंग्य सप्तक में संकलित रचनाओं की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुए यह संदेश दिया कि व्यंग्य की गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं होना चाहिए। इस प्रकार के कार्यों के लिए जो दृष्टि अपेक्षित है, वह डॉ. रमेश तिवारी की संपादन कला में भली-भांति अनुस्यूत है। आज ऐसे अनेक ईमानदार और महत्वपूर्ण प्रयासों की आवश्यकता है। इन सबके लिए सूक्ष्म दृष्टि की जरूरत है। डॉ. तिवारी और सभी सम्मिलित रचनाकारों को उर्मलिया जी ने शुभकामनाएं भी ज्ञापित कीं। दिल्ली से पधारे 'हिंदी व्यंग्य का इतिहास' के लेखक और व्यंग्यालोचक श्री सुभाष चंदर के अनुसार हमारे यहाँ धार्मिक स्थितियों पर व्यंग्य का अभाव है। अपने संक्षिप्त परंतु महत्वपूर्ण वक्तव्य में सुभाष चंदर ने सभी सम्मिलित रचनाकारों की लेखन शैली व क्षमताओं पर भी प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता के रुप में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. राजकुमार ने कहा कि 'व्यंग्य और हास्य की विभाजन रेखा तय करना सम्भव नहीं हो पाता और व्यंग्य के लिए सृजनात्मक भाषा का होना जरुरी है । इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कला संकाय के पूर्व डीन कुमार पंकज ने कहा 'व्यंग्य के भीतर की उक्तियाँ देशज और तद्भव में होने के कारण व्यंग्य रचना का अनुवाद सम्भव नहीं । व्यंग्य सप्तक पर अपनी बात रखते हुए डॉ. कुमार पंकज ने संपादक डॉ. रमेश तिवारी और सभी सम्मिलित रचनाकारों को बधाई देते हुए कहा कि अज्ञेय ने भी जब तारसप्तक का संपादन किया तो उसमें खुद को सम्मिलित करने का लोभ संवरण नहीं कर पाए। इस दृष्टि से डॉ. तिवारी यदि व्यंग्य नहीं लिखते हों, तब तो ठीक है किन्तु यदि ये व्यंग्य लिखते हैं और उसके बावजूद ऐसे संग्रह में स्वयं को सम्मिलित करने के लोभ-मोह से बचे रह सके हैं, तो इनकी निस्पृहता की मैं दाद देता हूँ। बड़ी-बड़ी हस्तियों के लिए भी ऐसा कर पाना अत्यंत मुश्किल होता है जिसे डॉ. रमेश तिवारी ने सहजता संपन्न कर डाला है।

द्वितीय सत्र में 'समकालीन परिदृश्य और व्यंग्य की चुनौतियाँ' विषय पर विमर्श का आयोजन हुआ जिसमें अध्यक्षता करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.बलिराज पाण्डेय ने कहा कि 'सबसे सटीक व्यंग्यकार वह हो सकता है जो न सिर्फ राजनीति, समाज आदि पर व्यंग्य करे बल्कि अपने पर भी व्यंग्य करने में सफल हो सके।

विशिष्ट वक्ताओं में डॉ. गया सिंह ने कहा कि व्यंग्य को एक अलग विधा में लें तभी उसका महत्व समझ में आयेगा।

श्री सुधाकर पाठक ने कहा कि जहाँ निराशा शासन-प्रशासन की तरफ से बढ़ जाये वहाँ हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है,पाठक वर्ग पैदा करना भी साहित्य और भाषा का चिन्तनबिंदु होना चाहिए।

इस सत्र का संचालन दिल्ली से पधारे डॉ. रमेश तिवारी और धन्यवाद डॉ.नीरज खरे द्वारा किया गया।

तृतीय सत्र में रचनापाठ का आयोजन किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कथाकार डॉ. काशीनाथ सिंह द्वारा की गयी।काशीनाथ जी ने अपनी रचना-पाठ के साथ हरिशंकर परसाई की सूक्तियों का भी पाठ किया, उन्होंने कहा कि व्यंग्य एक स्वतंत्र विधा है। आमंत्रित रचनाकारों में अलकबीर (वाराणसी), अलंकार रस्तोगी(लखनऊ), संतोष त्रिवेदी(दिल्ली), अनूपमणि त्रिपाठी (लखनऊ), शशिकांत सिंह'शशि' (नांदेड़, महाराष्ट्र), रमेश तिवारी(दिल्ली), एम.पी सिंह, बलिराज पाण्डेय, आनन्द तिवारी, अरुण कुमार श्रीवास्तव, नीरज खरे, विभांशु केशव, अशोक आनन्द(सभी वाराणसी), डॉ. विनोद मिश्र'कैमूरी', कवि मुनेश, (सासाराम), डॉ.शशि कुमार सिंह (मायाबंदर, अंडमान-निकोबार), हरिराम द्विवेदी 'हरि भइया' आदि ने रचना पाठ से समां बांध दिया।

उल्लेखनीय है कि 'वाराणसी व्यंग्योत्सव-2018' बनारस का पहला आयोजन है जो व्यंग्य पर पूरी तरह केंद्रित रहा, बनारस में इस प्रकार के प्रथम आयोजन के लिए हिंदुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली और प्रगतिशील लेखक संघ वाराणसी की जनसामान्य द्वारा बहुत सराहना की गई ।

"हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान" : 'पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह' सम्पन्न

रविवार, 29 अप्रैल 2018 को हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा आयोजित 'लोकार्पण एवं सम्मान समारोह' गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के सभागार में सम्पन्न हुआ । दो सत्रों में सम्पन्न हुए इस भव्य समारोह के प्रथम सत्र की अध्यक्षता गीत मनीषी श्रद्धेय माहेश्वर तिवारी ने की । विशिष्ट अतिथियों के रूप में सुविख्यात गीतकार डॉ धंनजय सिंह, गीत ऋषिका डॉ सीता सागर और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बी.एल.गौड़ मंचासीन थे । दीप प्रज्ज्वल और अतिथियों के स्वगत के उपरांत डॉ सीता सागर द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । सर्वप्रथम 'हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान' योजना के अंतर्गत चयनित देश के श्रेष्ठ 70 गीतकारों के गीतों की पुस्तक 'शब्द साधना' का लोकार्पण हुआ। 'चयनित गीतकारों में से 'प्रथम हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान' लखनऊ की कवयित्री सुश्री संध्या सिंह को दिया गया जिसमें सम्मान राशि 5100/- , सम्मान पत्र, श्रीफल, शाल और स्मृति चिन्ह अर्पण किया गया । इसके उपरांत योजना में चयनित और 'शब्द साधना' में सम्मलित देश के 12 प्रदेशों सहित नेपाल से पधारे गीतकारों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम, सम्मान पत्र और पुस्तक की प्रति भेंट करके सम्मानित किया गया । मंचासीन अतिथियों ने अकादमी की कार्यशैली और योजनाओं को बहुत सराहा । आ0 माहेश्वर तिवारी जी ने कहा कि अगर देश की संस्कृति और साहित्य को बचाना है तो भाषा को बचाना ही होगा। उन्होंने अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक के भारतीय भाषाओं के प्रति प्रेम और उनके प्रसार और संवर्धन के प्रयासों की प्रशंसा की । डॉ सीता सागर और डॉ धंनजय सिंह जी ने गीत चयन के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया और अकादमी के भाषा से संबंधित कार्यक्रमों से जुड़ने की बात कही । डॉ. बी . एल. गौड़ ने अकादमी के प्रयासों को सराहा और अकादमी को हर संभव सहायता देने की बात कही। प्रथम सत्र की समाप्ति मंचासीन अतिथियों के गीत पाठ से हुआ । श्रद्धेय माहेश्वर तिवारी जी और डॉ धंनजय सिंह के गीतों ने सभी के मन को छुआ,वहीं डॉ सीता सागर के सूफी गीत पर श्रोता झूम उठे । दोनों सत्रों का कुशल एवं प्रभावशाली मंच संचालन अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने स्वयं किया । उनके धैर्य और विनम्रता को अतिथियों ने खूब सराहा । भाषा पर उनके विचारों ने उपस्थित रचनाकारों को सोचने पर विवश कर दिया । उन्होंने संक्षेप में परंतु पूर्ण दृढ़ता से अकादमी के पक्ष को रखा ।

ज्ञात हो कि इस योजना में देश-विदेश से 248 वरिष्ठ और नवांकुर गीतकारों ने अपनी प्रविष्टियां भेजी थीं। देश के सुविख्यात वरिष्ठ गीतकारों के निर्णायक मंडल (डॉ लक्ष्मीशंकर वाजपेई, डॉ धंनजय सिंह, डॉ सीता सागर ) के द्वारा 70 श्रेष्ठ गीतकारों का और एक सर्वश्रेष्ठ गीतकार का चयन किया गया जिनके दो-दो गीतों की 'शब्द साधना' गीत संग्रह में सम्मलित किया गया है ।

स्वादिष्ट सामूहिक भोज के उपरांत द्बितीय सत्र के प्रारंभ में अकादमी द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों का लोकार्पण हुआ । अकादमी की साहित्यिक सलाहकार, वरिष्ठ कथाकार सुश्री सुरेखा शर्मा की 'प्रतिनिधि कहानियां' और युवा कवयित्री सुश्री सुधा कुमारी 'जूही' की 'कुछ मासूम सी बातें' । मंचासीन अतिथियों में सुविख्यात वरिष्ठ कथाकार सुश्री सविता चड्ढा, सुलभ साहित्य अक़दमी के सचिव डॉ अशोक कुमार 'ज्योति', साहित्यकार डॉ रवि शर्मा 'मधुप' और लेखक एवं शिक्षाविद डॉ रमेश तिवारी थे ।

देश भर से पधारे वरिष्ठ गीतकारों ने अपने बेहतरीन गीतों के पाठ से सबको मन को छुआ वहीं युवा गीतकारों ने अपने पाठ से यह भरोसा दिलाया कि उनके हाथों में गीत विधा का भविष्य सुरक्षित है । वरिष्ठ गीतकार आ0 डॉ लक्ष्मीशंकर वाजपेई दूसरे सत्र में कुछ विलंब से पधारे । अपने संबोधन में डॉ वाजपेयी ने भाषा के संरक्षण के लिए सबसे अपील की और अकादमी के प्रयासों को सराहा ।

अकादमी के लिए यह आयोजन बहुत महत्वपूर्ण था । इसमें सम्मानित गीतकार देश के कोने-कोने से पधारे थे । उनके आवास, भोजन आदि अनेक जिम्मेदारियों को अकादमी के पदाधिकारियों ने पूरी जिम्मेदारी से निभाया ।

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की केंद्रीय समिति की बैठक

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की केंद्रीय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक दिनाँक 1 अप्रैल 2018 को दिल्ली में हुई । इस बैठक का मुख्य विषय अकादमी के आगामी आयोजन 'काव्य प्रतिभा सम्मान' एवं 'शब्द साधना' (गीत संग्रह) के लोकार्पण की तैयारी का था । बैठक में अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका के नए संपादक मंडल के मनोनीति पदाधिकारियों का सम्मान भी किया गया । ज्ञात हो कि डॉ रमेश तिवारी जी को कार्यकारी संपादक, सुश्री सविता चड्ढा जी को प्रबन्ध संपादक, श्री राम सिंह मेहता जी को अकादमी का वित्तीय सलाहकार और श्री विजय कुमार शर्मा जी को पत्रिका का सह संपादक मनोनीति किया गया है ।

अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व आयोजन है जिसमें गीत विधा पर इतनी प्रविष्टियां आई हों और उनमें से एक कठिन पारदर्शी प्रक्रिया से गुज़र कर देश के 70 श्रेष्ठ गीतकारों का चयन किया गया हो ।

इस योजना की संयोजिका डॉ तारा गुप्ता जी ने पूरी चयन प्रक्रिया पर प्रकाश डाला तथा बताया कि यह यह कार्य बहुत कठिन था लेकिन सभी के सहयोग से ही इसे पूरा किया जा सका है । अकादमी की सलाहकार सुश्री सुरेखा शर्मा और सुश्री सरोज शर्मा जी ने इस समारोह में आने वाले अतिथियों को आश्वस्त किया कि यहां उनके आवास और भोजन आदि की पूर्ण व्यवस्था की जा रही है और हमारी कोशिश है कि हम उन्हें कोई परेशानी नहीं होने देंगे । अपने संदेशों के माध्यम से श्री हामिद खान, श्री भूपेंद्र सेठी, सुश्री विदुषी शर्मा, श्री विजय कुमार शर्मा, डॉ बीना राघव, सुश्री राज वर्मा ने भी सभी चयनित गीतकारों को बधाई दी । इस अवसर पर श्री विजय कुमार राय, श्री नीरज शर्मा, श्री राजकुमार श्रेष्ठ, सफल आयोजन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव दिए ।

इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदुस्तानी भाषा भारती' के नए अंक का भी लोकार्पण भी किया गया ।

सुलभ इंटरनेशनल संस्थान में पत्रिका का लोकार्पण

'रविवार 14 अप्रैल, 2018 को सुलभ इंटरनेशनल सामाजिक संस्था के मुख्य कार्यालय सुलभ ग्राम, महावीर एन्क्लेव, पालम रोड, दिल्ली में शुचिता पर्व का आयोजन किया गया। सुलभ स्वच्छता एवं सामाजिक सुधार आन्दोलन के प्रणेता एवं संस्थापक पद्मभूषण आदरणीय डॉ विंदेश्वर पाठक के नाम पर न्यूयार्क में एक दिन 'डॉ विंदेश्वर पाठक दिवस' घोषित किया गया । संस्थान की ओर से इस दिन को 'शुचिता काव्य पर्व' के रूप में मनाया गया।

डॉक्टर पाठक 50 वर्षों से समाज के उस अंतिम पंक्ति में सबसे नीचे पायदान पर बैठे उस व्यक्ति के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं जिसे समाज में एक मनुष्य के रूप में भी जीने का अधिकार नहीं था । यह एक सुखद संयोग ही है कि इसी वर्ग के उत्थान के लिए आजीवन कार्य करने वाले संविधान निर्माता भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी की जयंती भी है जिसे संस्थान की ओर से उनकी प्रतिमा पर मालार्पण और उनके विचारों पर परिचर्चा द्वारा मनाया गया ।

इस अवसर पर हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदुस्तानी भाषा भारती' के अंक का लोकार्पण एवं सुविख्यात कवि आदरणीय सुरेश नीरव जी की अध्यक्षता एवं संचालन में 'शुचिता काव्य पर्व' का आयोजन हुआ जिसमें देश के प्रतिष्ठित कवियों ने काव्य पाठ किया ।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से पत्रिका की प्रबंध संपादिका सुश्री सविता चड्ढा, सलाहकार श्री विजय कुमार राय, सह संपादक श्री विजय कुमार शर्मा और प्रभारी श्री भूपेंद्र सेठी ने डॉक्टर पाठक को उनके जन्मदिवस पर अंगवस्त्रम एवम पुष्पगुच्छ भेंट करके उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं । सुलभ संस्थान की ओर से आ0 डॉ पाठक जी एवं आदरणीया अमोला पाठक जी ने सभी अतिथियों का शाल एवं पुष्पों द्वारा सम्मान किया ।

अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने उद्बोधन में सुलभ तीर्थ की इस यात्रा को अपने जीवन की एक अभूतपूर्व अनुभूति एवं सुखद अनुभव कहा । उन्होंने कहा कि यहां आकर ही इस अनुभव को प्राप्त किया जा सकता है। डॉ विन्देश्वरी पाठक को जन्मदिवस की बधाई देते हुए तथा उनके दीर्घायु जीवन की कामना करते हुए श्री सुधाकर पाठक ने कहा कि हम आने वाली पीढ़ी को गर्व से बता पाएंगे कि हमें आदरणीय डॉक्टर पाठक का सानिध्य प्राप्त हुआ था। इस विशेष अवसर पर उन्होंने पत्रिका के अंक के लोकार्पण के लिए भी सुलभ संस्थान का आभार व्यक्त किया ।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से सुश्री सविता चड्ढा जी के संयोजन में सम्मान समारोह एवं काव्य/विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस अवसर अलग अलग क्षेत्र में सक्रिय महिलाओं को सम्मानित किया गया । समारोह में मासिक पत्रिका 'ककसाड' की संपादिका सुश्री कुसुम लता सिंह, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक, वरिष्ठ पदाधिकारी श्री भूपेंद्र सेठी, श्री विजय कुमार शर्मा, पत्रिका के कार्यकारी संपादक डॉ रमेश तिवारी, सुश्री विदुषी शर्मा, कवि श्री राम लोचन जी के अतिरिक्त श्री सुभाष चड्ढा जी की विशेष उपस्थिति रही। इस अवसर पर सभी उपस्थित महिलाओं ने अपने विचार रखे । सम्मलित सभी महिलाएं पहली बार इस तरह के आयोजन में सम्मलित हुई थीं और सम्मानित होकर बहुत खुश थीं । उनकी ओर से इस तरह के आयोजनों से जुड़ने की और सहभागिता करने की बात भी हुई । समारोह के सफल आयोजन के लिए इसकी सूत्रधार और संयोजिका आदरणीया सविता चड्ढा जी को साधुवाद ।

सामूहिक परिचर्चा : राष्ट्रीय संस्कृति और मातृभाषा

'वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग','केंद्रीय हिंदी निदेशालय', (मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार) ,पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज और हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में "मातृभाषा दिवस" के अवसर पर सामूहिक परिचर्चा : राष्ट्रीय संस्कृति और मातृभाषा ( 21 फरवरी2018) स्थान : सेमिनार हाल, पी जी डी ए वी कॉलेजनेहरू नगर, दिल्ली में किया गया । इस भव्य आयोजन में इस अवसर पर इन विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार रखे :

  1. प्रो. अवनीश कुमार, अध्यक्ष, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, भारत सरकार
  2. डा. रवीन्द्र कुमार गुप्ता, प्राचार्य, पीजीडीएवी सांध्य महाविद्यालय
  3. श्री उमेश चतुर्वेदी, सलाहकार, प्रसार भारती,
  4. प्रोफेसर लालचंद, निदेशक, एनसीईआरटी, दिल्ली
  5. श्री जय प्रकाश फ़ाकिर, निदेशक, राष्ट्रीय तकनीकी संगठन, भारत सरकार।
  6. श्री सुधाकर पाठक,अध्यक्ष, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी
  7. डा. हरीश अरोड़ा,पीजीडीएवी सांध्य महाविद्यालय
  8. डा. धनेश द्विवेदी, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय
  9. प्रो. एस.पी. अग्रवालप्राचार्य, रामानुजन कॉलेज
  10. प्रो. विद्या सिन्हा, प्रोफेसर, किरोड़ीमल कॉलेज
  11. डा. जे.एल.रेड्डी, तेलुगु-हिंदी भाषा सेवी
  12. डा. अजय कुमार मिश्र, संस्कृत-हिंदी भाषा सेवी
कॉर्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों के साथ ही केंद्रीय हिंदी निदेशालय और तकनीकी शब्दावली आयोग से भी बड़ी संख्या में अधिकारी सम्मलित हुए। अकादमी की ओर से डॉ रमेश तिवारी, श्री भूपेंद्र सेठी, श्री विजय शर्मा, सुश्री सरोज शर्मा, सुश्री विदुषी शर्मा, श्री हामिद खान, श्री विजय कुमार राय, सुश्री नीरू मोहन की विशेष उपस्थिति रही और सभी ने इस सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । कॉर्यक्रम के सफल आयोजन और संचालन के लिए सुश्री निरुपम माथुर, डॉ रमेश तिवारी और डॉ हरीश अरोड़ा का विशेष सहयोग और मार्गदर्शन रहा ।

'छात्रों के लिए हिंदी भाषा चयन के लिए कार्यशाला का आयोजन '

7 फरवरी 2018 को आज हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से दिल्ली के प्रतिष्ठित महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, अशोक विहार, दिल्ली में नवमीं कक्षा में प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए भाषा चयन के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । ज्ञात हो कि बच्चे पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं और नवमीं कक्षा में अंग्रेजी को अनिवार्य विषय लेते हुए उन्हें फ्रेंच, जर्मन, संस्कृत और हिंदी में से किसी एक भाषा का चयन करना है । अभिवावकों और बच्चों का विदेशी भाषा के प्रति आकर्षण और हिंदी को कम महत्वपूर्ण भाषा मानने के कारण यह विकट स्थिति है । इस स्कूल में इस हिंदी कार्यशाला की तरह पहले जर्मन और फ्रेंच भाषा के चयन को लेकर भी कार्यशाला उनके विषय विशेषज्ञों द्वारा ली जा चुकी थीं। विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका जो अकादमी में पूर्ण सक्रियता से जुड़ी हुई हैं, उन्होंने अपनी प्राचार्या और प्रबंधन को हिंदी कार्यशाला के लिए सहमत किया। उनके और स्कूल की हिंदी विभागाध्यक्ष के विशेष प्रयासों से यह एक सफल कार्यशाला का आयोजन हो पाया । इस कार्यशाला में मेरे साथ मुख्य वक्ता के रूप में श्री राम कॉलेज आफ कॉमर्स, दिल्ली विश्विद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ रवि शर्मा जी थे जो कि वरिष्ठ साहित्यकार हैं और इस तरह के आयोजनों से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। स्कूल की प्राचार्या, उप प्राचार्य और संबंधित सभी शिक्षकों की ओर से हमारा स्वागत किया गया और सभी ने इस आयोजन में पूर्ण सहयोग दिया । स्कूल सभगार में 100 से अधिक छात्रों ने लगभग डेढ़ घंटे चली इस कार्यशाला में पूरे मन से हमारी बातों को सुना और सहभागिता की । हिंदी क्यों पढ़ें? हिंदी भाषा की विशेषता, हिंदी में रोजगार, वैश्विक परिवेश में हिंदी आदि कई गंभीर विषयों को इसमें सम्मलित किया गया । कार्यशाला के उपरांत हमारी अनुपस्थिति में छात्रों से मिली जानकारी के बाद शिक्षकों और प्राचार्या द्वारा हमें बताया गया कि ऐसे छात्र जो हिंदी चयन में रुचि नहीं ले रहे थे, उनके भी सकारात्मक विचार उन्हें मिले हैं। कुल मिलाकर यह कार्यशाला बहुत सफल रही । इस आयोजन का पूर्ण श्रेय स्कूल की हिंदी भाषा की शिक्षिका और अकादमी सदस्य सुश्री निशि शर्मा और हिंदी विभागाध्यक्ष सुश्री शिखा मल्होत्रा को जाता है । हमें आशा है...यह सिलसिला चलता रहेगा... ।

शब्द गाथा २ : लोकार्पण एवं सम्मान समारोह

अकादमी की ओर से 13 जनवरी, 2018 को विश्व पुस्तक मेले के 'लेखक मंच' पर 'द्वितीय हिंदुस्तानी भाषा समीक्षा सम्मान एवम् शब्दगाथा-2 लोकार्पण समारोह' का भव्य आयोजन किया गया । इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सच्चिदानंद जोशी, सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में विख्यात समालोचक श्री सुभाष चंदर जी उपस्थित थे । समारोह में कई सुप्रसिद्ध साहित्यकार, लेखक, साहित्य प्रेमी और देश भर से चयनित समीक्षक पधारे । समारोह के अध्यक्ष आदरणीय डॉ नामवर सिंह जी स्वास्थ्य कारणों से इस समारोह में सम्मलित नहीं हो पाए ।

ज्ञात हो कि अकादमी प्रत्येक वर्ष पुस्तकों का चयन करके उन पर देश भर से समीक्षाएं आमंत्रित करती है । प्राप्त समीक्षाओं में से निर्णायक मंडल द्वारा श्रेष्ठ 50 का चयन किया जाता है और प्रत्येक पुस्तक के एक सर्वश्रेष्ठ समीक्षक का चयन भी होता है जिसे 5100/- रुपये की सम्मान राशि और सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाता है ।

इस वर्ष इस योजना में दो पुस्तकों का चयन हुआ था । सुश्री सीमा सिंह की पुस्तक 'स्वामी विवेकानंद - कर्मयोग और उसका रहस्य और सुश्री नीतू सिंह राय का कविता संग्रह 'हौसलों की उड़ान'। इन पर प्राप्त श्रेष्ठ समीक्षाओं को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया जिसका शीर्षक 'शब्दगाथा-2' दिया गया । इस वर्ष यह सम्मान डॉ राजेश कुमारी (लखनऊ) एवम् डॉ विदुषी शर्मा (दिल्ली) को प्रदान किया गया ।

'परिचर्चा : आठवीं अनुसूची और हिंदी '

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पुस्तक मेले में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया । विषय था 'आठवीं अनुसूची और हिंदी' । इसमें विशिष्ट वक्ताओं में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष श्री बलदेव भाई शर्मा, वैज्ञानिक एवम् तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रो. अवनीश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार श्री राहुल देव, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक । परिचर्चा का कुशल संचालन डॉ. रवि शर्मा, विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने किया । इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे । डॉ मुक्ता, पूर्व निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी, श्री राकेश पांडेय, सुश्री गीता पंडित, कुसुम पालीवाल, डॉ वीना, सुश्री नीतू सिंह राय, सुश्री यासमीन खान, केदार नाथ जी, श्री पवन अरोड़ा, श्री श्याम स्नेही, श्री राम लोचन जी, आदि प्रमुख थे । अकादमी के वरिष्ठ सदस्य सर्वश्री भूपेंद्र सेठी, हामिद खान, विजय शर्मा, विजय राय, डॉ रमेश तिवारी, नीरज शर्मा, सूश्री सुरेखा शर्मा, सरोज शर्मा, सीमा सिंह, डॉ तारा गुप्ता, डॉ बीना राघव ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्रम से स्वागत किया । इस अवसर पर रोचक प्रश्न उत्तर सत्र भी हुआ जिसमें उपस्थित भाषा प्रेमियों ने कई गंभीर और रोचक प्रश्न किये और अतिथियों द्वारा जिनके उत्तर उतनी ही गंभीरता से दिए गए । इस सत्र में हिंदी प्रेमी जनसमुदाय की भाषा के प्रति चिंता साफ दिखी । परिचर्चा का समापन श्री विजय कुमार शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ ।

मेधावी छात्र सम्मान समारोह 2017

3 दिसंबर, 2017 को अनुव्रत भवन, नई दिल्ली में अकादमी की ओर से ‘मेधावी छात्र समारोह’ का आयोजन किया गया I समारोह में मुख्य अतिथि श्री मनीष सिसोदिया, उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री,दिल्ली सरकार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सुश्री पूनम जुनेजा, पूर्व संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार थीं I इस समारोह में दिल्ली के सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों के 10वीं कक्षा में हिन्दी विषय में उत्कृष्ट अंकों से उत्तीर्ण होने वाले लगभग 250 विद्यार्थियों को ‘भाषा दूत सम्मान’ से सम्मानित किया गया I सम्मान समारोह में उन्हें अकादमी की ओर से सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया I समारोह में आंध्रा एजूकेशन सोसाइटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दीनदायल उपाध्याय मार्ग, दिल्ली की छात्रा कुमारी डी. कृष्णा श्री को ‘भाषा प्रहरी सम्मान’ दिया गया जिसमें सम्मान पत्र, अंगवस्त्रम, स्मृतिचिन्ह के साथ 3100/- रुपये सम्मान राशि भी प्रदान की गई I इस अवसर पर सम्मानित होने वाले विद्यार्थियों के हिन्दी विषय के शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया I समारोह में सम्मानित होने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों सहित लगभग 450 से ज्यादा लोग उपस्थित थे I

समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने वक्तव्य में सुश्री पूनम जुनेजा ने हिन्दी के महत्व और वर्तमान में हिन्दी की स्थिति पर प्रकाश डाला और सम्मानित होने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को शुभकामनायें दीं I अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने स्वागत उद्बोधन में अकादमी के कार्यों और उदयेशयों की विस्तार से चर्चा की I उन्होने ‘मेधावी छात्र सम्मान’ के आयोजन के संबंध में आई मुश्किलों को साझा किया लेकिन साथ ही इस बात पर जोर दिया कि हिन्दी को सही स्थान दिलाने का यही एकमात्र रास्ता है कि हम छात्रों तक जाएँ और हिन्दी के महत्व को उनको बताएं I अकादमी की आगामी योजनाओं की चर्चा करते हुए श्री पाठक ने कहा कि ‘हमने भाषा के लिए कार्य करते हुए यह महसूस किया है कि निजी विद्यालओं के प्रबन्धकों को ऐसा लगता है कि हिन्दी बहुत ही महत्वहीन और सरल भाषा है अतः इसे किसी भी स्तर का अध्यापक पढ़ा देगा I समान्यतः ऐसा देखने में आया है कि प्राथमिक कक्षाओं में हिन्दी पढ़ाने के लिए कोई प्रशिक्षित अध्यापक नहीं है और इसे किसी अन्य विषय के अध्यापक द्वारा खानापूर्ति के तौर पर पढ़ाया जा रहा है I प्रबन्धकों को यह भी लगता है कि बड़ी कक्षाओं में छात्र स्वयं ही हिन्दी विषय को छोड़ देंगे और उनके बोर्ड के परिणाम पर इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा I इस मानसिकता के चलते छात्रों में व्याकरण, उच्चारण, वर्तनी संबंधी गंभीर दोष देखने को मिल रहे हैं और उनकी इस पढ़ाई से हिन्दी की नींव ही खराब हो रही है जिसेके कारण छात्र आजीवन इस त्रुटियों के साथ हिन्दी को लिख/बोल रहे हैं, साथ ही वह हिन्दी को बहुत ही महत्वहीन, नीरस और अव्यवारिक भाषा मानने लगे हैं I इसके अतिरिक्त सरकारों की ओर से भी पहली कक्षा से अँग्रेजी माध्यम से शिक्षा के फरमान से भी हिन्दी का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है I इसके लिए अकादमी ने एक कार्य योजना बनाई है जिसके अनुसार आगामी एक वर्ष में दिल्ली के निजी विद्यालओं के कुल 1200 प्राथमिक कक्षा को हिन्दी पढ़ाने वाले शिक्षकों की कुल 12 कार्यशालाओं का आयोजन करना है I प्रत्येक माह में 100-100 शिक्षकों के समूह में दो सत्रों में एक दिन की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसे विद्वान भाषा विशेषज्ञ शिक्षकों को वर्तनी, उच्चारण, व्याकरण संबंधी त्रुटियों को समझायेंगे साथ ही हिन्दी को कैसे रुचिकर ढंग से पढ़ाया जाए यह भी बताएँगे I’ श्री पाठक ने अकादमी की इस महत्वकांक्षी योजना में सरकार सहित सभी से सहयोग के अपील की I

इस अवसर पर कई प्रमुख गणमान्य अतिथियों में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय के उप संपादक डॉ धनेश द्विवेदी, समाजसेवी सुश्री मिथलेश पाठक, वरिष्ठ कथाकार सुश्री सविता चड्ढा, कृष्णा जेमिनी, वीणा अग्रवाल, सविता स्याल, कर्नल मलिक, सुश्री राज वर्मा, काजल चौबे, निशि शर्मा ‘जिज्ञासु’, नीरज शर्मा, अशोक माथुर उपस्थित थे I इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अकादमी के सलाहकार मण्डल और कार्यसमिति के सदस्य सर्वश्री भूपेन्द्र सेठी, हमीद खान, डॉ रमेश तिवारी, विजय कुमार शर्मा, राजकुमार ‘श्रेष्ठ’, नीरज दुबे, सुश्री सुरेखा शर्मा, सरोज शर्मा, सीमा सिंह, विदुषी शर्मा, मंजीत कौर, डॉ दमयंती शर्मा, डॉ पुष्पलता भट्ट, अमरनाथ गिरि का विशेष योगदान रहा I समारोह का सुरिचिपूर्ण और कुशल संचालन गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के अधिकारी श्री सत्येन्द्र दहिया ने कियाI

'कार्यसमिति की त्रैमासिक बैठक '

'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' की कार्यसमिति की बैठक 7 अक्टूबर, 2017 (शनिवार) को 'दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन' नई दिल्ली के कार्यालय में अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक की अध्यक्षता में संम्पन्न हुई । इस बैठक में कार्यसमिति के सदस्य सर्व श्री हामिद खान, भूपेंद्र सेठी, विजय कुमार राय, डॉ रमेश तिवारी, अमरनाथ गिरी, राम सिंह मेहता, सुश्री सीमा सिंह, सरोज शर्मा, डॉ तारा गुप्ता, डॉ बीना राघव, मंजीत कौर सम्मलित हुए । इस बैठक में सुश्री विदुषी शर्मा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में सम्मलित हुईं । बैठक में आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई, इसमें सम्मलित कुछ महत्वपूर्ण विषय :-

  • 1. द्वितीय हिंदुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान एवम् शब्दगाथा -2 का प्रकाशन ।
  • 2. हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान एवम् शब्द साधना का प्रकाशन ।
  • 3. मेधावी छात्र सम्मान समारोह एवम् हिंदुस्तानी भाषा प्रहरी सम्मान ।
  • 4. हिंदी भाषा के शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन ।
  • 5. अन्य राज्य के हिंदी के मेधावी छात्रों का सम्मान ।
  • 6. राज्य स्तरीय एवम् विश्व पुस्तक मेले में सहभागिता एवम् आयोजन ।
  • 7. पुस्तक लोकार्पण एवम् हिंदी पर परिचर्चा आदि ।
इस अवसर पर सुश्री सीमा सिंह की पुस्तक 'कुछ यादें, कुछ बातें...अमृता प्रीतम एवम् अकादमी की पत्रिका के अंक का लोकार्पण भी किया गया । बैठक का समापन समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री भूपेंद्र सेठी के धन्यवाद एवम् जलपान के बाद हुआ ।

'पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह' संपन्न

२ सितंबर, २०१७ को हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा प्रकाशित एवम् श्री दिलबाग सिंह द्वारा अनुवादित श्री सुधाकर पाठक के कविता संग्रह 'ज़िंदगी कुछ यूँ ही' के पंजाबी संस्करण का 'लोकार्पण एवं सम्मान समारोह' पंजाबी भवन , नई दिल्ली में आयोजित किया गया | कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.कृष्णा जैमिनी द्वारा सरस्वती वंदना और दीप-प्रज्वलन से हुआ| मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध पत्रकार श्री राहुलदेव जी, कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार मिश्र महासचिव (विश्व हिंदी सचिवालय)एवं विशिष्ट अतिथि डॉ सीता सागर (वरिष्ठ कवयित्री) और लेखक दिलबाग सिंह 'विर्क' जी के सानिध्य में यह शाम यादगार रही। इस अवसर पर उनका तथा पत्रकारों का सम्मान स्मृति चिह्न, शॉल व अंगवस्त्रं के साथ किया गया। हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के उद्देश्यों और कार्यविस्तार के बारे में अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने बताते हुए कहा कि आज हिंदी और दूसरी भाषाओं में सामंजस्य बिठाते हुए एक-दूसरी भाषाओं में अनुवाद होना चाहिए जो लोगों को समीप लाएगा और भाषाई विरोध समाप्त होगा। अकादमी ने यह पहल शुरू कर दी है। श्री राहुलदेव जी ने कहा बेशक हिंदी के दुनिया में सर्वाधिक साहित्यकार हैं तथापि भारत से केवल हिंदी ही नहीं, अन्य भारतीय प्रादेशिक भाषाएँ भी विलुप्त होने के कगार पर हैं। हिंदी पाठक को अपनी रचनाओं या मित्रों की रचनाओं से इतर भी पढ़ना चाहिए और "मैं" से दूर रहकर सही मायनों में जागरूक बनना चाहिए। उन्होंने निजी (पब्लिक) विद्यालयों के शैक्षिक परिवेश के चलते आज के बच्चों के हिंदी से कटते जाने पर चिंता जताई। डॉ. सीता जी ने कहा कि हम अंग्रेजी या अन्य भाषा सीखें किंतु अंग्रेजियत से बचें। घर के जैसे संस्कार होंगे, बच्चे वैसे ही बनेंगे।कई भाषाएँ सीखने में कोई बुराई नहीं किंतु पहले स्थान पर राष्ट्रभाषा को रखें। उसका अपमान न करें अन्यथा आप देशभक्ति से दूर हैं। अच्छी शख्शियत अंग्रेजी की मोहताज़ नहीं। इस अवसर पर कई युवा टी वी पत्रकारों को सम्मानित किया गया। जिनके नाम हैं-अरविंद शुक्ला (टी. वी.टूडे समूह), आशीष चौबे(इंडिया चौबे), देवेश वशिष्ठ 'खबरी' (न्यूज २४), उदय कुमार सिंह (अहसास टी.वी.), नवीन शिशौदिया (इंडिया वाइस), अमित कुमार सिंह(न्यूज १८ इंडिया), हर्षित मिश्रा(टोटल टी. वी.) । इस अवसर पर दिल्ली, गुरुग्राम, नोयडा, गाजियाबाद के कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने शिरकत की। डॉ कृष्णा जेमिनी जी, लाडो कटारिया जी, डॉ घमंडीलाल अग्रवाल, श्याम स्नेही जी, जूही जी , कमलेश जी आदि बहुत से साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई। इसके अतिरिक्त श्री पवन अरोरा , केदारनाथ शब्द मसीह , सुश्री पूनम मटिया, मनीष पांडे जी, सुश्री शुभदा बाजपेई, महेंद्र शर्मा जी, डॉ के चौधरी आदि प्रमुख थे । अकादमी की कार्यसमिति के पदाधिकारी डॉ रमेश तिवारी जी, हामिद खान जी,सुरेखा शर्मा जी, सरोज शर्मा जी, विजय कुमार राय, भूपिंद्र सेठी,राजकुमार श्रेष्ठ, डॉ धनेश द्विवेदी जी, नीरज दुबे जी, सुश्री कल्पना मनोरमा जी, आशुतोष द्विवेदी जी, डॉ पुष्पलता भट्ट जी, सीमा सिंह जी, डॉ तारा गुप्ता जी, नीतू सिंह राय, पूनम जी, मंजीत कौर आदि ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके साथ ही विश्व हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष श्री आशीष कंदवे और हिंदी सेवी श्री राकेश पांडेय जी विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजेश द्विवेदी (प्रवक्ता, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी) और डॉ. बीना राघव (साहित्यिक सचिव , हिंदुस्तानी भाषा अकादमी) ने किया। माँ भारती की तेजस्विता को बढ़ाता यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा..।दिलबाग सिंह जी ने सुधाकर जी की कविता 'कोल्हू का बैल' पंजाबी भाषा में सुनाई। हिंदी भाषा को लेकर श्री विनोद मिश्र जी, राहुल जी एवं सुधाकर पाठक जी के वक्तव्य मर्मस्पर्शी और सारगर्भित थे। सीता जी के सुमधुर स्वर में गीत सुनकर दर्शक वाह!वाह! कर उठे। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी और कादम्बिनी क्लब का संयुक्त आयोजन

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी एवं कादम्बिनी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में जगमग दीप ज्योति पत्रिका, अलवर (राज.) के इस मास के 'बाल एवं युवा विशेषांक' जिसका संपादन साहित्यकारा सुरेखा शर्मा द्वारा हुआ है, का भव्य लोकार्पण आज आर्य समाज मंदिर (माडल टाउन) गुरुग्राम में किया गया। इस अवसर पर अति सरस काव्य -गोष्ठी का भी आयोजन भी किया गया। मुख्य अतिथिगण -

  • * श्री सुधाकर पाठक (अध्यक्ष हिंदुस्तानी भाषा अकादमी)
  • * श्री घमंडीलाल अग्रवाल (वरिष्ठ साहित्यकार, गुरुग्राम)
  • * श्रीमती कमल कपूर (अध्यक्षा-नारी अभिव्यक्ति मंच)
  • * नरेंद्र गौड (अध्यक्ष -शब्द शक्ति साहित्यिक संस्था)
  • * श्री मुकुल शर्मा 'सुमन' (अध्यक्ष- प्रा•हि• साहित्य सम्मेलन गुरुग्राम)
  • * श्री अशोक शर्मा जी (संचालक -आर्यसमाज मंदिर)
  • * संयोजिका- श्रीमती सुरेखा शर्मा ( साहित्यिक सलाहकार, हिंदुस्तानी भाषा अकादमी)

गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और दिल्ली के साहित्यकारों यथा सुंदर कटारिया, सुनील जी, नरेंद्र खामोश जी, सेठी जी, सीमा सिंह, प्रसिद्ध गीतकारा तारा गुप्ता जी, विजय राय जी, भूपिंदर सेठी जी, हामिद खान जी, मुक्ता जी , डॉ. सुरेंद्र वशिष्ठ जी, कृष्णा जैमिनी जी , वीणा अग्रवाल जी, ममता जी , सरोज शर्मा जी , श्री राजकुमार श्रेष्ठ, आभा कुलश्रेष्ठ जी आदि की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी ने बहुत आकर्षक ढंग से काव्य पाठ किए और गीत-ग़ज़ल, मुक्तक, हास्य-व्यंग्य आदि की झड़ी लगा दी।

अकादमी की ओर से अन्य उपस्थित सदस्यों में श्री विजय कुमार राय जी, सलाहकार और श्री Hamid Khan जी , सोशल मीडिया प्रभारी प्रमुख थे । हिंदी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता अभियान से भी जोड़ता यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा।अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक जी ने हिंदी और आज के रचना जगत पर चर्चा की और साहित्यकारों को अकादमी से जुड़कर भाषा के लिए कार्य करने की अपील की । वहां उपस्थित साहित्यकारों ने अकादमी के कार्यों की प्रशंसा की और अकादमी से जुड़ने की बात कही । जल्दी ही गुरुग्राम में हिंदी की राष्ट्ररीय स्वीकार्यता पर परिचर्चा की बात भी हुई । सुश्री कमल कपूर जी ने सविस्तार जगमग दीप ज्योति विशेषांक के बारे में बताया।

डॉ बीना राघव ने दोहे और हरियाणवी कविता प्रस्तुत कर अपनी उपस्थिति दर्ज की । लोकार्पण समारोह तथा काव्यगोष्ठी में मंच संचालन डॉ. बीना राघव एवं कृष्णा जैमिनी जी ने किया।

अकादमी की त्रैमासिक बैठक संपन्न

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी केंद्रीय कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक 14 मई, 2017 (रविवार) दोपहर 2 बजे दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मलेन, 31, उत्तरी परिसर, पंचकुइयां रोड निकट रामकृष्ण आश्रम मेट्रो स्टेशन नई दिल्ली - 110001 पर सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्यों के अतिरिक्त हिंदी और भारतीय भाषाओँ के लिए कार्य करने वाले गणमान्य अतिथियों को विशेष आमंत्रित सदस्यों के रूप में इस बैठक में बुलाया गया था । बैठक के प्रारंभ में सभी सदस्यों का परिचय हुआ उसके बाद अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने स्वागत उद्बोधन में अकादमी के एक वर्ष के कार्यों को विस्तार से बताया । उन्होंने बताया कि अकादमी के एक वर्ष में 14 कार्यक्रम हुए हैं जिनमें 'काव्य प्रातिभा खोज', छात्रों के लिए 'युवा काव्य प्रातिभा खोज', साहित्य समीक्षा सम्मान, दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले में सहभागिता और परिचर्चा, काव्योत्सव, लखनऊ पुस्तक मेले में कार्यक्रम आदि के अतिरिक्त कई संस्थाओं को आर्थिक सहयोग देकर उनके साथ संयुक्त आयोजन भी किये गए ।

स्तरीय साहित्य के प्रकाशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धिता दिखाते हुए अकादमी ने इस वर्ष देश के कई वरिष्ठ रचनाकारों और नव लेखकों की कुल 13 पुस्तकों का प्रकाशन भी किया है । हम अकादमी के एक वर्ष के कार्यों से संतुष्ट हैं और हम अपने दो महत्वपूर्ण आगामी आयोजनों की तैयारी में लगे हुए हैं। ' प्रथम हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान' की संयोजिका डॉ तारा गुप्ता ने विस्तार से आयोजन की तैयारी पर प्रकाश डाला । आगामी समीक्षा सम्मान आयोजन पर कार्य कर रही सुश्री सुरेखा शर्मा और डॉ बीना राघव ने 'द्वितीय हिंदुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान' के आयोजन की तैयारियों की चर्चा की जिसकी अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 जून कर दी गई गई । बैठक में बताया गया कि 'हिंदुस्तानी भाषा भारती' के आगामी अंक पर डॉ रमेश तिवारी, सुश्री गीता पंडित, श्री नीरज दुबे और श्री विजय शर्मा जी के सहयोग से कार्य चल रहा है और जल्दी एक बेहतरीन अंक प्रकाशित होकर आ जाएगा ।

डॉ धनेश द्विवेदी, श्री अमरनाथ गिरि, सुश्री सीमा सिंह, सुश्री मंजीत कौर, श्री राजीव जायसवाल आदि के विचारों से जो बातें निकल कर आई उनमें से मुख्य अकादमी के लिए पूर्णकालिक कार्यालय, हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए कार्य करने वाली सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं के साथ समन्वय, अकादमी का अपना मासिक/पाक्षिक साहित्यिक अखबार, अपना ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग हेतु स्टूडियो आदि थीं। श्री हामिद खान, सुश्री सरोज शर्मा, श्री भूपेंद्र सेठी ने अकादमी के कार्यों में गति लाने के उद्द्येश्य से दिल्ली और दिल्ली के बाहर अकादमी के कार्यक्रमों की बात कही और कहा कि जो सदस्य अन्य संस्थाओं से जुड़े हैं वह वहां पर अकादमी के आयोजनों की व्यवस्था करें जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग हमसे जुड़ सकें । विशेष आमंत्रित सदस्यों श्री आशुतोष द्विवेदी और नेपाली भाषा में अनुवाद कार्य करने वाले श्री राजकुमार श्रेष्ठ ने अपने बहुमूल्य विचार रखे, अकादमी के प्रयासों को सराहा और अकादमी से जुड़ने की बात की । लगभग 3 घंटे चली इस बैठक की समाप्ति जलपान और अकादमी के वरिष्ठ सदस्य श्री भूपेंद्र सेठी के धन्यवाद ज्ञापन से हुई ।

लोकार्पण : मैं बन गई इक बंजारन (कविता-संग्रह)

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा प्रकाशित देश की विख्यात कवयित्री डॉ. सीता सागर के गीत संग्रह 'मैं बन गई एक बंजारन' का भव्य लोकार्पण समारोह राजधानी के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संग्रहालय के सभागार में 4 जुलाई, 2016 को संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। समारोह की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव ने की । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ राजनेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ प्रभा ठाकुर , प्रसिद्ध हास्य कवि श्री सुरेंद्र शर्मा , वरिष्ठ कवि डॉ कुंवर बेचैन , वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार डॉ लक्ष्मीशंकर वाजपेई मंच पर विराजमान थे । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित बाहर से आये सैंकड़ों गणमान्य अतिथियों से खचाखच भरे सभागार में डॉ सीता सागर ने अपने गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया ।

अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने स्वागत संबोधन में प्रान्तीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के माध्यम से हिंदी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता के लिए अकादमी के कार्यों की चर्चा की तथा उपस्थित जनसमूह से इस पुनीत कार्य में भागीदारी की अपील की । डॉ हर्षवर्धन ने डॉ सीता सागर के गीतों का पाठ भी किया और उनके बेहतरीन सृजन के लिए शुभकामनाएं दी । प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव ने डॉ सीता सागर के गीतों की बहुत सराहना की और उन्हें वर्तमान समय की देश की सर्वश्रेष्ठ कवयित्री के रूप में संबोधित किया । डॉ प्रभा ठाकुर ने गीत विधा पर अपनी बात रखी तथा डॉ सीता सागर के गीतों को उत्कृष्ट काव्य की श्रेणी में रखा ।

श्री सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि डॉ सीता सागर प्रेम स्रिंगार की कवयित्री हैं लेकिन उनके गीत ऐसे हैं जिन्हें पिता-पुत्री भी साथ-साथ बैठकर सुन सकते हैं । कार्यक्रम में कला और साहित्य से जुड़े गणमान्य अतिथियों के अलावा अकादमी के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री हामिद खान, विजय कुमार राय, भूपेंद्र सेठी, डॉ दमयंती शर्मा, सुश्री सीमा सिंह, सुरेखा शर्मा, कुसुम शर्मा, हेमा शर्मा, सरोज शर्मा, डॉ.पुष्प लाता भट्ट और राहुल कुमार झा उपस्थित थे ।

समारोह का सुरुचिपूर्ण सञ्चालन डॉ रीना सिंह ने और धन्यवाद ज्ञापन अकादमी के प्रवक्ता श्री बृजेश द्विवेदी ने किया ।

लोकार्पण : बस एक निर्झरणी भावनाओं की (कविता-संग्रह)

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के तत्वाधान में दिनाक 2 अक्टूबर 2016 को उर्दूघर, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, दिल्ली में अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदुस्तानी भाषा भारती' और अकादमी द्वारा ही प्रकाशित वरिष्ठ कवी श्री त्रिभुवन कौल जी के कविता संग्रह 'बस एक निर्झरणी भावनाओं की' का लोकार्पण एवं 'हिन्दी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता' विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया ।

समारोह में मुख्य अतिथि विख्यात साहित्यकार डॉ हरीश नवल और अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार शर्मा, सचिव, बैंक राजभाषा कार्यान्वयन समिति थे । इस भव्य समारोह में विशिष्ठ डॉ लालित्य ललित, संपादक, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास , डॉ हरिसुमन बिष्ट, सचिव, मैथली-भोजपुरी अकादमी, श्री महेश कुमार पाठक, सदस्य, रेलवे राजभाषा समिति, रेल मंत्रालय, डॉ धनेश द्विवेदी, संपादक, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय , सुश्री सविता चड्डा, वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामकिशोर उपाध्याय , वरिष्ठ एवं प्रवासी साहित्यकार प्रोफ़ेसर सरन घई की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह को और भी भव्यता प्रदान की । सभी सम्मानित अतिथियों ने हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के हिंदी और विशेष रूप से हिंदुस्तानी भाषाओं के समन्वय पर किये जा रहे गंभीर और सार्थक प्रयासों की प्रशंसा के साथ ही अकादमी के साल से काम समय में ही साहित्य जगत में अपनी दमदार उपस्थिति के लिए अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक की कार्यशैली की सराहना की और बधाई तथा शुभकामनाएं दीं । इस अवसर पर डॉ हरीश नवल ने कहा कि अकादमी जिन उद्देश्यों और कार्यशैली को लेकर चल रही है, यह निश्चित है कि भविष्य में यह किसी सरकारी अकादमी से काम महत्वपूर्ण नहीं होगी । सुश्री सविता चड्डा ने कहा कि इतने काम समय में पुस्तकों का प्रकाशन , त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन, 'काव्य प्रतिभा खोज' का आयोजन और चयनित युवा कवियों को बड़े मंचों तक ले जाने का कार्य निश्चित रूप से स्वागत योग्य है । श्री महेश कुमार पाठक , डॉ धनेश द्विवेदी, डॉ लालित्य ललित ने अकादमी को हर स्तर पर सहायता का भरोसा दिलाया । समारोह के अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार शर्मा ने बैंकों में हिंदी में हो रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला । अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अकादमी के उद्देश्यों कि पूर्ति हेतु सरकारी स्तर पर यथासंभव सहायता के लिए सभी अतिथियों से अनुरोध किया ।

इस अवसर पर कवी श्री त्रिभुवन कौल के पारिवारिक सदस्यों और मित्रों के अलावा साहित्य जगत के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । जिनमे वरिष्ठ गजलकार श्री नंदा नूर साहब, मनीष मधुकर, ओमप्रकाश शुक्ल, संजय कुमार गिरी, डॉ. रमेश तिवारी, मनोज कामदेव शर्मा, संजीव कुमार बर्मन, सुरेश पाल 'रसाला', श्याम नंदा 'नूर', अंजुम प्यासा, हास्य व्यंग्य के कवि शैल भदावरी आदि प्रमुख हैं।

समारोह का शुभारम्भ श्री अमरनाथ गिरी द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन अकादमी के विधि सलाहकार और साहित्यकार श्री शम्भु ठाकुर एवं अकादमी के प्रवक्ता श्री बृजेश द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर अकादमी के वरिष्ठ पदाधिकारी और मीडिया प्रभारी श्री हामिद खान, श्री भूपेंद्र सेठी, श्री विजय कुमार राय, डॉ. पुष्पा जोशी, सुश्री सरोज शर्मा, सुरेखा शर्मा, हेमा शर्मा,मंजीत कौर, राज भदौरिया, हिमानी कश्यप, मोहित अग्रवाल, राहुल कुमार झा और राहुल शर्मा का समारोह को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा।

काव्य महोत्सव एवं शाम्भवी - पुस्तक लोकार्पण

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के तत्वाधान में दिनांक 22 मई 2016 को कवयित्री कविता शर्मा के काव्य संग्रह "शाम्भवी" का लोकार्पण तथा गीतों भरी शाम काव्योत्सव का आयोजन दिल्ली के हिंदी भवन में संपन्न हुआ | समारोह में मुख्य अतिथि साहित्य जगत के वरिष्ठ मर्मज्ञ डॉ लक्ष्मी शंकर वाजपेई के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध कवयित्री ममता किरण,गीत ऋषिका डॉ सीता सागर के साथ प्रसिद्ध योगाचार्य योगी अरुण तिवारी उपस्थित थे |

कार्यक्रम का शुभारम्भ डीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ तत्पश्चात कविता शर्मा ने काव्य संग्रह "शाम्भवी" के महत्वपूर्ण बिंदुओं को उद्धरित किया | हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने स्वागत उद्बोधन के दौरान अकादमी के गठन एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला | काव्योत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आये कवियों ने अपनी मधुर रचनाओं से समां बांध दिया | सुप्रसिद्ध रचनाकार ममता किरण की ग़ज़लों पर भवन में उपस्थित जनसमुदाय मुग्ध हो गया | समारोह के अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी शंकर वाजपेई ने हिंदी की वर्तमान स्थिति पर गंभीर विमर्श प्रस्तुत किया| योगी अरुण तिवारी ने कहा की विदेशों में प्रत्येक बच्चे को बिना मातृभाषा सीखे विद्यालय में प्रवेश नहीं मिल सकता | गीत ऋषिका डॉ सीता सागर के गीतों पर तालियों का झरना फूट पड़ा |

कार्यक्रम के दौरान अकादमी के सर्वश्री रामकिशोर उपाध्याय, डॉ किरण मिश्रा, हामिद खान, डॉ दमयंती शर्मा, डॉ पुष्पलता भट्ट, सुरेख शर्मा, सरोज शर्मा, भूपेंद्र सेठी, सागर समीप, शंभू ठाकुर, पुष्पा जोशी, रंजीता सिंह, अमरनाथ आकाश, राहुल कुमार झा के अलावा गणमान्य व्यक्तियों मैं सर्वश्री जयप्रकाश त्रिपाठी, समोद चरौरा, श्वेताभ पाठक, आशीष चौबे, अमित आनंद, निवेदिता झा, उर्मिला माधव, मीनाक्षी, बैरागी म्रत्युंजय, नीलू नीलपरी, पवन अरोरा, अरविन्द योगी, दीपक गोस्वामी, ओमप्रकाश प्रजापति, सुषमा सिंह, श्यामा अरोरा, निशि शर्मा, अनिमेष शर्मा, तरुणा मिश्रा, देवकांत त्रिपाठी, अनिल साकेतपुरी, पवन त्रिपाठी, बबली वशिष्ठ , सुरेंद्र शर्मा समेत उपस्थित रहे |

कार्यक्रम का सञ्चालन अकादमी के महासचिव डॉ पवन विजय ने एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रवक्ता बृजेश द्विवेदी ने किया |

विश्व पुस्तक मेला ( पुस्तक लोकार्पण एवम परिचर्चा )

विश्व पुस्तक मेले में 7-15 जनवरी तक प्रगति मैदान के हाल संख्या 12 मे अकादमी की ओर से पुस्तकों के लिए स्टाल लगाया गया जिसमें अकादमी प्रकाशन के अतिरिक्त अन्य लेखकों की पुस्तकों को रखने की व्यवस्था थी । स्टाल का समस्त कार्य श्री भूपेंद्र सेठी जी ने देखा और उसमें सहयोग किया श्री हामिद खान जी ने । 14 जनवरी को लेखक मंच पर "पुस्तक लोकार्पण एवं परिचर्चा: हिंदी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता -चुनौतियां एवम् संभावनाएं" का आयोजन किया गया । साहित्यिक मित्रों से खचा-खच भरे पंडाल में तीन पुस्तकों का भव्य लोकार्पण हुआ - सुश्री सीमा सिंह द्वारा लिखित "विवेकानंद", डॉ अनीता सिंह का कविता संग्रह "कसक...बाकी है अभी" और सुश्री नीरजा कमलनी का बाल कविता संग्रह ",उमंग"। इसके साथ ही 'हिंदुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान' के अंतर्गत प्रकाशित समीक्षा संग्रह 'शब्द गाथा' के चार समीक्षकों को भी सम्मानित किया गया - सुश्री सुनीता शानू, सुश्री वंदना गुप्ता, सुश्री तरुणा मिश्र और श्री प्रदीप मिश्र ।

इस समारोह में विशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉ प्रेम जनमेजय जी, प्रोफेसर शरद नारायण खरे, डॉ धनेश द्विवेदी, श्री अनिल शर्मा मंच पर उपस्थित थे । अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने उद्बोधन में पुस्तकों के रचनाकारों को शुभकामनायें दीं और अकादमी के गठन, एक वर्ष के अकादमी के कार्यों सहित उपस्थित साहित्यिक मित्रों को "हिंदी की राष्ट्ररीय स्वीकार्यता अभियान' से जुड़ने की अपील की । अकादमी के वरिष्ठ पदाधिकारियों श्री भूपेंद्र सेठी, श्री हामिद खान, विजय कुमार राय, सुश्री सुरेखा शर्मा, डॉ तारा गुप्ता, सारोज शर्मा, अमर नाथ गिरी, विजय शर्मा, को उनके सराहनीय कार्यों और अकादमी के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहयोग के लिए सम्मानित किया गया । इसके अतिरिक्त समारोह में उपस्थित सहित्यिक मित्रों श्री समौद सिंह चारोरा, सुश्री कुसुम शर्मा, निशा गुप्ता, मीना अरोड़ा, अनिल मीत, गीता पंडित, कुसुम पालीवाल,केदारनाथ शब्द मसीहा, पवन अरोरा, प्रवीण कुमार, डॉ वीणा मित्तल, श्री त्रिभवन कौल, मनोज कामदेव, डॉ वीणा मित्तल, राजेंद्र शर्मा, सीमा श्रोत्रिय, तुलिका सेठ, देव नारायण शर्मा, सहित अन्य साहित्यकारों को अकादमी की ओर से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम का सफल सञ्चालन अकादमी के प्रवक्ता श्री बृजेश द्विवेदी ने किया ।

सर्व भाषा काव्य महोत्सव

"हिंदुस्तानी भाषा अकादमी"की ओर से 19 नवंबर 2016 को शाम 2 बजे से "गाँधी शांति प्रतिष्ठान" में 'सर्व भाषा काव्य महोत्सव' का आयोजन किया गया । काव्योत्सव में मुख्य अतिथि डॉ लक्ष्मी शंकर बाजपेई थे और अध्यक्षता डॉ धनञ्जय सिंह जी ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार सुश्री सविता चड्ढा, प्रसिद्द कवयित्री डॉ सीता सागर और ममता किरण जी, श्री प्रेम भारद्वाज 'ज्ञानभिक्षु', डॉ रवि शर्मा, डॉ धनेश द्विवेदी थे । लगभग 4-5 घंटे चले इस काव्योत्सव में 'हिंदुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान" से सम्मानित सभी समीक्षकों ने तो काव्य पाठ किया ही साथ ही दिल्ली और आसपास से आये कई वरिष्ठ और युवा कवियों ने अपने सुमधुर काव्य पाठ से सबका मन मोह लिया जिनमें श्री प्रेम विहारी मिश्र, श्री अजय अज्ञात, सुश्री वसुधा कनुप्रिया, श्री राम लोचन, श्री मुनीश तन्हां, सुश्री काजल चौबे, दास अरूही, शरद कुमार सक्सेना, संजीव बर्मन, सुश्री सुभदा वाजपेयी, मंजू वशिष्ठ, अजय अक्स आदि थे । कार्यक्रम की समाप्ति डॉ सीता सागर जी के मधुर गीत से हुई । इस कार्यक्रम को दिल्ली और बाहर से आये सभी लोगों ने बहुत सराहा ।

"हिंदुस्तानी भाषा भारती" त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण

अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका "हिंदुस्तानी भाषा भारती" के अंक का भव्य लोकार्पण 19 नवंबर, 2016, गाँधी शांति प्रतिष्ठान में हुआ। मंच पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद और संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष डॉ सत्यनारायण जटिया जी, पूर्व सांसद एवम् वरिष्ठ साहित्यकार डॉ प्रभा ठाकुर, श्री प्रह्लाद सिंह पटेल, सांसद, प्रसिद्द हास्य कवि श्री सुरेंद्र शर्मा और देश की सुप्रसिद्ध कवियत्री डॉ सीता सागर, श्री विजय कुमार शर्मा , सुश्री सुषमा सिंह और देश भर से पधारे सम्मानित साहित्यकार ।

" लखनऊ पुस्तक मेला "

'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' की ओर से 9 अप्रैल, 2017 को 'लखनऊ पुस्तक मेले' में 'पुस्तक लोकार्पण, काव्योत्सव एवम् परिचर्चा :हिंदी की चुनौतियाँ एवं संभावनाएं'' समारोह का भव्य आयोजन हुआ । समारोह में मंचासीन अतिथियों में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री माताप्रसाद जी, डॉ धनेश द्विवेदी, साहित्यकार और पत्रकार डॉ पद्मकान्त शर्मा प्रभात, नार्वे के प्रवासी साहित्यकार डॉ सुरेश चंद शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार-व्यंगकार श्री अनूप श्रीवास्तव, सेल्स टैक्स कमिशनर श्री बजरंगी यादव, श्री प्रवीण कुमार सिंह सहित कानपुर/लखनऊ के वरिष्ठ सुश्री निवेदिता श्रीवास्तव, संध्या सिंह, डॉ कुसुम शिकला, साजिदा सबा, अन्नपूर्णा बाजपेई 'अंजु', मीना पाठक, मधु प्रधान, रश्मि कुलश्रेष्ठ, रंजना जोशी, कुमार तरल, शैलेंद्र संदीप सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार और कवि उपस्थित थे । अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने अकादमी के उद्देश्यों और कार्यों की की विस्तार से चर्चा की और उपस्थित साहित्यप्रेमियों से अकादमी से जुड़ने की अपील की । समारोह में अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका 'हिंदुस्तानी भाषा भारती'के अंक का लोकार्पण भी हुआ ।

कॉर्यक्रम का सफल संचालन श्री बृजेश द्विवेदी ने किया । इस भव्य समारोह को अकादमी के वरिष्ठ पदाधिकारी सुश्री सरोज शर्मा, सुरेखा शर्मा, सीमा सिंह, डॉ बीना राघव, कुमारी वंदना, सर्वश्री हामिद खान , विजय कुमार राय, अमर नाथ गिरि ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति और प्रयासों से सफल बनाया ।

वैश्विक साहित्य संस्कृति महोत्सव

बाली (इंडोनेशिया) में 12 दिसम्बर, 2016 को "वैश्विक साहित्य संस्कृति महोत्सव' में हुए भव्य समारोह में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक को उनके भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के माध्यम से हिंदी की राष्ट्रीय स्वीकार्यता के लिए किये जा रहे प्रयासों और साहित्य संगठन के लिए "भारत भास्कर अवार्ड 2016" से सम्मानित किया गया । इसमें भारत के विभिन्न प्रान्तों से पधारे वरिष्ठ साहित्यकारों की उपस्थित में सम्मान पत्र, सम्मान राशि 11000/- रुपये, स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्रंम भेंट किया गया । इस अवसर पर अकादमी की त्रैमासिक पत्रिका "हिंदुस्तानी भाषा भारती" के अंक और अकादमी प्रकाशन "शब्द गाथा" का विमोचन भी हुआ । समारोह में डॉ प्रेम जनमेजय, डॉ लालित्य ललित, डॉ सुधीर शर्मा, डॉ हरिसुमन विष्ट, छत्तीसगढ़ से मंत्री डॉ गणेश कौशिक, श्री प्रत्यूष गुलेरी, सुश्री कुसुम शर्मा, डॉ प्रमोद शर्मा, डॉ गिरीश पंकज, संदीप शर्मा, डॉ मृणालिका ओझा सहित देश के कई वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित थे । समारोह में विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपने संबोधन में श्री सुधाकर पाठक ने अकादमी के गठन के उद्देश्यों और कार्यों की विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं को साथ लिए बिना हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाना बहुत कठिन होगा। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग राज्यों से आये साहित्यकारों से अकादमी की हिंदी के "राष्ट्रीय स्वीकार्यता अभियान" से जुड़ने का अनुरोध किया । श्री पाठक ने युवाओं को साहित्य और भाषाओँ के प्रचार -प्रसार से जोड़ने का भी अनुरोध किया । उन्होंने अकादमी के पिछली योजनाओं जैसे समीक्षा सम्मान, काव्य प्रतिभा खोज, सार्थक साहित्य का प्रकाशन की चर्चा सहित अगामी कार्यक्रमों में भाषा के क्षेत्र में कुछ ठोस और गंभीर प्रयासों किए जाने की बात भी की । समारोह में उपस्थित सभी साहित्यकारों ने अकादमी के गंभीर प्रयासों की प्रसंशा की और यथा संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया ।

हिंदुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान-2015

नव रचनाकारों के लिए जटिल समझी जाने वाली समीक्षा विधा से अवगत कराने और समीक्षा लेखन को प्रोत्साहित करने के उद्द्येश्य से हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से "हिंदुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान" योजना की शुरुआत की गई है । हिंदी साहित्य के क्षेत्र में किसी एक पुस्तक पर पूरे देश से प्राप्त समीक्षाओं को पुस्तक रूप में प्रकाशित करने और श्रेष्ठ समीक्षकों को सम्मानित करने का पुनीत कार्य भी अकादमी कर रही है । इसी में क्रम में अकादमी द्वारा वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुधाकर पाठक के कविता संग्रह "जिंदगी....कुछ यूँ ही" पर प्राप्त देश के श्रेष्ठ 50 समीक्षकों की समीक्षाओं का संकलन "शब्द गाथा" का प्रकाशन और लोकार्पण किया गया है। हिंदी साहित्य जगत में यह एक अनूठा प्रयोग माना जा रहा है । वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नामवर सिंह जी ने उसे अद्भुत प्रयोग कहा है, वहीँ वरिष्ठ साहित्यकार डॉ हरीश नवल और डॉ ओम निश्छल ने पुस्तक में भूमिका लिखी है और इस पूरे आयोजन को ही बेमिसाल कहा है । संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ सत्यनारायण जटिया जी ने पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर कहा कि यह पुस्तक समीक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगी । इस अवसर पर प्रसिद्द हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा जी, शिक्षाविद और साहित्यकार डॉ सीता सागर, डॉ प्रभा ठाकुर और डॉ लक्ष्मीशंकर बाजपेई सहित उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकारों ने इस योजना की प्रशंसा की । निश्चित रूप से यह एक अनमोल पुस्तक है और संग्रहणीय है। इससे न केवल साहित्य के विद्यार्थिओं को समीक्षा विधा को समझने का अवसर मिलेगा बल्कि यह जानना भी रोचक होगा कि किसी एक पुस्तक या विषय पर अलग अलग समीक्षकों की सोच क्या है ? नव समीक्षकों सहित वरिष्ठ साहित्य प्रेमियों से अनुरोध है कि इस पुस्तक और योजना पर अपने बहुमूल्य मत से अवगत अवश्य कराएं ।

मुशायरा-शिखर संस्था

'शिखर संस्था' (महिलाओं और बच्चों के लिए कार्यरत) की ओर से बुराड़ी, दिल्ली में सुश्री संध्या शर्मा के संयोजन में एक बेहतरीन मुशायरे का आयोजन किया गया जिसमें सर्वश्री भारत भूषण आर्य, अज़हर अल्बी, अज़हर इक़बाल, राजीव रियाज़, अनवर कमाल, पूनम यादव, अस्तित्व अंकुर, खुशबू सक्सेना और कुमारी वंदना ने बेहतरीन रचनाओं से श्रोताओं का मन जीत लिया । इस मुशायरे में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से अकादमी की सलाहकार सुश्री सरोज शर्मा जी और प्रवक्ता श्री भूपेंद्र कुमार सेठी जी विशिष्ठ अतिथि के रूप में सम्मलित हुए । मुशायरे की अध्यक्षता अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने की और मुशायरे की समाप्ति पर सभी आमंत्रित शायरों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।

स्पंदन-श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय

श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय के सभागार में 'हिंदी साहित्य सभा' की ओर से तीन दिवसीय 'स्पंदन' समारोह के दूसरे दिन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के प्रथम सत्र में विख्यात कवि और दूरदर्शन कलाकार श्री शैलेश लोढ़ा (तारक मेहता का उल्टा चश्मा से प्रसिद्द) ने युवाओं से खचाखच भरे सभागार में हिंदी और भारतीय भाषाओं पर एक सारगर्भित वक्तव्य दिया और उन्हें हिंदी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया । दूसरे सत्र में कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री राजेंद्र राजा ने की और विशिष्ठ अतिथि के रूप में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक और सानिध्य में हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार के सचिव डॉ जीत राम भट्ट थे । मंचासीन कवियों में युवा कवि और अकादमी के प्रवक्ता श्री बृजेश द्विवेदी, श्री विनय विनम्र, श्री शम्भु शिखर और सुश्री प्रीति विश्वास थीं । इस अवसर पर अकादमी के सलाहकार और मीडिया प्रमुख श्री हामिद खान और पत्रिका प्रसार प्रभारी और प्रवक्ता श्री भूपेंद्र सेठी जी की गरिमामयी उपस्थिति रही । हिंदी साहित्य सभा के मार्गदर्शक और हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ रवि शर्मा ने समारोह के आयोजन पर प्रकाश डाला और कवि सम्मेलन का सञ्चालन भी किया । अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने हिंदी साहित्य सभा को इस सफल आयोजन की शुभकामनायें दीं और साथ में भविष्य में होने वाले इस तरह के आयोजनों में अपने सहयोग की बात भी की ।

दावत-ए-सुख़न

हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के सह -आयोजन में गज़ल और गीतों को समर्पित एक बेहतरीन कॉर्यक्रम 'दावत-ए-सुख़न' का आयोजन दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के अमीर खुसरो सभगार में 11 फरवरी, 2017 (रविवार) को हुआ जिसमें देश के नामचीन कवियो और शायरों ने अपने रचना पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । इस शानदार आयोजन में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी भी सहआयोजक थी । हिंदुस्तानी भाषा अकादमी की ओर से अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने देश के वरिष्ठ शायर आदरणीय मंगल नसीम साहब को शाल और पुष्पगुच्छ से स्वागत किया । अकदमी के मीडिया प्रभारी श्री हामिद खान, संगठन सचिव सुश्री सरोज शर्मा, साहित्यिक सलाहकार श्री विजय कुमार राय, साहित्यिक सचिव सुश्री रंजीता राय, विधि सलाहकार श्री अमरनाथ गिरी और पत्रिका प्रसार प्रभारी श्री भूपेंद्र सेठी सम्मलित हुए । इस सफल आयोजन के लिए कॉर्यक्रम के सूत्रधार श्री मनीष मधुकर, सुश्री सुशीला शिवराण, विजय स्वर्णकार, रसिक गुप्ता, अस्तित्व 'अंकुर', मनोज 'बेताब', अजय 'अक्स' और पूरी टीम को हार्दिक बधाई ।